जन-समस्याएं

झोलाछाप डॉक्टर अब चलाते हैं 
ऑलीशान क्लीनिक
देहाती क्षेत्रों में पूरा कर रहे हैं डॉक्टरी का ख्वाब

  • बालोतरा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में यूबी, बिहार, बंगाल सहित स्थानीय युवक मेडिकल स्टोरों की आड़ में डॉक्टरी का ख्बाव पूरा कर रहे हैं, तो कई ऑलिशान क्लीनिकों के जरिये ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर चांदी कूट रहे हैं। पूरे जिले में ऐसे तथाकथित डॉक्टरों की तादात एक हजार से अधिक हैं, लेकिन हकीकत यह हैं कि इनका चिकित्सा विभाग के पास कोई ब्यौरा नही हैं जिसके चलते कई झोलाछाप डॉक्टर अनहोनी का अंदेशा होने पर भाग जाते हैं, ऐसे में चिकित्सा महकमे के ये डॉक्टर नकद दामाद बने हुए हैं।

नियमों के अनुसार कम्पाउंडर को भी दवाई लिखने का अधिकार नही हैं, लेकिन ये तथाकथित डॉक्टर दवाई तो क्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव तक करा रहे है। ये डॉक्टर मरीजों को किसी प्रकार की कोई लिखित पर्ची नही देते हैं ऐसे में अनहोनी होने पर ये ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से खारीज कर देते हैं, ऐसे में कहा जा सकता हैं कि व्यवस्था के आधार पर जिस अधिकारी के पास जिम्मा सौंपा हुआ हैं वो किसी आदेश या निर्देश का इंतजार कर रहे हैं, तब तक ग्रामीण भले की अपनी अनमोल जिन्दगी इन तथा कथित झोलाछाप डॉक्टरों के हवाले कर दे।
कई ग्रामीण बन चुके हैं काल के ग्रास

  • झोलाछाप डॉक्टर जिले में कई अनजान-अनपढ ग्रामीणों की जान ले चुके हैं, बावजूद इसके चिकित्सा विभाग ऐसे तथाकथित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाही नही कर रहा हैं। सूत्रों ने बताया कि कई बार ऐसे डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाई और इंजेक्शन के चलते मरीज की मौत तक हो चुकी हैं, लेकिन इनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाही नही हो रही हैं, ऐसे में कहा जा सकता हैं कि पूरा चिकित्सा महकमा इनके ऊपर मेहरबान बना हुआ हैं।

ग्रामीणों की मजबूरी बने ये डॉक्टर

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी चिकित्सा की कोई पुख्ता व्यवस्था नही होने से ग्रामीणों को हारी-बीमारी के समय मजबूरी में इन तथाकथित डॉक्टरों की चरण में जाना पड़ता हैं। सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैठे यह डॉक्टर बिना किसी पर्ची के अपनी मन मर्जी के अनुसार अपने पास से इंजेक्शन, ग्लूकोज, दवाई इत्यादी देते हैं।

बिना जांच के ही बता देते हैं आपको फलां रोग हैं

  • ग्रामीण क्षेत्रों में जमे तथाकथित डॉक्टर मरीजों को देखने में एम्स के डॉक्टरों से आगे निकल रहे हैं, ये डॉक्टर मरीजों को देखते ही बता देते हैं आपको फलां रोग हैं, किसी बीमारी का पता लगाने के लिए कई प्रकार के परीक्षण करवाने होते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जमे डॉक्टर इतने माहिर होते हैं कि मरीज को देखते ही बता देते हैं आपको मलेरिया हैं या फिर नमोनिया, बगैरह-वगैरह।

हर बीमारी का ईलाज तीन इंजेक्शन

  • इन डॉक्टरों के पास जाने वाले प्रत्येक मरीज को तीन इंजेक्शन लगाने का फॉर्मूला फिट रहता हैं, चाहे बुखार कैसा भी हो ये डॉक्टर तीन इंजेक्शन लगाकर उसका इलाज कर रहे हैं। कई जगह संचालित हो रहे इन मिनी अस्पतालों में ऐसे नजारे देखे जा सकते हैं। हर मर्ज की एक ही दवा के आधार पर एक ही शिशी से दिन भर आने वाले मरीजों को इंजेक्शन लगाये जाते हैं, मरीज बच्चा हो या बुजुर्ग।

मेडिकल स्टोरों की आड़ में भी चमका रहे हैं डॉक्टरी

  • ग्रामीण क्षेत्रों में खुली मेडिकल स्टोरों व हौम्योपैथिक स्टारों पर भी दवाई बेचने के साथ-साथ वहां लगे युवक अपनी डॉक्टरी का ख्वाब पूरा कर ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरी चमका रहे हैं। मेडिकल स्टोरों पर कार्यरत युवकों के पास न तो डिग्री होती हैं न ही किसी प्रकार का प्रशिक्षण फिर भी ये युवक ग्रामीणों को बिना पर्ची के दवाई बेच रहे हैं तथा यहां तक की इंजेक्शन तक लगा रहे हैं।

यहां संचालित हो रही हैं झोलाछाप डॉक्टरों की दुकाने
वैसे तो पूरे जिले में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरी की बड़ी फौज कार्यरत है, लेकिन गिड़ा पंचायत समिति मुख्यालय पर शिवम होम्योपैथिक, चामुंडा मेडिकल, परेऊ में एक बंगाली युवक सहित कई स्थानीय, लापुंदड़ा, उतरणी, चिडिय़ा, सणतरा, पाटोदी, बालोतरा शहर, आसोतरा, खोखसर, सिवाना, समदड़ी, बायतू क्षेत्र  में भी ऐसे ही डॉक्टर मजे में ग्रामीणों की जान से खेल रहे हैं।

1 comment:

  1. मेघवालो का वास, देवरिया ग्राम पचायत में नई सीसी ब्लॉक रोड पर उम्मेदाराम s/ अक्का राम ने अतिक्रमण कर के रोड पर बड़ा गेट लगा दिया गया और लोगो से लड़ाई झागड़ा करके आम लोगो को परेशान करता रहता है अत कोई कृपा करके इस अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने की कृपा करे

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