Monday 26 September 2016

जलदाय विभाग के बिल अब हो सकेंगे ऑनलाइन जमा

जयपुर, 26 सितम्बर। जलदाय विभाग ने पेयजल उपभोक्ताओं को राहत देने की कड़ी में नवाचार करते हुए आगामी बिलों के ऑनलाइन जमा कराने की सुविधा देने का निर्णय लिया है। मुख्य अभियंता (मुख्यालय) श्री सीएम चौहान ने बताया कि उपभोक्ता की सुविधा के लिए विभाग द्वारा  ऑनलाइन बिल जमा कराने की व्यवस्था शुरू की जा रही है, जिससे वे सुविधानुसार ई मित्र के जरिए अपना बिल जमा करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे ना केवल उपभोक्ताओं का समय बचेगा बल्कि बिल जमा कराना भी आसान होगा। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विभाग के पास 37 लाख से ज्यादा और जयपुर में साढ़े चार लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। नई व्यवस्था के अनुसार विभाग हर उपभोक्ता को 12 अंकों का यूनिक कन्ज्यूमर आइडेंटिटी नंबर (उपभोक्ता पहचान नम्बर) जारी करेगा। इस नम्बर के लागू होने के बाद उपभोक्ता अपने पानी के बिल ऑनलाइन ई-मित्रा पोर्टल, ई-मित्र मोबाइल एप और ई-मित्र केन्द्र पर आसानी से जमा करवा सकेंगे। अब तक यह व्यवस्था केवल जयपुर जिले में ही लागू थी, इसे अब पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। मुख्य अभियंता ने सभी सर्किल ऑफिसों को आगामी बिलों की गणना निर्धारित मानकों के अनुसार करवाने के साथ, सभी उपभोक्ताओं के विशिष्ठ उपभोक्ता पहचान नंबर आगामी बिल में लगाकर भेजने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि विभाग ने हाल ही एक आदेश जारी कर नए पेयजल कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कनेक्शन के साथ लगने वाले शपथ पत्र और करार पत्र की अनिवार्यता समाप्त करते हुए कनेक्शन लेने की प्रक्रिया को भी सरल किया है। ----  

मुख्यमंत्री जयपुर पहुंचीं, तेज बुखार के कारण डॉक्टरों ने दी आराम की सलाह

जयपुर, 26 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे विशेष विमान से रविवार की रात जयपुर पहुंच गईं है। उन्हें दो दिन से तेज बुखार है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक में शुक्रवार को कोझिकोड पहुंचीं श्रीमती राजे को शनिवार रात तेज बुखार हो गया था। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कोझिकोड में पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शत मानोत्सव के अंतर्गत कालीकट बीच पर आयोजित जनसभा में हिस्सा लिया। जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित राष्ट्रीय नेताओं के साथ श्रीमती राजे मंच पर उपस्थित रहीं। इसके बाद उन्हें गुजराती भवन में आयोजित प्रवासी सम्मेलन में पहुंचना था। ट्रैफिक जाम के कारण वे हल्की बूंदाबांदी के बीच पैदल ही कार्यक्रम स्थल पहुंचीं। इस कार्यक्रम के बाद उन्हें तेज बुखार हो गया। रविवार सुबह श्रीमती राजे का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर कोझिकोड के फिजिशियन डॉ. शशिधरन ने उनका उपचार किया। डॉ. शशिधरन ने बताया कि मुख्यमंत्री को 103 डिग्री बुखार है, इसलिए उन्हें आराम करना चाहिए। इसके बाद श्रीमती राजे सायं 6 बजे जयपुर के लिए विशेष विमान से रवाना हुईं। जयपुर पहुंचते ही उनके पारिवारिक चिकित्सक डॉ. सुधीर भंडारी ने उनका एयरपोर्ट पर ही स्वास्थ्य परीक्षण किया। उसके बाद डॉ. भंडारी ने मुख्यमंत्री का उनके सरकारी निवास 13 सिविल लाइन्स पर पहुंचकर उनका उपचार किया और आराम करने का परामर्श दिया। -

जन प्रतिनिधियों की समस्याओं को शीघ्रता से निस्तारित करें - पर्यटन, कला एवं संस्कृति राज्य मंत्री

जयपुर, 26 सितम्बर। पर्यटन, कला, संस्कृति, साहित्य राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने अधिकारियों से कहा कि वे विधायक, प्रधानगण सहित विभिन्न जन प्रतिनिधियों की प्राप्त समस्याओं एवं शिकायतों को प्राथमिकता से निस्तारित करें। श्रीमती दीपा सोमवार को राजसमंद जिला कलक्टे्रट सभागार में आयोजित अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की संयुक्त समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी जनता के बीच जाए एवं उनकी समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करें। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार की  फ्लेगशीप योजनाओं एवं प्रमुख कार्यक्रमों की जानकारी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित होने वाली बैठकों में दे। पर्यटन राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत निर्मित सम्पत्तियों एवं पूर्ण कार्यो की समीक्षा की और कहा कि अभियान के द्वितीय चरण के लिए चिन्हित किये जा रहे नये कायार्ें के प्रस्तावों में विधायकों के प्रस्तावों को प्राथमिकता से सम्मिलित करें। प्रथम चरण में पूर्ण हुए कार्यों के फोटो भी अपलॉड करने के निर्देश अधिशाषी अभियन्ता को दिए। प्रभारी मंत्री ने इसके अलावा बैठक में भामाशाह योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थिति एवं मरम्मत, ग्रामीण गौरव पथ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की विभागवार समीक्षा भी की।      बैठक में सांसद श्री हरिओम सिंह राठौड़ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मांग के अनुसार पूर्व की भांति बिजली उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति प्रदान कर राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि खराब ट्रांसफार्मर 72 घण्टे की अवधि में आवश्यक रूप से बदले। उन्होंने पुलिसपरिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे ऑवरलोड वाहनों पर रोक के लिये नियमित पेट्रोलिंग करें और वाहनों को निर्धारित रूट पर चलाने के लिये कार्यवाही करें । उन्होंने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की अधीक्षण अभियंता से कहा कि वे बिजली चोरी की रोकथाम भी करें । उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों द्वारा विद्युत लोड बढवाने सहित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के मामलों को गंभीरता से लें और उन्हें प्राथमिकता से हटाएं । बैठक में जिला कलक्टर अर्चना सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन अभियान सहित जिले में होने वाले नवाचाराें एवं नौ चौकी के सुदृढ़ीकरण, बैड़च का नाका परियोजना आदि की जानकारी दी। प्रारंभ में अतिरिक्त जिला कलक्टर ने प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि संबंधित अधिकारी मौजूद थे ।

फोटो युक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर प्रतिबंध

जयपुर!  राज्य सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर फोटो युक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम से जुडे़ सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर 10 जनवरी 2017 तक प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश के अनुसार  जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर ), उप जिला निर्वाचक अधिकारी (अति.जिला कलेक्टर ), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (उपखण्ड अधिकारी एवं सहायक कलक्टर ), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (तहसीलदार) एवं पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान नियुक्त किये जाने वाले बूथ लेवल अधिकारियों एवं पदाभिहित अधिकारियों के स्थानान्तरण पर एक अक्टूबर , 2016 से 10 जनवरी, 2017 तक प्रतिबंध लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचन विभाग द्वारा फोटो युक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम एक अक्टूबर 2016 से 10 जनवरी 2017 तक निर्धारित किया गया है।      इस दौरान अत्यावश्यक मामलों में निर्वाचन आयोग या मुख्य निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति से ही इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण या पदस्थापन के प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जा सकेंगे।   





Saturday 24 September 2016

निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना
हिताधिकारियों को भामाशाह कार्ड व
बैंक खाते की प्रति प्रस्तुत करने के निर्देश

  भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल राजस्थान की निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजनान्तर्गत सत्र 2014-15 में जिन हिताधिकारियों द्वारा सहायता आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये है, उन्हें अपने परिवार का भामाशाह कार्ड व हिताधिकारी के बैंक खाते की प्रति सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय बालोतरा में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।
सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा ने बताया कि मण्डल द्वारा सभी योजनाओं का भुगतान भामाशाह प्लेटफार्म के द्वारा ही किया जाएगा। अतः पंजिकृत निर्माण श्रमिको को अपने परिवार का भामाशाह कार्ड व हिताधिकारी के बैंक खाते की प्रति सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय बालोतरा में प्रस्तुत कर सिडिंग करवाने को कहा गया है ताकि योजना का लाभ समय पर दिया जा सकें।








Monday 19 September 2016

  • राजस्थान की विधानसभा के माननीय सदस्य और बायतू के लोकप्रिय विधायक श्रीमान कैलाश जी चौधरी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आप दिल से राजनीती करते हुए आमजन की समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्षशील रहते है और अन्याय के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते है।
आपके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना।
जय हिन्द,वन्देमातरम।









क्या राजनीतिक हितों की पूर्ति का पद है 

विकास अधिकारी ?
कब मुक्त होंगे सरकारी चंगूलों से पंचायतों को सौपे गए विभाग?
संविधान के 73 वें संशोधन के तहत ग्यारहवीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों से जुड़े कार्य पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। इसी दिशा में पहल करते हुए राज्य सरकार ने पांच विभागों प्रारम्भिक शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा कृषि विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में निष्पादित हो रहे जिला स्तर के समस्त कार्य कर्मिक एवं वित्तीय प्रावधानों सहित पूर्णरूप से पंचायती राज संस्थाओं के तीनों स्तर पर सुपुर्द कर दिए जाने के आदेश दे दिए थे।
फिर अब तक ग्रामीण जन जीवन से जुड़े उक्त महत्वपूर्ण विभाग पंचायतों को पूर्ण अधिकार सहित क्यों नही दिए जा रहे है ?
विभागों के उच्चाधिकारी इन विभागों का मोह क्यों नही छोड़ पा रहे है?
पंचायत स्तर के कर्मचारी ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर के पंचायत समिति और ज़िला स्तर के अधिकारी ज़िला परिषद् के प्रति उत्तरदायी नही हो कर अपने आला अधिकारीयों के प्रति ही उत्तरदायी क्यों है?









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