Thursday 17 August 2017

राजस्थान रिफाइनरी परियोजना

प्रदेश के फायदे की रिफाइनरी को केन्द्र से मिली मंजूरी 

 

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास पर समझौता पत्र पर राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्रीमती अपर्णा अरोरा तथा एचपीसीएल की ओर से निदेशक (वित्त)  जे. रामास्वामी ने हस्ताक्षर किए

 मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एचपीसीएल के साथ कम्पनी गठन का करार

जयपुर। राजस्थान रिफाइनरी परियोजना को केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिलने के एक दिन बाद गुरुवार को राजस्थान सरकार तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच बाड़मेर रिफाइनरी के लिए संयुक्त उपक्रम समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अनुसार एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड नाम से संयुक्त उद्यम कम्पनी बनेगी जिसमें एचपीसीएल की 74 प्रतिशत और राजस्थान सरकार की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस परियोजना पर 43 हजार 129 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास पर समझौता पत्र पर राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्रीमती अपर्णा अरोरा तथा एचपीसीएल की ओर से निदेशक (वित्त)  जे. रामास्वामी ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिफाइनरी की स्थापना के लिए अब तक की प्रगति पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने निर्देश दिया कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद रिफाइनरी के काम में और तेजी लाई जाए।

रि-नेगोशिएशन के कारण निवेश पर आय 2 की बजाय 12 प्रतिशत

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान रिफाइनरी के लिए सभी जरूरी स्वीकृतियां तय समय सीमा में प्राप्त कर ली जाएंगी और हमारा प्रयास है कि उसके बाद भूमि पूजन करवाकर शीघ्र काम शुरू करवा दिया जाये। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों और एचपीसीएल के बीच राज्यहित में सकारात्मक सोच के साथ हुए रि-नेगोशिएशन के परिणामस्वरूप इस परियोजना की लागत में 40 हजार करोड़ रुपये की महत्त्वपूर्ण बचत सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि शर्तों के पुनर्निर्धारण के बाद अब राज्य को पूर्ववर्ती समझौते में तय किए गए दो प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (निवेश पर आय) मिलेगा।

रिफाइनरी क्षेत्र में कौशल विकास केन्द्रों से जुड़ेंगे युवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाड़मेर रिफाइनरी बीएस-6 मानक के पेट्रो उत्पाद बनाने वाली देश की पहली रिफाइनरी परियोजना होगी जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को आईटीआई तथा कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रिफाइनरी और उससे जुड़े उद्योगों में रोजगार पाने के लिए तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की स्थापना की संभावना भी तलाशी जाए।

पश्चिमी राजस्थान बनेगा सहायक उद्योगों का हब

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान के कच्चे तेल से पेट्रोलियम तथा कई तरह के पेट्रो-केमिकल उत्पाद तैयार करने के लिए स्थापित की जा रही इस परियोजना से न केवल बाड़मेर अपितु पूरे पश्चिमी राजस्थान की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान पेट्रोलियम सहायक उद्योगों के हब के रूप में उभरेगा जिससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के ढेरों अवसर पैदा होंगे। इसके लिए उन्होंने उद्योग विभाग को विशेष प्रयास कर स्थानीय लघु उद्यमियों को सहायक उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया। हस्ताक्षर समारोह के दौरान जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप और खान एवं पेट्रोलियम राज्यमंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह, मुख्य सचिव  अशोक जैन, एचपीसीएल के सीएमडी एमके सुराणा और राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम एनसी गोयल सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, सचिव तथा एचपीसीएल और खान एवं पेट्रोलियम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रिफाइनरी की ओर तेजी से बढ़ते कदम

•18 अप्रैल, 2017 को नये सिरे से एमओयू के बाद परियोजना पर तेज गति से अमल के लिए 22 मई, 2017 को टास्क फोर्स का गठन।
•समिति ने मूलभूत जरूरतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के साथ लगातार बैठकें की।
•16 अगस्त, 2017 को केन्द्र सरकार ने परियोनजा को स्वीकृति प्रदान की।
•17 अगस्त, 2017 को रिफाइनरी के लिए संयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर।
•4813 एकड़ भूमि की बाउण्ड्री वॉल के लिए निविदा जारी कर काम शुरू।
राजस्थान की रिफाइनरी में क्या है खास
•देश की पहली परियोजना जहां रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ।
•4 वर्ष की रिकॉर्ड अवधि में पूरा होगा काम। देश की पहली बीएस 6 मानकों वाली रिफाइनरी परियोजना।
•रिफाइनरी के वेस्ट पेटकोक से बनेगी बिजली। 270 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा।
•रिफाइनरी के अलावा सहायक उद्योगों में मिलेंगे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर।
•रिफाइनरी परिधि क्षेत्र में बनेगा ग्रीन जोन। साथ ही, नवीन औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।  

Thursday 10 August 2017


 तेजा भक्त पहुंचे शहीद धर्माराम की ढाणी, परिजनों से जानी वीरगाथा

शहीदों के सम्मान में तेजा भक्त मैदान में




गिडा। शहीदों के सम्मान में तेजा भक्त मैदान में टीम ने बुधवार को बाडमेर जिले के तारातरा शहीद धर्माराम चौधरी के घर पहुंचे तथा शहीद के परिजनों और वीरांगना से शहीद की वीर गाथा का संकलन किया। टीम के संयोजक विश्वेन्द्रसिह चौधरी ने बताया कि वीर सपूत धर्माराम ने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौशावर किया, इनकी वीर गाथा को समाज के सामने रखना जरूरी हैं, इससे हमारी युवा पीढी में देशभक्ति की भावना विकसित होगी। ऐसे वीर सपूतों की गाथाओं को वीर तेजा विशेषांक पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होने बताया कि पुस्तक को घर-घर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।




किसान केसरी विद्यालय बताये अनुभव

इससे पूर्व तेजा भक्तों की टीम प्रातः बाडमेर जिला मुख्यालय स्थित किसान केसरी विद्यालय पहुंची जहां पर स्कूल प्रबंधक प्रेमाराम भादू ने स्वागत किया। संयोजक विश्वेन्द्र चौधरी ने विद्यालय में छात्राओं साथ अपने अनुभव शेयर करते हुए विभिन्न शहीदों की संक्षिप्त वीर गाथाओं से अवगत करवाया। इस दौरान करनाराम मांजू, नेमाराम गोदारा, दौलत डेलू, अन्नराज गोदारा, प्रेम सियाग, रमेश गोदारा, बांकाराम लेगा सहित कई सदस्य साथ रहे।


 तारातरा गांव में शहीद धर्माराम के घर पर तेजा भक्तों की टीम।





Wednesday 9 August 2017

चिकित्सा मंत्री ने ली जालोर, बाड़मेर, पाली और सिरोही जिलों की समीक्षा बैठक बाढ़ प्रभावित



चिकित्सा मंत्री ने ली जालोर, बाड़मेर, पाली और सिरोही जिलों की समीक्षा बैठक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए धन की कोई कमी नहीं चिकित्सा विभाग से जुडे़ प्रस्ताव तत्काल होंगे स्वीकृत

जयपुर। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों से चिकित्सा विभाग संबंधित़ जो भी प्रस्ताव प्राप्त होंगे, उन्हें तत्काल स्वीकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उपलब्ध बजट खर्च कर नए प्रस्ताव भेज दें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में किसी तरह की कोताही नहीं हो।
सराफ रविवार को जालोर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ प्रभावित जिलों बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली में चिकित्सा विभाग तथा पशुपालन से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर बेहद गंभीर है और राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। 
बाढ़ प्रभावित जिलों में 187 नए डॉक्टरों की नियुक्ति
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में अब डॉक्टरों की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि चारों जिलों में मेडिकल ऑफिसर तथा विशेषज्ञ चिकित्सक सहित कुल 187 नए डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी गई है। इनमें से करीब 70 प्रतिशत डॉक्टरों ने पदस्थापन स्थान पर ज्वाइनिंग दे दी है। उन्होंने कहा कि यदि 12 अगस्त तक कोई डॉक्टर ज्वाइन नहीं करेगा तो उसके स्थान पर वेटिंग लिस्ट से नए डॉक्टरों का पदस्थापन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जालोर में 37, बाड़मेर में 65, सिरोही में 22 तथा पाली में 63 नए डॉक्टर लगाए गए हैं। 
कलेक्टर आवश्यकता के अनुसार कर सकेंगे डॉक्टरों का पदस्थापन
सराफ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के हर क्षेत्र में डॉक्टरों की संख्या समान रहे, इसके लिए जिला कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया गया है कि वे हर क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों को पदस्थापित कर सकेंगे ताकि उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग हो और रोगियों को तुरंत राहत मिल सके। उन्होंने बाड़मेर के चौहटन में स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा सिवाना में दो विशेषज्ञ चिकित्सक 3 दिन में नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पैरामेडिकल स्टाफ की भी कोई कमी नहीं रहेगी। शीघ्र ही 2400 कार्मिकों की नियुक्ति हो जाएगी। साथ ही 2650 एएनएम की भर्ती भी अंतिम चरण में है।
जालोर में 20 अतिरिक्त मेडिकल टीम के आदेश
सराफ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित चारों जिलों में त्वरित राहत के लिए कुल 234 मेडिकल टीमों को लगाया है,जो लगातार इन क्षेत्रों में लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। अब तक 87 हजार 457 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।जिला कलेक्टर श्री एल.एन. सोनी ने जब बैठक में जालोर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की दुर्गमता और विकटता से अवगत करवाया तो चिकित्सा मंत्री ने जालोर में तत्काल 20 अतिरिक्त मेडिकल टीम लगाने के आदेश दिए।
क्षतिग्रस्त स्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत के प्रस्ताव भेजें
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि बाढ़ प्रभावित चारों जिलों में चिकित्सा सुविधाओं के लिए एक करोड़ रूपए से अधिक का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त भी बजट की आवश्यकता हो तो सीएमएचओ शीघ्र प्रस्ताव बनाकर भेज दें।इन प्रस्तावों को प्राथमिकता से स्वीकृत किया जाएगा।उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान अगर कोई स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हुआ है तो उसकी मरम्मत के प्रस्ताव भी शीघ्र भिजवा दें। 
चारों जिलों में प्रचुर मात्रा में दवाइयां उपलब्ध
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक वी.के. माथुर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में कीटनाशक पायरेथ्रम, टेमीफोस, आरडीटी किट, ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरिन टेबलेट, ओआरएस पैकेट एवं अन्य दवाइयां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही चारों में 26 चिकित्सक एवं 27 पैरामेडिकल स्टाफ अन्य जिलों से लगाया गया है। उन्होंने बताया कि चारों जिलों में फोगिंग एवं एंटी लार्वा गतिविधियां भी नियमित रूप से संचालित की जा रही है।
चिकित्सा मंत्री ने किया अस्पतालों का निरीक्षण
बैठक से पहले चिकित्सा मंत्री सराफ ने जालोर के जिला अस्पताल तथा मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों,लैब,आईसीयू,मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा केंद्र आदि का अवलोकन किया और आवश्यक निर्देश दिए। 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री, सांसद और राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष-प्रो.सांवर लाल जाट का नई दिल्ली में देहांत-प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं और सांसदों ने गहरा शोक व्यक्त किया



जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के अजमेर से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवर लाल जाट का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे पिछले कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे। पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जयपुर में एक मीटिंग के दौरान वे बेहोश हो गए थे। उनको दिल का दौरा पड़ा था। सांवर लाल जाट 62 साल के थे। उनके निधन से सभी ओर शोक की लहर छा गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम वसुंधरा राजे सहित राजनितक क्षेत्र की सभी हस्तियों ने सांवरला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। राज्य सरकार ने गुरुवार को एक दिन का राजकी य शोक घोषित किया है। सांवर लाल की पार्थिव देह का गुरुवार को उनके पैतृक गांव गोपालपुरा में अंतिम संस्कार होगा। 
- किसान आयोग के अध्यक्ष व किसानों के बड़े जाट नेता के रूप में मशहूर सांवरलाल जाट को जयपुर के सवाईं मान सिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन हालत में सुधार ना होने पर उनको दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया गया था। उनकी हालत में फिर भी कोई सुधार नहीं था। सांवर लाल मोदी सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री रह चुके हैं।
केबिनेट में हुआ शोक प्रस्ताव पारित
- सांवरलाल के निधन पर सीएम वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक बुलाई गई। बैठक में सांवर लरल के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया।
मीटिंग में बिगड़ी थी हालत
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पिछले माह 22 जुलाई को जयपुर में विधायकों व सांसदों की बैठक ले रहे थे। बैठक में सांवर लाल बोलने के लिए खड़े हुए और तभी बेहोश होकर गिर गए थे।
- उन्हें बेहोशी की हालत में एसएमएस अस्पताल लाया गया तो पल्स और ब्लड प्रेशर नॉन रिकॉर्डेबल थी।
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इसके बाद कार्डिक एक्सपर्ट की टीम ने उन्हें 2 बार डीसी शॉक देकर संभाला। फिर उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया।
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स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया था कि सांवर लरल की दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं। इसके साथ ही उन्हें शुगर की भी प्रॉब्लम भी थी। उस दिन वे डायलिसिस कराने के बाद अमित शाह की मीटिंग में पहुंचे थे।
किसानों के मुद्दे पर बोलकर बैठे और चक्कर आया
- ऐसा कहा जा रहा है कि मीटिंग में किसानों की समस्याओं को लेकर बातचीत चल रही थी। सांवरलाल जाट ने भी अपनी बात रखी। फिर अपनी सीट की तरफ बढ़े। तभी उन्हें बैचेनी हुई और वे उठकर दरवाजे की तरफ जाने लगे। फिर लड़खड़ाकर गिर गए और बेहोश हो गए।
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कुछ वक्त के लिए मीटिंग में मौजूद लोग के बीच अफरा-तफरी मच गई। सीएम वसुंधरा राजे ने फौरान अफसरों को उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाने के आदेश दिए। सीएम खुद ऑफिस से बाहर आ गईंं।
ग्रीन कॉरीडोर बनाकर लाए थे अस्पताल
- ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और उन्हें सवाई मान सिंह हॉस्पिटल पहुंचाया गया था। हेल्थ मिनिस्टर कालीचरण सराफ, राजेंद्र राठौड़ और श्रीचंद कृपलानी एंबुलेंस से उनके साथ एसएमएस अस्पताल पहुंचे।
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उन्हें हॉस्पिटल में कार्डिक यूनिट-1 में रखा गया। डॉक्टर एसएम शर्मा की देखरेख में उनका इलाज चला।
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उल्लेखनीय है कि ग्रीन कॉरिडोर के वक्त ट्रैफिक को क्लीयर करा दिया जाता है ताकि किसी मरीज को बिना किसी रुकावट के हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके।
जानिए उनके बारे में
- सांवरलाल 62 वर्ष के थे, उनका जन्म एक जनवरी 1955 को हुआ।
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सांवरलाल जाट अजमेर से लोकसभा सांसद थे। वे मोदी सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री भी रहे। नौ नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक उन्होंने जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में केंद्र में काम किया है।
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सांवरलाल का जन्म सन 1955 में राजस्थान के अजमेर जिले के गोपालपुरा नामक गांव में हुआ। उन्होंने वाणिज्य में स्नातकोत्तर करने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षक का कार्य किया। वे राजस्थान के अजमेर जिले की भिनाई विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
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सांवर लाल 1993, 2003 और 2013 में वे राजस्थान सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 में अजमेर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था, लेकिन बाद में मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था।
- सांवरलाल जाट अजमेर से सांसद हैं। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट को हराया था। इसके साथ ही वे राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

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