पंचायती राज

Wednesday, 9 February 2022

बाड़मेर की बेटी की बड़ी उड़ान अब जोधपुर में करेगी डॉक्टर की पढ़ाई

 बाड़मेर की बेटी की बड़ी उड़ान अब जोधपुर में करेगी डॉक्टर की पढ़ाई





कहते हैं कि हिम्मत और लगातार की गई मेहनत को हमेशा अच्छा मुकाम मिल ही जाता है। ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है पश्चिमी राजस्थान की बेटी लक्ष्मी चौधरी के साथ। नीट यूजी 2021 का परिणाम जारी होने के दौरान ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड में बाड़मेर की लक्ष्मी चौधरी को ऐम्स राजकोट में जगह मिली। वहीं ऑल राजस्थान काउंसलिंग के ही फर्स्ट राउंड में लक्ष्मी को जोधपुर में रहकर अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने का मुकाम मिला है। लक्ष्मी की इस सफलता पर बाड़मेर में जश्न का माहौल है।

 एक जमाना हुआ करता था जब पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर को बेटियों की कब्रगाह कहा जाता था लेकिन आज आलम बिल्कुल बदल चुका है। आज यहां की बेटियां सफलता और बुलंदी पर जाकर विजय पताका फहरा रही है। ऐसी ही एक बेटी है बाड़मेर के छोटे से गांव माडपुरा बरवाला की रहने वाली लक्ष्मी चौधरी। लक्ष्मी की शुरुआती पढ़ाई छोटे से गांव माडपुरा बरवाला से हुई। उसके बाद लक्ष्मी ने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई बाड़मेर के केंद्रीय विद्यालय जालीपा से की।अपने पिता डूंगरसिंह के सपने को साकार करने के लिए लक्ष्मी ने कोटा में जाकर अपनी मेडिकल की तैयारी पूरी की। नीट यूजी 2021 में बाड़मेर की लक्ष्मी ने झंडे गाड़ दिए। लक्ष्मी ने ऑल इंडिया स्तर पर 4107 और ऑल इंडिया ओबीसी में 1364 रैंकिंग प्राप्त की। उसके बाद ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड के दौरान उसका चयन ऐम्स राजकोट के लिए हुआ। राजकोट के ऐम्स में दाखिले से पहले राजस्थान लेवल की फर्स्ट राउंड की काउंसलिंग में लक्ष्मी ने फिर परचम फहराया और उसका चयन डॉ संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज जोधपुर के लिए अपनी सीट हासिल कर दी। लक्ष्मी फर्स्ट राउंड में दोनों जगह पर क्लियर करने वाली बाड़मेर की पहली बेटी है। अपनी बेटी की सफलता पर उनके पिता डूंगरसिंह खुद को नाज है।


 वहीं दूसरी तरफ 3 साल तक अपनी पढ़ाई के दौरान ड्राप और चंद अंको से पीछे रहने वाली लक्ष्मी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और घरवालों को देती है। उसके मुताबिक पढ़ाई के दौरान मोबाइल का तो प्रयोग किया लेकिन सोशल नेटवर्किंग साइट से दूरी बना रखी। लगातार कोचिंग के साथ-साथ लाइब्रेरी और सेल्फ स्टडी उसकी सफलता का आधार बने।

 आज एक तरफ जहां लक्ष्मी की सफलता के बाद पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में जश्न का माहौल है। वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मी जैसी बेटियां अब बदलते बाड़मेर को न केवल राजस्थान में बल्कि देशभर में एक मिसाल के तौर पर पेश कर रही है।

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