पंचायती राज

Sunday, 11 February 2018

दिव्य पंचायत बना आपकी आवाज विकास अधिकारियों से वापस लिया श्रम विभाग का काम

विकास अधिकारियों से वापस लिया श्रम विभाग का काम
बाड़मेर सहित 9 जिलों में बीडीओं नही ले रहे थे काम मे रूचि
दिव्य पंचायत बना आपकी आवाज
 दिव्य पंचायत समाचार पत्र ने 7 फरवरी के अंक में खबर

बालोतरा। आपके अपने अखबार की एक और दमदार खबर का असर राजधानी जयपुर तक हुआ हैं। दिव्य पंचायत समाचार पत्र ने 7 फरवरी के अंक में ‘‘ मजदूरों की नही सुनती सरकार’’ बाड़मेर जिले में 13 श्रमिक पंजीयन आवेदन अटके शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया तथा विभाग के मंत्री सहित चीफ सके्रटरी तक अखबार की प्रति भिजवाई गई। जिसका असर यह हुआ कि विभाग ने अगले ही दिन 8 फरवरी को एक आदेश जारी कर बाड़मेर सहित नौ जिलों में विकास अधिकारियों से काम छिन कर विभाग ने अपने हाथ में ले लिया। गौरमलब रहे कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल ने बाड़मेर सहित नौ जिलों के विकास अधिकारियों के पास लम्बित प्रकरणों का समय पर निस्तारण नही होने से मंडल ने काम वापस ले लिया हैं। गौरतलब रहे कि बाड़मेर जिले में मंडल से संबंधित काम विकास अधिकारियों के सौंपने के बाद लगातार पेडेंसी बढ रही थी तथा 13 हजार पंजीयन आवेदन लम्बे समय से अटके पड़े थे, साथ ही साथ हितलाभ के आवेदनों का निस्तारण नही होने से श्रमिक हितलाभ से वंचित हो रहे हैं। इसको देखते हुए मंडल ने 8 फरवरी को एक आदेश जारी कर बाड़मेर, जोधपुर, अलवर, दौसा, हनुमानगढ, झुझूनू, उदयपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर जिले के विकास अधिकारियों से काम वापस ले लिया हैं।


2016 में सौंपा था विकास अधिकारियों को काम

मंडल ने 7 अप्रैल 2016 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों के पंजीयन की जिम्मेदारी विकास अधिकारियों को सौंपी थी, लेकिन विकास अधिकारी अपने विभागीय काम के बोझ के चलते इस काम को प्रमुखता से नही कर पा रहे थे, जिससे निर्माण श्रमिक हितलाभ से वंचित हो रहे थे तथा निर्माण श्रमिकों की सरकार के प्रति नकारात्मक रवैया बन रहा था जिसके चलते मंडल की योजनाओं की धरातल पर भद्द पिट रही थी।

बाड़मेर जिले में थार कमठा मजदूर यूनियन ने उठाया था मुद्दा

विकास अधिकारियों द्वारा निर्माण श्रमिकों द्वारा समय पर कार्य नही करने को लेकर विभागीय मंत्री, श्रम आयुक्त, सहित मुख्यकार्यकारी अधिकारी, सहायक श्रम आयुक्त सहित विकास अधिकारियों से मिलकर थार कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष करनाराम मांजू ने श्रमिक पंजीयन सहित विभिन्न योजनाओं के आवेदनों के निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन पिछले कुछ समय से ओटीपी सिस्टम चालू होने से काम नही हो पा रहा था तथा विकास अधिकारी इस काम में अधिक रूचि नही दिखा रहे थे, इसके चलते निर्माण श्रमिक मंडल की योजनाओं का फायदा नही ले पा रहे थे, इसकों लेकर भी यूनियन के अध्यक्ष ने बाड़मेर से लेकर जयपुर तक संघर्ष किया, जिसकी बदौलत मंडल ने आदेश जारी कर कार्य पुन: विभाग के हवाले किया गया। यूनियन के अध्यक्ष मांजू ने बताया कि सरकार को बार-बार जनादेश भेज कर जिले में श्रमिकों की समस्याओं के निस्तारण की मांग रखी इसमें विभिन्न समाचार पत्रों ने भी सहयोग दिया, जिससे में हमे समस्या का समाधान करवाने में आसानी रही। 



इनका कहना हैं

विभाग ने आदेश जारी किया हैं, विकास अधिकारियों के पास लम्बित प्रकरण विभागीय अधिकारियों की आईडी पर ट्रांसफर होते ही जल्द से जल्द निस्तारण करने का प्रयास रहेगा।
शैलेन्द्र चारण
सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा

बाड़मेर जिले में विकास अधिकारी मंडल से संबधित कार्य नही कर रहे थे, इस संबंध में जयपुर में उच्चाधिकारियों के समक्ष मामला रखा। मंडल ने काम वापस लेकर श्रम विभाग को सौंपा हैं, ऐसे में समय पर लंबित प्रकरणों का निस्तारण होने से निर्माण श्रमिकों को लाभ मिल सकेगा।
करनाराम मांजू,
जिलाध्यक्ष थार कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर

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