Saturday 30 September 2017

हज यात्रियों के गांव पहुंचने पर हुआ इस्तकबाल  
47 दिन से हाजी पहुँचें अपने घर
गिड़ा। पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खोखसर पश्चिम के हाजी सरादीन खान , वह हाजीन फुली  हाजी बनकर पहली बार अपने गांव खोखसर पहुँचने  इस्तकबाल किया गया समाजसेवी दिने खान मगंलिया खोखसर ने बताया कि इस साल मक्का - मदीना ,अल्लाह के घर की जियारत कर हाजी बनकर पहली बार हाजी गाव लोटने पर खोखसर के ग्रामीणो ने जोधपुर जिले के चाबा गाव सामने जाकर इस्तकबाल किया ओर सभी ने गले मिलकर हाजीयो को मुबारकबाद दी।
पुर्व सरपंच जले खान, खमीसे खान,सोमराज खान खीवरे खान, करीम खान, मिरे खान, भीखे खान, गफुर खान, समाजसेवी दिने खान , रजाक खान, कमेखान, कालु खान शकुर खान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.|

Tuesday 26 September 2017

नम आंखों से शहीद को विदाई, पैतृक गांव में उमड़े हजारों लोग

नम आंखों से शहीद को विदाई, पैतृक गांव में उमड़े हजारों लोग

अमेश बैरड़
ओसियाँ /जोधपुर

जोधपुर- जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए जोधपुर के गणपत राम कड़वासरा को आज हजारों लोगों ने नम अांखों के साथ अंतिम विदाई दी। भारत माता के गगनभेदी नारों के बीच शहीद के छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व आज सुबह शहीद की पार्थिव देह उसके गांव पहुंचने से पहले वहां हजारों लोग एकत्र हो गए। 

गणपत की पार्थिव देह दिल्ली से सड़क मार्ग से गांव लाई गई। एक बारगी माहौल गमगीन हो गया। परिवार वाले देह से लिपटकर विलाप करने लगे। इसके बाद घर से स्कूल तक शव यात्रा निकाली गई। गांव की सरकारी स्कूल के पास राजकीय सम्मान के साथ गणपत का अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा में हजारों लोग उमड़े। भीड़ ने शहीद के जयकारे लगाए। इस दौरान विधायक हनुमान बेनीवाल,संसदीय सचिव भैराराम सियोल, रामनारायण डूडी, लीला मदेरणा , नेता प्रतिपक्ष रामशेवर डूडी , सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

तीन वर्ष पहले सेना में हुआ भर्ती

तीन वर्ष पूर्व भारतीय सेना में भर्ती हुए ओसियां तहसील के खुड़ियाला गांव निवासी गणपत राम कड़वासरा इन दिनों तंगधार सेक्टर में सीमा पर तैनात थे। दो दिन पूर्व पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में वे गंभीर रूप सेे घायल हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
शहीद गणपत की पार्थिव देह आज सुबह गांव लाए जाने से पूर्व आसपास के गांवों से हजारों लोग वहां पहुंच गए। लोगों ने गगनभेदी नारों के बीच उसकी पार्थिव देह को वाहन से उतारा गया।
एक बार देह को घर में ले जाने के थोड़ी देर पश्चात शव यात्रा शुरू हुई। शव यात्रा शुरू होते ही लोगों ने जबतक हिन्दुस्तान रहेगा गणपत तेरा नाम रहेगा के नारों से माहौल में जोश भर दिया।
शव यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल महिलाओं ने भी नारे लगाए। उसका अंतिम संस्कार घर के निकट ही खेत में किया गया। अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद की पत्नी और मां अंतिम बार उसके दर्शन करने आई तो वहां खड़े सभी लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए।
दो दिन से अपने आंसुओं को रोक रहे शहीद के पिता और भाई भी फफक उठे। बाद में शहीद के छोटे भाइयों ने मिलकर मुखाग्नि दी।



ढाई साल पूर्व हुआ था विवाह

ढाई साल पूर्व हुआ था विवाह

तीन साल पूर्व फौज में भर्ती होने केे छह माह बाद गणपत की शादी बाना का बास निवासी रूपी देवी के साथ हुई थी। उनके कोई संतान नहीं है। चार भाइयों में सबसे बड़े गणपत ने इसी वर्ष अप्रेल में अपनी बहन की शादी कराई थी।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में सीमा पार से रविवार को हुई गोलीबारी में जोधपुर जिले के खुडियाला गांव निवासी सिपाही गणपतराम कडवासरा के शहीद होने पर संवेदना व्यक्त की है। 
मुख्यमंत्री ने अपने संवेदना संदेश में कहा है कि शहीद गणपतराम ने देश के लिए शहादत देकर अपने परिवार के साथ साथ पूरे प्रदेश और देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है।





राजे ने दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए और शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

कार्यवाहक श्रम निरीक्षक रूपाराम मेहला को दी विदाई

श्रमिकों के लंम्बित प्रकरणों का जल्द निस्तारण करवाया जाएगा: चौधरी

कार्यवाहक श्रम निरीक्षक रूपाराम मेहला को दी विदाई


बालोतरा। सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय बालोतरा के कार्यावाहक श्रम निरीक्षक रूपाराम महेला के मूल पद जोधपुर कार्यालय में पदास्थापन होने पर बुधवार को भावभीनी विदाई दी गई। विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यवाहक सहायक श्रम आयुक्त एवं उपखंड अधिकारी भागीरथराम चौधरी ने कहा कि वरिष्ठ श्रम निरीक्षक रूपाराम मेहला ने अपना मूल पद जोधपुर में होते हुए भी बालोतरा में सराहनीय सेवाएं दी तथा बाडमेर जिले में श्रम पंजीयन में सर्वाधिक कार्य किया। इनके मिलनसार व्यक्तित्व के जरिये किसी श्रमिक को परेशान नही होना पड़ा। उन्होंने यूनियन पदाधिकारियों से कहा कि जो कमठा मजदूर हैं उन्ही को सर्टिफिकेट जारी करे तथा उन्हे योजनाओं का फायदा दिलाने का प्रयास करे। विभाग में जो लम्बित प्रकरण हैं उनका भी जल्द ही निस्तारण किया जाएगा। श्रम निरीक्षक रूपाराम मेहला ने कहा कि बालोतरा में मुझे दो बार सेवा का मौका मिला, मेरा प्रयास रहा कि अधिकाधिक गरीब श्रमिकों को सरकारी फायदा पहुंचे। मुझे यहां का कार्यकाल सदैव याद रहेगा। कार्यक्रम में श्रम निरीक्षक मूलाराम जाखड, मघाराम गोदारा, रामचन्द्र गढवीर, लिपीक राजूसिंह, नितेश कुमावत, थार कमठा मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष करनाराम मांजू, हनुमान प्रजापत, डूंगर राठी, मांगीलाल, बाबूराम, दिनेश रावल, मुकेश राजपुरोहित सहित यूनियनों के पदाधिकारी एवं श्रमिक उपस्थित रहे।

Monday 25 September 2017

भ्रष्टाचार से मुकाबला


भ्रष्टाचार से मुकाबला 

वी. श्रीनिवास
वी. श्रीनिवास 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और वर्तमान में राजस्थान के राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष पद के अतिरिक्त कार्यभार के साथ राजस्थान कर बोर्ड के अध्यक्ष हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, एक स्वतंत्र केंद्रीय सतर्कता आयोग, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, लोकपाल एवं लोक आयुक्त अधिनियम 2013, व्हिसल ब्लोअर्स सुरक्षा अधिनियम 2011, काला धन एवं मनीलॉड्रिंग निरोधक अधिनियम, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम सहित एक मजबूत और समय समय पर आजमाए गए संस्थागत एवं विधायी ढांचे के नेतृत्व में लड़ी जाती है जिसमें अपराधीकरण तथा रिश्वतखोरी से संबंधित कई सारे अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं। सभी सरकारी कर्मचारियों यानी लोक सेवकों को वार्षिक आधार पर अपनी परिसंपत्तियों की घोषणा करने की आवश्यकता होती है। निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रत्येक चुनाव चक्र के दौरान अपनी परिसंपत्तियों की घोषणा करने की आवश्यकता होती है।
भारत के ‘अपराध के प्रति शून्य सहिष्णुता‘ के दृष्टिकोण एवं साथ ही, ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन‘ के दृष्टिकोण का परिणाम हाल के वर्षों में शासन के मॉडल को सरल बनाये जाने के रूप में सामने आया है। हाल के वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों में शासकीय कर्मचारियों द्वारा प्रमाण पत्र जमा किए जाने के लिए प्रमाणन/प्रमाणीकरण प्रणाली को समाप्त किया जाना, निम्न स्तर के पदों पर भर्ती के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार की आवश्यकता को समाप्त करना तथा 50 वर्ष से अधिक उम्र के अक्षम तथा संदिग्ध आचरण वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति समय से पूर्व ही सेवा से हटा देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने काले धन एवं भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उच्च मूल्य वाली करेंसी को विमुद्रित कर दिया। काले धन से लड़ने के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। सरकार ने कोयला ब्लॉकों के लिए ऑनलाइन नीलामी का भी संचालन किया। सरकार ने यूरोप एवं कर छूट (टैक्स हेवेन्स) प्राप्त अन्य देशों में कर छूट की प्रणाली को समाप्त करने के लिए जी-20 की बैठकों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी मांग की। स्विस अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भारत ने कहा है कि काले धन एवं कर वंचना के प्रकोप से मुकाबला करना दोनों ही देशों के लिए एक ‘साझा प्राथमिकता‘ है।
झारखंड की अपनी हाल की एक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री जी ने झारखंड में सखी मंडलों (स्वयं सहायता समूहों) को उपहारस्वरूप कुछ स्मार्ट फोन भेंट किए और उन्होंने कहा कि स्मार्ट फोन के उपयोग के बारे में ग्राम वासियों से उन्हें जो उत्तर सुनने को मिला, उसे सुन कर वे दंग रह गए। ‘सरकार को और अधिक स्मार्ट बनाने‘ पर भारत का फोकस भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई का सबसे अग्रणी हिस्सा रहा है। उसी मात्रा में सब्सिडी दिए जाने का लाभ मैनुअल प्रणाली की तुलना में एक ‘स्मार्ट शासन मॉडल‘ में अधिक प्रभावी तरीके से प्रदान किया जा सकता है।
जन धन योजना ने ओवरड्रॉफ्ट सुविधा के साथ बैंकिंग खातों तक सार्वभौमिक एवं स्पष्ट पहुंच उपलब्ध कराई। 2016 में, वित्तीय एवं अन्य सब्सिडियों, लाभों तथा सेवाओं की लक्षित प्रदायगी सुनिश्चित करने के लिए आधार अधिनियम प्रख्यापित किया गया। इस अधिनियम में आधार पहचान संख्याओं को निर्दिष्ट किए जाने के जरिये व्यक्तियों को सब्सिडियों की कारगर, पारदर्शी एवं लक्षित प्रदायगी उपलब्ध कराई गई। सरकार द्वारा उठाया गया तीसरा अहम कदम भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) को लागू करना था जो भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित एक मोबाइल ऐप्लीकेशन है। भीम ऐप्लीकेशन बैंकों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से ई-भुगतान की सुविधा प्रदान करता है और इसका उपयोग सभी मोबाइल उपकरणों पर किया जा सकता है। सामूहिक रूप से मिल कर जन धन योजना -आधार अधिनियम और भीम ऐप्लीकेशन ने एक स्मार्ट गवर्नमेंट उपलब्ध कराया है जहां सब्सिडी प्रवाह समयबद्ध एवं प्रभावी तरीके से लाभार्थी तक पहुंच जाता है।
सरकार ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के माध्यम से निवारक सतर्कता को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। सीवीसी द्वारा कई निवारक सर्तकता उपाय लागू किए गए हैं। गवर्नमेंट ई-मार्केट (जीईएम) जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही एवं शुद्धता को बेहतर बनाने में मदद की है। आयोग ने छात्रों एवं युवाओं की शिक्षा के जरिये आचार नीति को बढ़ावा देने, सतर्कता जागरुकता सप्ताह मनाने, लोक सेवकों के अधिकार एवं उनसे अंतःसंपर्क को कम करने के जरिये प्रक्रिया को सरल बनाने, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने तथा निवारण उत्पन्न करने के लिए साबित गलत आचरण के सभी मामलेां में कठोर सजा प्रदान करने का प्रयास किया है। सीवीसी ने ई-संकल्प, जिसे नागरिकों एवं संगठनों द्वारा स्वेच्छा से लिया जाएगा, के जरिये भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन उत्पन्न करने का प्रयास किया है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। वित्तीय शासन के क्षेत्र में लागू कुछ बड़े बदलावों में रेल बजट एवं आम बजट का एकीकरण, योजना एवं गैर योजना व्ययों का विलय, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए कई क्षेत्रों को खोलना एवं वस्तु तथा सेवा कर (जीएसटी) लागू करना शामिल है। शहरी एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों को फंड के प्रवाह की विशालता को देखते हुए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने उनके लेखा परीक्षण की एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचान की है। सीएजी ने टैक्स फाइलिंग, आकलन तथा वसूली प्रक्रियाओं के बढ़ते ऑटोमेशन से उत्पन्न डिजिटल सूचना की बड़ी मात्रा पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
सरकार में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम एक अधिकार आधारित कानून है जिसने राष्ट्र के प्रशासन में नागरिकों के लिए एक स्थायी हिस्सेदारी का सृजन किया है। आरटीआई अधिनियम की वजह से शासन में बेहतरी आई है। सूचनाओं को साझा करने के जरिये, नागरिक निर्णय निर्माण प्रक्रिया के हिस्से बन गए हैं जिसकी वजह से नागरिकों तथा सराकर के बीच भरोसा पैदा होता है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भ्रष्टाचार की रोकथाम करने के संबंधित कानून को मजबूत बनाने का एक कानून है। इस कानून में आधिकारिक कार्यों के संबंध में कानूनी पारिश्रमिक लेने के अतिरिक्त परितोषण लेने पर दंड देने का प्रावधान है। इसकी जांच से सबंधित अधिकार सीबीआई एवं राज्य पुलिस अधिकारियों को दिए गए है। सरकार ने कहा है कि लोक सेवकों के लिए जवाबदेही के मानकों को वास्तविक स्तर पर रखा जाना चाहिए जिससे कि अधिकारी गणों को ईमानदार निर्णय लेने में कोई हिचकिचाहट न हो सके।
देश में व्हिसल ब्लोअर्स को वैधानिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने 2015 में व्हिसल ब्लोअर्स अधिनियम में संशोधन किए हैं। इन संशोधनों में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं पर ध्यान दिया गया है और खुलासों, जो देश की संप्रभुता और अखंडता को पूर्वाग्रह पूर्ण तरीके से प्रभावित कर सकते हैं, के खिलाफ सुरक्षापायों को मजबूत बनाया गया है। बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए उसमें संशोधन किया गया जिससे कि आय कर अधिकारियों को बेनामी संपत्तियों को संलग्न करने तथा जब्त करने के लिए अधिकारसंपन्न बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, अगर कोई व्यक्ति सक्षम न्यायालय द्वारा बेनामी लेनेदेन के अपराध के मामले में दोषी पाया गया तो उसे सश्रम कारावास की सजा दी जाएगी तथा उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। इस संशोधित कानून के अस्तित्व में आने के बाद से कई बेनामी संपत्तियों की पहचान की जा चुकी है।
निष्कर्ष के रूप में, ऐसा कहा जा सकता है कि भारत भ्रष्टाचार एवं काले धन के खिलाफ लगतार लड़ाई लड़ ही रहा है। स्मार्ट शासन पर ध्यान केंद्रित किए जाने के द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं।

रेलवे सुरक्षा बल 47 अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर बाल सुरक्षा अभियान चलाएगा,

रेलवे सुरक्षा बल 47 अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर बाल सुरक्षा अभियान चलाएगा, यह अभियान अब कुल 82 रेलवे स्‍टेशनों पर चलाया जाएगा। 

बाल सुरक्षा अभियान मौजूदा 35 रेलवे स्‍टेशनों पर सफलतापूर्वक चल रहा है।

रेलवे सुरक्षा बल ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 21 हजार बच्‍चों का बचाव किया है।

गृह मंत्रालय ने बाल सुरक्षा अभियान के तहत रेलवे सुरक्षा बल की उल्‍लेखनीय सेवाओं के लिए पुरस्‍कृत किया है।


रेलवे सुरक्षा बल द्वारा मुसीबत में फंसे बच्‍चों की सहायता के लिए चलाए जा रहे अभियान की सफलता को देखते हुए रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि वह इस अभियान को मौजूदा 35 स्‍टेशनों के साथ 47 अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर भी चलाएगी। इन अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर बाल सुरक्षा अभियान चलाने से अब यह अभियान कुल 82 रेलवे स्‍टेशनों पर चलाया जाएगा। ए1 श्रेणी के 75 स्‍टेशनों को इस अभियान के तहत शामिल किया जाएगा।
‘ऑपरेशन मुस्‍कान’ लापता बच्‍चों के बचाव और पुनर्वास के लिए गृह मंत्रालय द्वारा चलाई गई  एक प्रमुख पहल है। यह एक समर्पित अभियान है जहां पुलिस संगठन गुमशुदा बच्‍चों की खोज और बचाव के लिए विभिन्‍न कार्य योजनाएं चलाते हैं और ऐसे बच्‍चों को उनके परिवार से मिलाते हैं। रेलवे पुलिस और रेलवे रक्षा बल बचाव उपाय करती है और रेल गाडि़यों और रेलवे परिसरों में ऐसे गुमशुदा बच्‍चों की सहायता करती है जिन्‍हें संरक्षा और सहायता की जरूरत होती है।
वर्ष 2014, 2015 व 2016 के दौरान रेलवे रक्षा बल के कार्मिकों ने 20,931 बच्‍चों का बचाव किया इनमें 1,317 ऐसे बच्‍चे थे जो मानव तस्‍करी में फंसे थे। इनमें 944 लड़के और 373 लड़कियां शामिल थीं। वर्तमान वर्ष 2017 में अगस्‍त तक 7,126 बच्‍चों को रेलवे सुरक्षा बल ने मुक्‍त कराया है इनमें 185 ऐसे बच्‍चे थे जो मानव तस्‍करी के जाल में फंसे थे, इनमें 124 लड़के और 61 लड़किया शामिल हैं।
रेलवे सुरक्षा बल प्रतिदिन रेलों और रेल परिसरों से 20-25 ऐसे बच्‍चों को उनके माता-पिता, रिश्‍तेदारों अथवा स्‍वयंसेवी संगठनों के सुरक्षित हाथों में सौंप रही है। ये बच्‍चे कानून द्वारा स्‍थापित बाल कल्‍याण समितियों और कानूनी पुनर्वास संस्‍थानों को भी सौंपे जाते हैं। यह कल्‍याणकारी कार्य करके प्रति वर्ष रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों ने हजारों दुखी और हताश माता-पिता और रिश्‍तेदारों के चेहरे पर मुस्‍कान वापस दी है।
परिणामस्‍वरूप ‘मुस्‍कान अभियान’ के तहत लापता बच्‍चों के बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों और त्‍वरित मानवीय कदमों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने  रेल सुरक्षा बल को उल्‍लेखनीय सेवा के लिए पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है।
चिन्हित रेलवे स्‍टेशनों पर विशेष बूथ और बाल सहायता स्‍थल बनाए हैं। यहां पर रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहते हैं। इनके अलावा महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा नामांकित स्‍वयंसेवी संग्‍ठन और बाल सहायता से संबद्ध कर्मचारी भी तैनात रहते हैं। यह सेवा रेलवे के लिए मानदंड संचालन प्रक्रिया के तहत चलाई जाती है ताकि रेलवे परिसरों और गाडि़यों में इस प्रकार के जरूरतमंद बच्‍चों को सहायता और संरक्षण प्राप्‍त हो सके।  यह सेवा रेल मंत्रालय राष्‍ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा कमिशन (एनसीपीसीआर) व महिला व बाल विकास मंत्रालय संयुक्‍त रूप से चला रहा है।
पृष्‍ठभूमि
बड़ी संख्‍या में घर से भागे हुए, माता-पिता से बिछुड़े हुए और मानव तस्‍करी में शामिल बच्‍चे देश के विभिन्‍न भागों में यात्रा करते पाए जाते हैं। रेलवे ऐसे बच्‍चों की सहायता करती है और कई रेलवे परिसरों में ही उनको शरण देती है और उनके जीवन-यापन करती है। ये बच्‍चे हिंसा, शोषण और उपेक्षा के शिकार होते हैं। रेलवे सुरक्षा बल का लक्ष्‍य ऐसे लाखों बच्‍चों की सुरक्षा करना है जो अपना रास्‍ता भटक कर माता-पिता से बिछुड़ गए हैं। यह बल ऐसे बच्‍चों की तस्‍करी रोकने के लिए समर्पित है और समय पर उपर्युक्‍त कार्रवाई करके बच्‍चों का बचाव करती है।  

क्या है मोदी की सौभाग्य योजना?

क्या है मोदी की सौभाग्य योजना? किसे मिलेगा फायदा?


नई दिल्ली.प्रधानमंत्री ने सोमवार को हर घर तक बिजली पहुंचाने की योजना सौभाग्य लॉन्च की। यह योजना सातों दिन चौबीसों घंटे हर घर में बिजली पहुंचाने की है। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो पैसों की कमी के चलते अभी तक बिजली कनेक्शन हासिल नहीं कर पाए हैं। साफ है कि योजना का फोकस गरीब परिवारों को फायदा पहुंचाने पर है।जानिए इस योजना के बारे में...

क्या है सौभाग्य योजना?

- इसका पूरा नाम प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - साैभाग्य है। इसके तहत सभी राज्यों में मौजूद हर घर तक 31 मार्च 2019 तक बिजली पहुंचाने का टारगेट रखा गया है। हालांकि, पेट्रोलियम मिनिस्टर और पावर मिनिस्टर आरके सिंह का कहना है कि दिसंबर 2018 तक इस टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा।
- यह योजना उन 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने की स्कीम से जुड़ी है जिसे 2018 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया था। इसका टारगेट भी रिवाइज कर दिसंबर 2017 की डेडलाइन रखी गई है। चूंकि इस योजना में गांवों को कवर किया जाना है, इसलिए घरों को कवर करने के लिए सौभाग्य योजना लाई गई है।
कैसे होगी सौभाग्य योजना की फंडिंग?
- यह योजना 16,320 करोड़ रुपए की है। इसमें केंद्र सरकार 60% की मदद करेगी। स्पेशल कैटेगरी में आने वाले राज्यों के लिए केंद्र से 85% मदद दी जाएगी।
- योजना में 10% कॉन्ट्रिब्यूशन राज्य सरकारों का होगा। बाकी की 30% फंडिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस और बैंकों से कर्ज लेकर होगी।
- गांवों में मौजूद घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 1700 करोड़ रुपए शहरी इलाकों के घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए खर्च होंगे।
किसे मिलेगा हर घर बिजली योजना का फायदा?
- बिजली के फ्री कनेक्शन मुहैया कराने के लिए सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना 2011 के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी इस सेंसस में शामिल उन परिवारों या घरों को इस योजना का फायदा मिलेगा, जिनकी पहचान बिना बिजली कनेक्शन वाले घरों के रूप में की गई है।
- योजना के तहत सरकार ट्रांसफॉर्मर, बिजली के तार, खंभे लगाने में भी मदद करेगी।
जो 2011 की जनगणना में शामिल नहीं था, क्या उसे हर घर बिजली योजना का फायदा नहीं मिलेगा?
- जो घर या परिवार 2011 की जनगणना में शामिल नहीं हो सके थे, यानी दूसरे शब्दों में जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं, वे भी 500 रुपए देकर बिजली कनेक्शन हासिल कर सकेंगे। 500 रुपए की यह रकम भी एकमुश्त नहीं देनी होगी। यह बिजली के बिलों से 10 किस्तों में वसूली जाएगी। यानी किस्त 50 रुपए महीने की होगी।
योजना के तहत क्या मिलेगा?
- एक LED लाइट और एक चार्जिंग प्वाइंट मिलेगा। बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगेगा। यह प्री-पेड कनेक्शन होगा। यानी आपके बिजली कनेक्शन को भी मोबाइल या डीटीएच कनेक्शन की तरह मोबाइल से रिचार्ज कर सकेंगे। यह रिचार्ज भीम ऐप से करा सकेंगे।
किन राज्यों में है फोकस?
- सौभाग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तरी राज्य पर फोकस किया गया है।
सुदूर इलाके में मौजूद घरों तक बिजली कैसे पहुंचेगी?
- ऐसे घरों के लिए सौभाग्य योजना के तहत बैट्री बैंक मुहैया कराया जाएगा। साथ ही 200 से 300 WP (वॉट्स पीक) का सोलर पावर पैक भी दिया जाएगा। इस पावर पैक में 5 LED लाइट, एक पंखा, एक पावर प्लग और 5 साल के लिए मेनटेनेंस सर्विस दी जाएगी।
सौभाग्य योजना पर अमल कैसे होगा?
- हर घर का मोबाइल ऐप से सर्वे किया जाएगा। जिन्हें योजना का फायदा मिलना है, उनकी पहचान कर उनसे मौके पर ही बिजली कनेक्शन की एप्लिकेशन ली जाएगी। ऐप के जरिए ही उनके घर पर उनका फोटो और आईडी स्टोर कर लिया जाएगा।
मोदी सरकार आखिर क्यों सौभाग्य योजना लाई है?
- जो सरकार ने बताया: सरकार का कहना है कि हर घर में बिजली होगी तो इससे केरोसिन के इस्तेमाल में कमी लाई जा सकेगी। एजुकेशन, हेल्थ सर्विसेस में सुधार आएगा। हर घर तक रेडियो, टीवी, मोबाइल की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे इकोनॉमिक एक्टिविटी और इम्प्लॉयमेंट बढ़ेगा। खासकर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार होगा।
- जो सरकार चाहती है: इस योजना को पूरा करने का टारगेट मार्च 2019 का रखा गया है। उसी वक्त लोकसभा चुनाव होंगे। लिहाजा, इसे आप चुनावी योजना भी मान सकते हैं। जिन राज्यों को इस योजना के फोकस में रखा गया है, उनमें से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल चुनाव हैं। वहीं, यूपी ऐसा राज्य है जहां बीजेपी-एनडीए को 2014 में सबसे ज्यादा 73 लोकसभा सीटें मिली थीं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर भी शामिल है, जिसे मुख्यधारा में लाने के लिए मोदी सरकार खासतौर पर जोर दे रही है।

Sunday 24 September 2017

 पं. दीनदयाल के विचारों को आत्मसात करे युवा पीढ़ी -मुख्यमंत्री


जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती (25 सितम्बर) के अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करते हुए प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि वे पं. दीनदयाल के विचारों को आत्मसात करें। श्रीमती राजे ने कहा कि पं. दीनदयाल एक ऎसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपने कार्यों एवं विचारों के माध्यम से युवा पीढ़ी को समाज के लिए रचनात्मक काम करने की दिशा दी। उन्होंने भारत को एक सशक्त और समतामूलक राष्ट्र बनाने की विचारधारा के साथ अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करने की दिशा में समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर देने की प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले विशाल रक्तदान शिविर तथा 27 सितम्बर से शुरू हो रहे विशेष योग्यजन शिविर आदि कार्यक्रमों में आमजन से अधिकाधिक भागीदारी निभाने और उनका लाभ उठाने की अपील की है।

Friday 22 September 2017

जल ग्रहण योजना में वारे न्यारे कमेटी सचिव ने बटोर लिए लाखों

जल ग्रहण योजना में वारे न्यारे

कमेटी सचिव ने बटोर लिए लाखों, लाभार्थियों को 4 सालों से नही मिला टांको का भुगतान

पाटोदी। जल ग्रहण योजना में अधिकारियों और कमेटी सचिवों द्वारा लाखों रूपये के वारे-न्यारे करने की खबर हैं। जानकारी के अनुसार पाटोदी क्षेत्र में आज से 4 साल पूर्व जलग्रहण योजना में बने टांको का भुगतान आज दिन तक नही किया गया हैं। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में बडी तादाद में टांका निर्माण में जलग्रहण समिति के पदाधिकारियों ने मिलकर मलाई जीमी हैं, जिसके चलते लाभार्थी परिवार आज दिन तक भुगतान के लिए भटक रहे हैं, जिन्हे न तो पंचायत समिति से कोई जवाब मिल रहा हैं न ही जलग्रहण पदाधिकारी कुछ बताने को तैयार हैं, ऐसे में साफ जाहिर हो रहा हैं कि पूरी दाल ही काली हैंंं।


Thursday 21 September 2017

आखिर कौन हैं ऐसा रंगीन मिजाज जनप्रतिनिधी?

आखिर कौन हैं ऐसा रंगीन मिजाज जनप्रतिनिधी?

महिला के साथ अश्लील वार्ता का ऑडियो वायरल

पाटोदी क्षेत्र का बताया जा रहा हैं ऑडियो क्लीप

राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर

जयपुर। प्रदेश के बाडमेर जिले की पाटोदी पंचायत समिति क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधी का रंगीन मिजाजी ऑडियो क्लीप वायरल होने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हैं। आखिर ऐसा रंगीन मिजाज जनप्रतिनिधि कौन हैं जो महिलाओं से सरकारी काम करवाने के बहाने अश्लील वार्ता को अंजाम दे रहा हैं, इस संबंध में कोई अधिकारिक पुष्टी नही हो पाई हैं, लेकिन गुरुवार दोपहर बाद से एक महिला के साथ वार्ता करने का कथित ऑडियो क्लीप सोशल मीडिया पर धड़ा-धड़ शेयर हो रहा हैं। दिव्य पंचायत के पास इस संबंध में कोई अधिकारीक पुष्टी नही हैं कथित ऑडियो क्लीप में महिला और जनप्रतिनिधि कौन है?


Wednesday 20 September 2017

सोशल मीडिया पर रहा बर्थडे कैलाश चौधरी के हैंश टैग का ट्रेंड

बायतू विधायक  कैलाश चौधरी का जन्म दिन उत्साह के साथ मनाया

शुभ चिंतकों सहित प्रदेश के नेताओं ने दी जन्म दिन की बधाईयां

सोशल मीडिया पर रहा बर्थडे कैलाश चौधरी के हैंश टैग का ट्रेंड




 प्रदेश की राजनीति का चर्चित चेहरा और बायतू विधानसभा क्षेत्र के विकास पुरूष माने जाने वाले भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष एवं बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने अपना जन्म दिन उत्साह के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के बीच में मनाया। जन्म दिन के अवसर पर विधायक दिन भर बायतू क्षेत्र के दौरे पर रहे तथा कई कार्यक्रमों के शिरकत करते हुए जनता के आशीर्वाद लिया। प्रदेश सहित राष्ट्रीय नेताओं ने विधायक को जन्म दिन की शुभकामनाएं दी। शुभचिंतकों सहित मित्रों और बाडमेर जिले वासियो नें विधायक से मुलाकात कर बधाई दी तथा उज्जवल भविष्य की कामनाएं की। बाडमेर जिले में पहली बार ऐसा वाक्या देखने को मिला तब किसी राजनेता के जन्म दिन पर सोशल मीडिया पर ढेर सारी बधाईयां दी।

 

 

सोशल मीडिया पर बर्थडे कैलाश चौधरी के हैंश टैग का ट्रेंड रहा हावी

बुधवार को बायतू विधायक कैलाश चौधरी के जन्म दिवस को लेकर बर्थडे कैलाश चौधरी के हैंश टैग का ट्रेंड चर्चित रहा। विधायक के जन्म दिवस को लेकर विशेष कर युवा वर्ग में काफी उत्साह देख गया। फेसबुक, वाट्सअप सहित इस्टाग्राम, ट्वीटर पर भी विधायक चौधरी के जन्म दिन की बधाईयों का दौर चलता रहा।
कई आयोजन हुए
विधायक चौधरी के जन्म दिवस के अवसर पर बायतू विधानसभा क्षेत्र सहित बाडमेर में कई आयोजन हुए, किसान मोर्चा सहित भाजपा पदाधिकारियों ने रक्तदान के साथ-साथ अस्पतालों में मरीजों को फल वितरित करते हुए विधायक की लम्बी उम्र की कामनाएं की।

भाजपा में कई नवाचारों को लेकर चर्चित

बायतू विधायक नवाचारों के लिए जाने जाते हैं विधायक जन समस्या समाधान शिविर के जरिये विधायक चौपाल लगाने वाले एक मात्र विधायक कैलाश चौधरी की प्रशंसा राजस्था विधानसभा में हुई उसी की बदौलत प्रदेश की मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल जनकल्याण शिविर ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित करने की घोषणा की तथा इससे प्रदेश की जनता को राहत मिली। वहीं विधायक चौधरी के प्रयासों से भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले अभी प्रदेश मंे किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा हैं, इसके जरिये भाजपा किसान से सीधा जुडकर किसान को अपने और करीब लाने जा रही है, इस प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम की रूपरेखा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश चौधरी ने ही तय की तथा जयपुर में शानदार आयोजन कर इसका आगाज किया। ऐसे में कहा जा सकता हैं बायतू विधायक के दिल में सिर्फ और सिर्फ जनता के लिए ही जगह हैं।

विधायक को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एव ंउज्जवल और सुनहरी राजनीति के बधाई।

बंशीलाल चौधरी

सम्पादक

 दिव्य पंचायत हिन्दी समाचार पत्र

9166522591


Monday 18 September 2017

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राजस्थान राज्य विविध सेवा प्राधिकारण के कार्यकारी अध्यक्ष, के.एस. झवेरी ने बच्चों के कल्याण को सर्वोपरि विषय मानते हुए बाल-वाहिनियों के संचालन के संबंध में दिशा निर्देशजारी किये है।

बाल-वाहिनियों के संचालन के संबंध में दिशा निर्देश जारी


जयपुर, । राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राजस्थान राज्य विविध सेवा प्राधिकारण के कार्यकारी अध्यक्ष,  के.एस. झवेरी ने बच्चों के कल्याण को सर्वोपरि विषय मानते हुए बाल-वाहिनियों के संचालन के संबंध में दिशा निर्देशजारी किये है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार जो भी वाहन (बस मिनी बस वैन ऑटो एवं रिक्शा) बाल-वाहिनी के रुप में उपयोग में लाया जाए, वह वाहन पीले रंग से रंगा हुआ हो ताकि दूर से ही देखकर यह पहचाना जा सके कि वह वाहन बाल-वाहिनी के रूप में उपयोग में आ रहा है।  बाल-वाहिनी के ऊपर स्पष्ट रुप से यह अंकित हो कि वह वाहन बाल-वाहिनी के रूप में परिवहन कर रहा है यथा बाल-वाहिनी पर ऑन स्कूल ड्यूटी अंकित किया जा सकता है।
बाल-वाहिनी के पीछे वाले हिस्से पर संबंधित विद्यालय का नाम, दूरभाष नंबर, पता एवं वाहन चालक तथा परिचालक का नाम अंकित होना चाहिए।  बस बाल-वाहिनी पर होरिजॉन्टल रुप से लोहे का पाईप लगा हो तथा ऑटो/ वैन/ मैजिक में दरवाजों पर गेट पर लॉक होना चाहिए तथा ऑटो के ड्राईवर वाली साइड वह पीछे ऎसी ग्रिल होनी चाहिए जिससे कोई बालक गिर ना सके ।
बस बाल-वाहिनी पर गेट होना चाहिए और जब वह बस सड़क पर संचालित हो तो उसका गेट आवश्यक रूप से बंद होना चाहिए। बाल-वाहिनी की स्पीड अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटे की होनी चाहिए। बस/मिनीबस/ वैन बाल-वाहिनी में अग्निशमन यंत्र आवश्यक रूप से लगा हुआ हो।  जो बाल-वाहिनी स्कूल प्रबंधन द्वारा संचालित की जा रही है उनमें आवश्यक रूप से जीपीएस लगा हो तथा चालू स्थिति में हो। बाल-वाहिनी में प्रथम चिकित्सा बॉक्स एवं पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।  बाल-वाहिनी की खिड़कियों के शीशों पर किसी प्रकार की कोई फिल्म चढ़ी हुई नहीं हो, जिसके फलस्वरुप सड़क से ही बाल-वाहिनी के अंदर की स्थिति देख सकें।
 बाल-वाहिनी के भीतर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो, ताकि अंधेरे में उसका उपयोग किया जा सके। विशेष योग्यजन बालकों के चढ़ते-उतरने के लिए समुचित व्यवस्था हो तथा बाल-वाहिनी में उनके बैठने के लिए एक निश्चित स्थान आरक्षित किया जाए।
जो भी बाल-वाहिनी चाहे वो स्कूल प्रबंध नेे द्वारा संचालित की जा रही हो या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा अपने स्तर पर संचालित की जा रही हो, उसके वाहन चालक तथा परिचालक का नाम, मोबाइल नम्बर तथा लाईसेन्स की प्रति स्कूल प्रबंधन, यातायात पुलिस,संबंधित पुलिस थाने तथा परिवहन विभाग के पास आवश्यक रूप से होनी चाहिए।
दिशा निर्देशानुसार सड़क पर बाल-वाहिनी के संचालन हेतु वाहन चालक की नियुक्ति के लिए आवश्यक है कि चालक के पास भारी वाहन चलाने का 5 वर्षीय अनुभव हो। यदि चालक के विरुद्ध लाल बत्ती को क्रोस करने/गलत जगह पर पाकिर्ंग करने/स्टॉप लाइन का उल्लंघन करने में/वाहन को चलाने की लेन का उल्लंघन करने में/वाहन को चलाते समय ओवरटेक करने के लिए अप्राधिकृत व्यक्ति को चलाने के संबंध में दो से अधिक बार कोई चालान एक ही साल में पेश हो चुका है तो उसे चालक के रूप में बाल- वाहिनी चलाने की अनुमति नहीं दी जाए।  यदि किसी चालक के विरुद्ध तेज गति से वाहन चलाने/नशे में वाहन चलाने/उपेक्षापूर्ण तरीके से वाहन चलाने या धारा 279, 336, 337, 338 व 304ए भारतीय दंड संहिता, 1860 तहत एक बार चालान पेश हो चुका है या आरोप लग चुका है तो ऎसी स्थिति में उसे चालक के रूप में बाल-वाहिनी चलाने की अनुमति नहीं दी जाए ।
यह स्कूल प्रशासन एवं पुलिस विभाग परिवहन विभाग यातायात विभाग का कठोर दायित्व है कि वह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बाल-वाहिनी में एक परिचालक आवश्यक रूप से हो।
यह प्रत्येक स्कूल प्रशासन का दायित्व है कि वह प्रत्येक बाल-वाहिनी चाहे वो वह स्कूल प्रशासन द्वारा संचालित की जा रही हो या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा, उस बाल-वाहिनी से बच्चों को उतारने व चढ़ाने के लिए अपने विद्यालय परिसर में एक निश्चित स्थान प्रदान करें तथा किसी भी स्थिति में बच्चों को बाल-वाहिनी में उतरने व चढ़ने के लिए सड़क पर ही ना छोड़ा जाए।  किसी बाल-वाहिनी का सड़क पर परिचालन तभी होगा जब उस वाहन को बाल-वाहिनी के रूप में परिवहन विभाग के समक्ष पंजीकृत करवा लिया गया हो।
पुलिस विभाग/परिवहन विभाग/यातायात विभाग का यह दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करें कि बाल-वाहिनी का चालक उसको सड़क पर द्वितीय या तृतीय लेन में निर्धारित गति से एवं बिना मोबाइल बातचीत के, बिना म्यूजिक संचालन के एवं बिना धूम्रपान सेवन के चलाएं । बाल-वाहिनी की फिटनेस एवं संचालक का मेडिकल परीक्षण निर्धारित समय के अनुसार होना चाहिए। किसी भी बाल-वाहिनी में उसकी सीट क्षमता से 1.5 गुना अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जाए, किंतु यदि 12 वर्ष से अधिक आयु का बालक है तो उसकी गणना एक पूरी सीट के लिए की जाए।
न्यायाधिपति के.एस. झवेरी ने इन सभी दिशा-निदेर्शों की पालना कठोरता से करवाये जाने एवं समय-समय पर इनका निरीक्षण वास्तविक रूप से किये जाने के निर्देश दिये है

कलक्टर ने पीएचईडी से मांगा लिखित जवाब

पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होने पर कलक्टर ने पीएचईडी से मांगा लिखित जवाब



जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में बिजली, सड़क, पेयजल, शिक्षा सहित अन्य सेवाओं की समीक्षा

जालोर। जिला कलक्टर एलएन सोनी ने कई गांवों में पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से लिखित जवाब मांगा है। सोनी सोमवार को कलक्ट्रेट में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य जरूरी सेवाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
बैठक में उप वन संरक्षक अनिता, अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीडी धानिया सहित विभागीय जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। 4 सितम्बर को हुई बैठक में जिले के 170 गांवों में जल प्रदाय की नियमित व्यवस्था नहीं होना सामने आया था। दो सप्ताह बीतने के बाद भी इनमें पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होने को कलक्टर ने गंभीरता से लेते हुए विभाग से लिखित में जवाब मांगा है। विभाग को कारणों एवं भावी रूपरेखा से अवगत कराना होगा। उन्होंने पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता को जल परिवहन एंजेडे को पूर्ण कर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति से अनुमोदित प्रस्ताव लेकर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए। सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलक्टर ने पीएचईडी को इस सप्ताह में कम से कम 70 शिकायतों का निस्तारण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। दो माह से ज्यादा पुराने सभी 50 प्रकरणों का इसी सप्ताह निस्तारण करना होगा। 
जिला कलक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को आईसीटी लेब में शिक्षण कालांश को सभी स्कूलों की समय सारणी में शामिल कर तीन दिन में पालना रिपोर्ट का प्रमाण पत्रा देने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष योग्यजन शिविरों में आदेश के बावजूद नहीं पहुंचने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) को लोगों की अधिक आवाजाही वाले स्थान चिह्नित कर पुस्तकालय, टॉय बैंक एवं कपड़ा बैंक स्थापना करने के निर्देश दिए।

आधा दर्जन वार्ड एक सप्ताह में ओडीएफ करें

नगर परिषद् जालोर क्षेत्रा में केवल दो वार्ड खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने को खेदजनक बताते हुए जिला कलक्टर सोनी ने ऐसे आधा दर्जन वार्डों को एक सप्ताह में ओडीएफ करने के निर्देश दिए जिनमें मात्रा 10 से कम शौचालय बनाने शेष रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण के शेष रहे आठ कार्य 10 दिन में पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

सर्वे कार्य की प्रगति रिपोर्ट तीन दिन में देनी होगी

जिला कलक्टर ने जल संसाधन विभाग से भीनमाल किसान आंदोलन के समझौते के मुताबिक किए जाने वाले सर्वे कार्य की प्रगति रिपोर्ट तीन दिन में मांगी है। उन्होंने मनरेगा में समय पर भुगतान नहीं होने पर कार्मिकों से की जाने वाली वसूली कार्रवाई दो दिन में पूरी करने को कहा। कलक्टर ने खनन विभाग को अवैध खनन रोकने के सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में हर सोमवार को साप्ताहिक कार्रवाई से अवगत करवाएं।

विशेष योग्यजन पंजीयन की गति बढ़ाएं

 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को विशेष योग्यजन पंजीयन विशेष अभियान के तहत पंजीयन गति बढ़ाने के निर्देश दिए।  महिला एवं बाल विकास विभाग को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रिक्त पदों को भरने के लिए अतिशीघ्र विज्ञापन जारी करने एवं वन स्टॉप सेंटर स्थापना की कार्रवाई तेज करने को कहा।

 नर्मदा प्रोजेक्ट में हर सप्ताह 750 मीटर पाइप डालना जरूरी 

नर्मदा प्रोजेक्ट कार्य की सतत् मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर सोनी ने अधिकारियों को प्रति सप्ताह 750 मीटर पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण कर प्रमाण पत्रा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे काम की मॉनिटरिंग सही ढंग से होगी और गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। यदि साप्ताहिक लक्ष्य हासिल नहीं होता है तो उसका कारण जानेंगे और समाधान किया जाएगा। एजेंसी जान-बूझकर देरी करेगी तो कार्रवाई की जाएगी।

 सांचौर शहर में फ्लाई ओवर का प्रस्ताव भिजवाया जाएगा

सांचौर शहर में यातायात व्यवस्था पर चर्चा के दौरान हाईवे पर रानीवाड़ा चौराहे एवं भीनमाल चौराहे के बीच कट लगाने से हादसे बढ़ने की आशंका जताते हुए अव्यावहारिक माना। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्रस्तावित फोर लेन की डीपीआर में फ्लाई ओवर बनाने का प्रस्ताव भिजवाया जाएगा जिससे स्थानीय यातायात उसके नीचे से अबाधित चलता रहे।

 टोल वसूली के संबंध में मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

जिला कलक्टर ने 60 किलोमीटर के भीतर दो स्थानों पर टोल वसूली सहित अन्य बिन्दुओं को गंभीरता से लेते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। विभाग को वस्तुस्थिति से संबंधित लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट में जिलेभर में स्थापित टोल बूथ के नियमों एवं इस संबंध में न्यायालय की ओर से दिए आदेशों का उल्लेख करना होगा। कलक्टर सोनी ने जिले में सड़कों से संबंधित समाचार पत्रों में छप रही खबरों का उल्लेख करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग को सड़कों को सुधार कर राह सुगम बनाने के निर्देश दिए।

एक अक्टूबर से शत प्रतिशत मनरेगा कार्यों पर महिला मेट होगी

एक अक्टूबर से शत प्रतिशत मनरेगा कार्यों पर महिला मेट होगी 



जयपुर,। प्रदेश में आजीविका द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों के महिला फेडरेशन ब्लॉकों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत स्वीकृत समस्त कार्यों में शत प्रतिशत महिला मेट लगायी जायेगी तथा आने वाले समय में इन महिला समूहों को मनरेगा के कार्याें का कार्य एजेन्सी बनाई जायेगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री  राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई क्लस्टर लेवल फेडरेशन के पदाधिकारियों की आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना के 42 हजार कार्य आजीविका के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों को व्यक्तिगत लाभ के कार्य महिलाओं को स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 22 हजार कार्य प्रगति पर चल रहे हैं।
 राठौड़ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजीविका गांव की गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन कर रही है। इस प्रयासों से आज प्रदेश में 75 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से लिंक किया जा चुका है। इस कार्य से आज इन महिलाओं के परिवारों की आजीविका के प्रयासों से उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में बदलाव के साथ समाज में सम्मानजनक वातावरण में जीवन जी रही हैं।
उन्होंने कहा कि आजीविका प्रत्येक महिला को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर मुख्यमंतर््ी के सपने को मूर्त रूप प्रदान कर रही है। आज प्रदेश में महिला समूहों से 9 लाख महिलायें जुड़ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के छोटे-छोटे काम-धन्धे के लिए राज्य सरकार द्वारा 560 करोड़ रुपये उपलब्ध करायें। इनके अलावा 200 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न बैकों से उपलब्ध करायेंगे। इन महिला समूहों ने अब तक 100 करोड़ का लाभ कमाया है।
इस अवसर पर चूरू, धौलपुर जिलों से क्लस्टर लेवल फेडरेशन की महिला समूहों की महिलाओं ने अपने क्षेतर्् में किये गये सामाजिक सेवा के कार्यों की अपनी कहानी का प्रस्तुितकरण किया जो बहुत प्रेरणादायी रही।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी, ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव श्री रोहित कुमार व आजीविका के विभिन्न पदाधिकारी व विभिन्न जिलों से आयी 177 महिलायें उपस्थित थीं

दीर्घकालीन कृषि ऋण अब मात्र 6.70 प्रतिशत की दर पर ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती

किसानों को मिलेगा फायदा

दीर्घकालीन कृषि ऋण अब मात्र 6.70 प्रतिशत की दर पर ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती

  
जयपुर। राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि किसानों को कम से कम ब्याजदर पर ऋण उपलब्ध कराए जाएं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से वितरित दीर्घकालीन कृषि ऋणों पर 0.40 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया है। अब समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को मात्र 6.70 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। यह जानकारी सोमवार को सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने दी।
न्यूनतम ब्याज दर है यह 
किलक ने बताया कि आजादी के समय से ही किसानों को 12 प्रतिशत से अधिक की ब्याजदरों पर ऋण मिलता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने आते ही किसानों को मिलने वाले ऋणों पर ब्याजदर को कम करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि समय पर ऋणों का चुकारा करने वाले किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने का निर्णय किया गया। जिससे किसानों को मात्र 7.10 प्रतिशत ब्याजदर पर ऋण मिलने लगा। उन्होंने बताया कि नवीन ब्याज दर 15 सितम्बर से वितरित ऋणों पर लागू होगी। यह ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा किसानों को दिए जा रहे ऋणों पर न्यूनतम ब्याजदर है। 

सहकारिता मंत्री ने बताया कि दीर्घ कालीन कृषि ऋण 12.10 प्रतिशत में 0.40 प्रतिशत की कमी और की गई है जिससे किसानों को 11.70 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, जिससे अब किसानों को मात्र 6.70 प्रतिशत की ब्याजदर से दीर्घकालीन ऋण मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से सहकार कल्याण योजनान्तर्गत वितरित किए जाने वाले ऋणों की ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की गई थी।
इन कार्यों के लिए मिलता है ऋण 

उन्होंने बताया कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से कृषि कार्य यथा-ट्रेक्टर, थ्रेशर, ट्रॉली एवं अन्य कृषि यंत्रों की खरीद, नलकूप, नवकूप निर्माण, कूप गहरा/मरम्मत करने, विद्युत/डीजल पम्पसैट खरीद, स्पि्रंकलर एवं फार्म पॉण्ड, लिफ्ट इरिगेशन पम्प हाउस आदि के लिए ऋण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषि संबद्ध कार्य जैसे- फल वृक्षारोपण, डेयरी, मत्स्य पालन, भेड़ बकरी, मार्केट यार्ड, भू-समतलीकरण, भू-संरक्षण, कुक्कुट पालन, फूल खेती, मेहन्दी, अनाज भण्डारण, बायो गैस संयंत्र, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, कृषि क्लिनिक स्थापना आदि के लिए भी ऋण दिया जाता है।

शत प्रतिशत ओडीएफ करने का लक्ष्य

31 मार्च तक प्रदेश शत प्रतिशत ओडीएफ करने का लक्ष्य


जयपुर, । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री  राजेन्द्र राठौड़ ने अधिकारियों को कहा कि राजस्थान में 31 मार्च, 2018 तक शत प्रतिशत खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य है। इसलिये अधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार काम करना होगा। जो अधिकारी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ करने में लापरवाही करेगा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।            
राठौड़ सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए बनाये जा रहे शौचालय निर्माण की जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि ओडीएफ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत सफाईकर्मी रखने व सफाई के उपकरण खरीदने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओडीएफ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत प्रदेश में आठ लाख लोगों को रोजगार देने की व्यवस्था की गयी। 150 लोगों पर दो सफाईकर्मी रखने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने अधिकारियों को ओडीएफ एक ग्राम पंचायत का सत्यापन शीघ्र कराने के निर्देश देते हुए कहा कि शौचालय निर्माण में लम्बित भुगतान को तत्काल करायें।
 राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 6000 ग्राम पंचायत ओडीएफ हो चुकी हैं, 1800 ग्राम पंचायतों का सत्यापन कराया जायेगा। इसी प्रकार प्रदेश में दो वर्षों में 65 लाख से अधिक शौचालय बनायें जिसमें 25 प्रतिशत शौचालय शीघ्र बनाये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस वर्ष 1 हजार 80 करोड़ रुपये व्यय करने थे। अब तक 50 प्रतिशत राशि व्यय की जा चुकी हैं शेष राशि 31 दिसम्बर, 2017 तक व्यय करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। 

मनरेगा के संचालित 5.26 लाख कार्यों को

मनरेगा के संचालित 5.26 लाख कार्यों को 31 मार्च तक पूरा कराने का लक्ष्य 


जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री  राजेन्द्र राठौड़ ने महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत प्रदेश में संचालित 5.26 लाख कायोर्ं को 31 मार्च, 2018 तक शत प्रतिशत पूर्ण करने के लिए समस्त मुख्यक कार्यकारी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं।
राठौड़ सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में प्रदेश के समस्त जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से ग्रामीण विकास योजनाओं के विस्तार से समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने श्रमिकों एवं सामग्री मद का लम्बित भुगतान को शीघ्र करने के निर्देश दिये। श्री राठौड़ ने अधिकारियों को भूमिहीन गरीब परिवारों को मनरेगा में कार्य करने के लिए 30 सितम्बर, 2017 तक जॉब कार्ड जारी करने, कार्यस्थल पर सम्पूर्ण सूचना सहित डिस्प्ले बोर्ड लगाने, पानी व छाया करने, दवाईयों का किट रखने, बच्चे रखने आदि की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने सभी जॉब कार्डधारियों को शत प्रतिशत आधार कार्ड से लिंक करने के निर्देश दिये।
उन्होंने प्रदेश में मनरेगा योजना के तहत 7 लाख रुपये की लागत से 3000 आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण के साथ साथ 4 हजार प्ले ग्राउण्ड, 2500 श्मशान घाट, 50 हजार कैटल शैड, 60 हजार फॉर्म पोण्ड के सभी कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराने तथा गुणवत्ता के लिए सभी परिसम्पत्तियाँ का जियो टैगिंग कराने के निर्देश दिये।  राजस्थान में वर्ष 2017-18 में ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए 3942 करोड़ रुपये की राशि मिली है जिसमें से 1628 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी हैं तथा अधिकारियों को 31 दिसम्बर, 2017 तक 80 प्रतिशत राशि खर्च करने के निर्देश दिये हैं।  राठौड़ ने कहा कि आवास योजना के तहत 4.65 लाख मकान बनाये जायेंगे जिनको गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए प्रत्येक मकान के साथ ऑफिसर नियुक्त किया जायेगा। राठौड़ ने अधिकारियों को स्मार्ट विलेज के लिए होने वाले आवश्यक कार्यों की स्वीकृतियां तत्काल निकालने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पट्टा वितरण अभियान चलाया गया जिसमें 9 लाख पट्टे ग्रामीण दिये गये दूसरे चरण में अब सिवायचक भूमि पर जिन मकानों का निर्माण हो चुका है उनको आवासीय पट्टा जारी करने का काम किया जायेगा।  इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी, ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव  रोहित कुमार एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव  नवीन महाजन, मनरेगा ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग व प्रदेश के समस्त जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उपस्थित थे। 

Saturday 16 September 2017

बायतू विधानसभा के गिडा क्षेत्र में बती गुल

बायतू विधानसभा के गिडा क्षेत्र  में बती गुल

शुक्रवार दोपहर से नही हैं बिजली, मोबाईल भी देने लगे जवाब

गिडा। बायतू विधानसभा क्षेत्र का गिडा ईलाके मंे पिछले दो दिन से बती गुल हैं। केन्द्र सरकार 2018 तक घर-घर बिजली कनेक्शन देने का दावा कर रही हैं, वही जिन इलाकों में बिजली चली जाती हैं, वहां तो अधिकारियों की मर्जी से ही वापस आती हैं, इसके लिए भले ही ग्रामीण कितना ही प्रयास कर ले पर बिजली तो विभाग के अधिकारियों इच्छा से आती हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर से गिडा के कई ईलाकों मे बिजली नही हैं।


मोबाईल फोन भी डिचार्ज हो गये

36 घंटे से अधिक समय हो चुका हैं बिजल गुल हुए, समय पर बिजली नही होने से अब मोबाईल फोन भी जवाब देने लग गये हैं।


Wednesday 13 September 2017

16 विकास अधिकारियां से मांगा स्पष्टीकरण

16 विकास अधिकारियां से मांगा स्पष्टीकरण
बाड़मेर। जिले की 16 पंचायत समितियांे के विकास अधिकारियांे ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने ई-पंचायत साफ्टवेयर संबंधित कार्य संपादित नहीं किए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर 17 सीसीए के तहत आरोप पत्र शासन सचिव को भिजवाने की चेतावनी दी गई है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहरा ने गडरारोड़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपतराम सुथार, रामसर एवं चौहटन पंचायत समिति के हनुवीरसिंह, सेड़वा के किशनलाल, धोरीमन्ना के नरेन्द्र सोउ, गुड़ामालानी एवं सिणधरी के हीराराम, सिवाना के भोमसिंह, बालोतरा के सांवलाराम, कल्याणपुर के गौरव विश्नोई, पाटोदी के हरफूलसिंह, बायतू के गौतम चौधरी, शिव के डा. चांगदेव सोपान कामठे, गिड़ा पंचायत समिति के विकास अधिकारी शैलेन्द्र जोशी से ई-पंचायत साफ्टवेयर संबंधित कार्य संपादित करने मंे बरती गई शिथिलता के संबंध मंे स्पष्टीकरण 

अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने गरडिया में लगाई रात्रि चौपाल

अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने गरडिया में लगाई रात्रि चौपाल
विद्युत संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु केम्प आयोजित करने के निर्देश
बाडमेर। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई ने मंगलवार को रामसर तहसील के सीमावर्ती गरडिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रात्रि चौपाल की। इस दौरान उन्होने ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत जन समस्याओं की सुनवाई की तथा संबंघित अधिकारियों को समस्याओं के शीध्र निस्तारण के निर्देश दिए।
गरडिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित रात्रि चौपाल एवं जन सुनवाई के दौरान लोगों द्वारा विद्युत बिल समय पर प्राप्त नही होने, बिलों में सुधार की व्यवस्था नहीं होने तथा लाइनमैन का क्षेत्र विस्तृत होने से विद्युत संबंधी समस्याओं का समय पर निस्तारण नहीं होने की शिकायत पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने डिस्कॉम के अधीक्षण अभियन्ता को रामसर अथवा गडरिया में केम्प आयोजित कर विद्युत संबंधी सम्पूर्ण समस्याओं का समाधान कराने के निर्देश दिए। इसी प्रकार क्षेत्र में ढीले तारों तथा टेडे खम्बों की शीध्र मरम्मत करवाने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियन्ता को गरडिया, सेलाऊ, जाट बस्ती, थाने की बेरी इत्यादि स्थानों पर पेयजल का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं होने तथा पेयजल की समस्या होने पर बूठिया पेयजल स्त्रोत से आपरेशन एण्ड मेन्टीनेन्स के माध्यम से आगामी तीन माह में आम जन को पेयजल से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होने क्षेत्र में जर्जन होदियों को चिन्हीकरण कर पुनः निर्माण कराये जाने के निर्देश दिए गए। उन्होने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बिजराड से चिने की ढाणी, दरगाह से सोमाणियों का पाडा इत्यादि क्षतिग्रस्त सडकों की शीध्र मरम्मत करवाने के निर्देश दिए।
रात्रि चौपाल के दौरान उन्होने राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए योजनाओं को लाभ उठाने को कहा। उन्होने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को पशु चिकित्सालय के क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत में संबंधित पशु चिकित्सक द्वारा शिविर लगाकर पशुधन का उपचार एवं टीकाकरण करने तथा पशुपालन विभाग की उष्ट्र विकास योजना, पशु बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। 

स्वाइनफ्लू की दवा व जांच सुविधा में कोई कमी नहीं -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

स्वाइनफ्लू की दवा व जांच सुविधा में कोई कमी नहीं -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री 
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  कालीचरण सराफ ने स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वाइनफ्लू की पर्याप्त जांच सुविधा के साथ ही दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने एसएमएस हास्पिटल में स्वाइनफ्लू के लिए अलग से काउंटर स्थापित करने एवं बच्चों के उपचार के लिए सीरप की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
 सराफ बुधवार को मध्यान्ह राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में स्वाइनफ्लू की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां व जांच के लिए आवश्यक सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके साथ ही स्वाइनफ्लू रोगियों के संपर्क में आने वाले चिकित्सा कर्मियों को लगाने के लिए वेक्सीन की भी समुचित व्यवस्था है।
दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध 
सराफ ने प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में स्वाइनफ्लू की दवा की उपलब्धता की विस्तार से समीक्षा की। उन्हाेंने दवा विक्रेताओं के पास भी पर्याप्त मात्रा में स्वाइनफ्लू दवा की नियमित आपूर्ति पर नजर रखने के निर्देश दिए। ड्रग कंट्रोलर श्री अजय फाटक ने बताया कि दवा विक्रेता के पास स्वाइनफ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में भी स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है। चिकित्सा शिक्षा सचिव  आनंद कुमार ने बताया कि वे स्वयं प्रतिदिन स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के एम.डी. श्री महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि कॉरपोरेशन के पास इस समय स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक दवा ऑसेल्टामिविर कैप्सूल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस समय 75 एमजी के 5 लाख एवं बच्चों के लिए 30 एमजी के 4 लाख ऑसेल्टामिविर कैप्सूल उपलब्ध है साथ ही बच्चों के उपचार के लिए 15 हजार सीरप भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जे.के.लोन में बच्चों के उपचार के लिए सीरप भी पर्याप्त मात्र में उपलब्ध करवा दिया गया है। वरिष्ठ चिकित्सकाें ने बताया कि बच्चों के स्वाइन फ्लू उपचार के लिए सीरप नहीं होने की स्थिति में कैप्सूल को घोलकर पिलाया जा सकता है।
मिशिगन वायरस से डरने की जरूरत नहीं 
चिकित्सा मंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार विमर्श के बाद बताया कि स्वाइनफ्लू का वायरस हर दो तीन वर्ष बाद अपना स्ट्रेन बदलता है उन्हाेंने कहा कि स्वाइनफ्लू के मिशिगन वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि लक्षण प्रतीत होते ही उपचार कि जरूरत है।
एसएमएस के प्रोफेसर डॉ. सी.एल. नवल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का केलिफोर्निया स्ट्रेन की तुलना में इस वर्ष मिशिगन वायरस चिन्हि्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वायरस के लिये वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है एवं प्रभावी भी है। उन्हाेंने स्पष्ट किया कि स्वाइनफ्लू के मिशिगन वायरस के उपचार में भी वही दवा कारगर है, जो कैलिफोर्निया स्ट्रेन में कारगर थी।
समीक्षा बैठक में निदेशक जन-स्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर, एसएमएस के प्रिसिपल डॉ. यू.एस. अग्रवाल व अधीक्षक डॉ.डी.एस.मीणा. जेकेलोन अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे। 

डिजिटल ड्रग लाइसेंस जारी होंगे

डिजिटल ड्रग लाइसेंस जारी होंगे
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  कालीचरण सराफ ने बुधवार को सीफू में आयोजित समारोह में प्रदेश में ड्रग लाइसेंस के डिजिटलाइजेशन कार्य का शुभारंभ किया।
सराफ ने बताया कि ड्रग लाइसेंस का डिजिटलाइजेशन करने में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के डिजिटलाइजेशन के संकल्प को पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग पूर्ण सक्रिय होकर कार्य कर रहा है। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं  स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि इस  डिजिटलाइजेशन से सेवाओं में पारदर्शिता से  व्यापक सुधार होगा ।
ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर ड्रग कंट्रोलर श्री अजय फाटक तथा डी ओ आई टी के राजीव गुजराल मौजूद थे। ड्रग कंट्रोलर संगठन के अधिकारियों व केमिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। 

Tuesday 12 September 2017

अवैध आम्र्स लाईसेंस बनाने व बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में हुए 

और भी खुलासे, सरगना का बड़ा व चचेरा भाई भी इस धन्धे में लिप्त



जयपुर । अतिरिक्त महानिदेशक अपराध श्री पंकज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में अपराध उन्मूलन हेतु चलाये जा रहे विशेष एवं सघन अभियान के तहत अन्तर्राज्यीय अवैध एवं फर्जी आम्र्स लाईसेंस बनाने वालों एवं अन्य राज्यों से होने वाले अवैध हथियारों खरीद-फरोख्त के विरूद्ध एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि राज्य की अपराध शाखा ने प्रदेश के करौली जिले के श्रीमहावीर जी में एक बड़ी कार्यवाही कर दो अवैध हथियार तस्करों को 15 पिस्टल एवं 20 जिंदा कारतूस के गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त महानिदेशक अपराध श्री पंकज कुमार सिंह एवं ए.टी.एस. राजस्थान के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, श्री उमेश मिश्रा आज पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि श्रीमहावीरजी रेल्वे स्टेशन के पास स्थित अण्डर ब्रिज से मध्यप्रदेश के धार जिले के निवासी संजय पुत्र सरदया (19) आदिवासी भील एवं महेश पुत्र दुर्गा (25) आदिवासी भील को गिरफ्तार कर उनसे 15 पिस्टल एवं 20 जिन्दा कारतूस बरामद करने में सफलता हासिल की है। 

उन्होंने बताया कि वे गंगापुर निवासी लखन मीणा और फिरोज को हथियार बेचने के लिये आये थे। इन दोनों को वे पूर्व में भी अनेक बार हथियार सप्लाई कर चुके हैं। दोनों आरोपियों के पास से बरामद अवैध हस्त निर्मित सभी पिस्टलों पर मैड इन स्पेन एवं यूएसए मुद्रित है, इनमें से कुछ पिस्टलों पर साईलेन्सर भी लगे हुए हैं। 

अतिरिक्त महानिदेशक अपराध ने बताया कि आरोपियों का मुख्य सरगना बल्लू सरदार है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बल्लू सरदार के भाई श्योदान सिंह को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि उसका चचेरा भाई ईश्वर सिंह भी इसी व्यवसाय में लिप्त है। दिल्ली पुलिस ने 14 अगस्त को उसे दिल्ली में मय 20 पिस्टलों के गिरफ्तार किया है। ईश्वर सिंह को सन् 2009 में जयपुर पुलिस ने भी 5 पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था।
श्री सिंह ने बताया कि इन लोगों से और भी हथियार जब्त होने एवं वारदातें खुलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सिकलीगर जाति के लोग भारत के समस्त राज्यों में बड़ी तादाद में अवैध हथियार सप्लाई करने का कार्य करते है। 

ए.टी.एस. राजस्थान के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, श्री उमेश मिश्रा ने बताया कि एटीएस राजस्थान की विभिन्न 12 टीमों ने राजस्थान, पंजाब, जम्मू, मध्यप्रदेश में अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर भारी मात्रा में हथियार लाईसेंस व अवैध हथियारों को जप्त किया है। उन्होंने बताया कि एटीएस को 04 माह पूर्व इस बात की पुख्ता सूचना मिली थी कि एक संगठित गिरोह अवैध रूप से हथियार बेचने तथा खरीदने व आम्र्स लाईसेंस बनाने का कारोबार करता है तथा गिरोह से जुडे लोग वर्ष 2007-08 के लाईसेंस वर्तमान में बनाकर देते हैं और पुलिस सत्यापन भी नहीं करवाते व सम्बन्धित थाने में हथियारों का इन्द्राज नहीं करवाते है तथा जम्मू से बाहर के निवासी होने के उपरान्त भी जम्मू के पते पर लाईसेंस बनवाते हैं। 

अतिरिक्त महानिदेशक एटीएस ने बताया कि इस सन्दर्भ में श्री बीजू जॉर्ज जोसफ, महानिरीक्षक पुलिस, एटीएस व श्री विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में श्री बजरंग सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एटीएस के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीम में सर्वश्री श्याम सिंह, मनीष शर्मा, राजेश दुरेजा, कामरान खान, प्रदीप सिंह, पुलिस निरीक्षक को शामिल किया गया।

 श्री मिश्रा ने बताया कि पुलिस निरीक्षक एटीएस यूनिट उदयपुर श्री श्याम सिंह रत्नू को इस बाबत् सूचना संकलन करने हेतु निर्देशित किया गया तथा एक टीम का गठन करके गिरोह से जुडे हुये संदिग्धों के सत्यापन हेतु एक टीम अबोहर पंजाब, जम्मू भेजी गई। जिसके माध्यम से गिरोह से जुडे लोगों के बारे में आसूचना संकलन किया गया। आसूचना संकलन के दौरान ही उदयपुर निवासी एक व्यक्ति ने एटीएस मुख्यालय में अजमेर निवासी जुबेर नामक व्यक्ति के खिलाफ सूचना दी की जुबेर ने आम्र्स लाईसेंस बनाने के नाम पर व हथियार उपलब्ध करवाकर उससे 12 लाख रुपये ले लिये, जबकि हथियार व आम्र्स लाईसेंस प्रथम दृष्टया संदिग्ध नजर आते हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के देवास से भी हथियार जुबेर नामक व्यक्ति द्वारा खरीद फरोख्त के बारे में जानकारी मिली। जिसका सत्यापन एटीएस टीम द्वारा करवाया गया। सम्पूर्ण सूचना संकलन के आधार पर अवैध लाईसेंस के कारोबारियों को रंगेहाथों पकडने हेतु श्री बजरंग सिंह शेखावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एटीएस को मय टीम के सिरोही भेजा गया। 

 उक्त टीम ने जुबेर नामक व्यक्ति को बोगस ग्राहक से 02 लाख रुपये का चैक व 30 हजार रूपये नकद व 06 आम्र्स हथियारों के साथ पूछताछ हेतु पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। मुख्य अभियुक्त ने अभिरक्षा के दौरान पूछताछ में बताया कि उसके अजमेर स्थित घर पर काफी संख्या में अवैध आम्र्स लाईसेंस व अवैध हथियार पडे हुए है। जुबेर से मिली जानकारी के आधार पर राजस्थान व बाहर के राज्यों में दबिश देते हुए सैकडाें की संख्या में अवैध आम्र्स लाईसेंस, अवैध हथियार व कारतूस बरामद किये गये। पूछताछ के बाद प्रकरण दर्ज कर आरोपी जुबेर को गिरफ्तार किया गया। अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है व शीघ्र ही अन्य व्यक्तियों के खिलाफ अवैध लाईसेंस व अवैध हथियार की बरामदगी कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जुबेर के सहयोगी विशाल व राहुल से पूछताछ की जा रही है शीघ्र ही इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी तथा इस प्रकरण से जुडे अन्य आरोपियों के खिलाफ भी बाद पूछताछ कार्यवाही की जायेगी। 

Sunday 10 September 2017

ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना, बजट के अभाव में अटकी पहली किश्त की राशि

ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना

बजट के अभाव में अटकी पहली किश्त की राशि

2655 आवेदन, सिर्फ 328 को ही हुआ पहली किश्त का भुगतान 

गिड़ा। प्रदेश में ऊंटो की घटती संख्या लेकर चिंतिंत राज्य सरकार ने पशुपालकों को प्रोत्साहन करने को लेकर ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना शुरू की गई। गत वर्ष 2 अक्टूबर 2016 से प्रारंभ की गई योजना में बाड़मेर जिले में अब तक 26 सौं से अधिक प्रस्ताव आ चुके है, लेकिन सिर्फ 328 ऊंट पालकों को ही पहली किश्त का भुगतान किया गया हैं। बजट के अभाव में योजना का के्रेज ऊंट पालकों में नही रहा हैं। वहीं विभाग ने प्राप्त सभी आवेदनों में सभी ऊंटो का टैग लगाने का काम पूरा कर दिया हैं, लेकिन भुगतान राशि नही मिलने से ऊंट पालक निराश हैं। सभी आवेदनों की पहली किश्त के लिए करीबन 69 लाख 81 हजार रूपये की राशि की जरूरत हैं, जबकि योजना शुरु हुए एक साल होने वाला हैं।

क्या हैं योजना

राज्य सरकार ने ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना शुरु करते हुए ऊंट पालकों को 10 हजार रूपये की राशि तीन किश्तों में दी जानी है। इसके लिए ऊंटनी के प्रजनन के बाद टोडिये की आयु 1 माह होने पर 3 हजार की पहली किश्त, टोडिये की उम्र 9 माह होने पर दूसरी किश्त की राशि 3 हजार तथा 18 माह की आयु पूर्ण होने पर 4 हजार रूपये की राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया हैं। प्रोत्साहन राशि ऊंट पालक के सीधे ही बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत ऊंट का बीमा भी किया जा रहा हैं। 

बाड़मेर जिले में आए 2655 आवेदन

पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में अब तक 2655 आवेदन आये हैं इन सभी आवेदनों की टैंगिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं। इनमें से 328 पशुपालकों को पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका हैं। विभाग के पास अभी तक 2327 ऊंट पालकों को पहली किश्त के भुगतान इंतजार हैं। टोडियों की उम्र के हिसाब से पहली किश्त का भुगतान टोडिये की उम्र 1 माह निर्धारित हैं, अब तक अधिकांश टोडियों की उम्र 9 माह से अधिक हो चुकी हैं उनको दूसरी किश्त दी जानी हैं, लेकिन पहली किश्त के भी लाले पड़ रहे हैं।

ऊंट के मुह में जीरा साबित हो रही हैं राशि

ऊंट पालकों को पहली किश्त की राशि बांटने के लिए 69 लाख 81 हजार रूपये की दरकरार हैं, जिनमें से सिर्फ 26 लाख की राशि अभी विभाग के पास आई हैं, जो महज ऊंट में मुह में जीरे के समान हैं, बताया जा रहा हैं कि ऊंट पालकों को दूसरी किश्त जमा करवाने का समय भी नजदीक आ चुका हैं, लेकिन पहली किश्त भी अभी दूर ही हैं। 

इनका कहना हैं

328 को पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका हैं, अभी 26 लाख का बजट आया हैं इसको प्राथमिकता के साथ  ऊंट पालकों के खाते में हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
डॉ. युग भूषण वधवा
संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बाड़मेर

Wednesday 6 September 2017

जिले में पहली बार हुआ पाडे का बीमा

बाटाडू में 20 यूनिट पशुओं का बीमा किया गया



गिड़ा। भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत बायतू उपखंड क्षेत्र के बाटाडू में पशुओं का बीमा किया गया। पशु चिकित्सक डॉ. अजय कुमार के साथ नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी के प्रतिनिधी करनाराम मांजू ने पशुपालकों को पशु अवेयरनेस के साथा भामाशाह पशु बीमा योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए अधिकाधिक पशुओं का बीमा करवाने का आह्वान किया गया। नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी के प्रतिनिधी करनाराम मांजू ने कहा कि राज्य सरकार ने पशुपालकों के सामने आ रही परेशानियों को दूर करने तथा पशुओं के मरने के बाद नया पशु खरीदने के लिए संकट उत्पन्न हो जाता था, अब राज्य सरकार पशुओं का बीमा करवा रही हैं इससे पशुओं के मरने पर बीमा राशि से पुन: पशु आसानी से खरीद सकता हैं, इसके लिए पशुपालक अपने पशुओं का बीमा करवा कर पशुओं का मोल बचा सकता हैं। उन्होने कहा कि बीपीएल और एससी, एसटी के पशुपालकों को 70 प्रतिशित अनुदान दिया जा रहा हैं।
जिले में पहली बार हुआ पाडे का बीमा
भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत बाडमेर-जैसलमेर जिले में पहली बार पाडे का बीमा किया गया हैं। भीमडा के पशुपालक हीराराम पुत्र वगताराम ने अपने पाडे का बीमा करवा कर सरकार की योजना का फायदा उठाया है।
20 यूनिट पशुओं का बीमा किया गया
पशुचिकित्सालय बाटाडू के अंतर्गत बुधवार को 20 यूनिट पशुओं का बीमा किया गया। डॉ. अजय कुमार ने बताया कि 7 यूनिट गाय, 5 यूनिट भैंस, 5 यूनिट बकरी, 2 यूनिट ऊंटनी तथा 1 यूनिट पाडे का बीमा किया गया हैं। इस दौरान जगमाल चौधरी ने सहयोगी के रूप में कार्य करते हुए बीमा करवाने में सहयोग प्रदान किया।

फोटो:- भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत पाडे का बीमा करते हुए।



divya panchayat daily