Friday 27 April 2018

कैलाश चौधरी बने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मख्यमंत्री ने सुझाया नाम! दिल्ली-जयपुर से प्रकाशित अखबार की खबर ने मचाई हलचल


कैलाश चौधरी बने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मख्यमंत्री ने सुझाया नाम!दिल्ली-जयपुर से प्रकाशित अखबार की खबर ने मचाई हलचल


photo kailash choudhry facebook page



संघ की पृष्ठभूमि और संगठन मंे पद और पकड से खुल सकती है राह

बंशीलाल चौधरी, सम्पादक दिव्य पंचायत हिन्दी समाचार पत्र9166522591, 9413662591

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पिछले 12 दिन से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद फुटबॉल बना हुआ हैं जिसका मन भाया उसका नाम जाहिर कर दिया और उसे मीडिया व सोश्यल मीडिया पर प्रसारित प्रकाशित भी किया जा रहा हैं। लेकिन अब एक अखबार की खबर ने फिर से राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। कई दिनों से आम जन के मुद्दों से ज्यादा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कौन बनेगा इस पर चर्चाएं चल रही हैं।  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे  नई दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि दोनों के साथ मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वह इस बात का पुख्ता संकेत है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पसंद से ही राजस्थान का अगला प्रदेशाध्यक्ष होगा।
दिल्ली व जयपुर से प्रकाशित अखबार नेशनल दुनिया ने खबर डाल कर हलचल मचा दी कि वसुंधरा ने जो नाम सौंपे हैं उनमें कैबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी, पूर्व अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी, राज्यसभा सांसद भूपेंद्र सिंह यादव और पूर्व प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया का नाम है। इसके अलावा बायतु से बीजेपी के विधायक और भाजपा के किसान मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश चौधरी के अलावा भी तीन अन्य नामों की सूची मुख्यमंत्री की तरफ से संगठन महामंत्री रामलाल और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंप दी गई है।

कैलाश चौधरी हैं वसंुधरा के गुडफैथ में

युवा एवं आक्रमक तेवर से साथ छाप एवं ईमानदार राजनीति करने की छवि के बलबूते प्रदेश की राजनीति के चर्चित चेहरे कैलाश चौधरी का नाम वसुंधरा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष रख कर उन नेताओं के लिए ऐसा सबक सामने रख दिया हैं कि जो काम करता हैं फल उसी को मिलता हैं। गौरतलब रहे कि बायतू विधायक को भाजपा किसान मोर्चा का अहम पद सौंपा गया था उसे इन्होने बखूबी निभाते हुए पूरे राजस्थान के साथ भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष एक ऐस मंझे हुए नेता की छवि को पेस किया जिसका मुकाबला राजस्थान के गिने चुने नेता ही कर पाये हैं।

स्ंाघ पृष्ठभूमि और गैर जातिवाद का मिल सकता हैं फायदा

यदि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे की अनुशंसा पर बायतू विधायक कैलाश चौधरी को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर सुशोभित करता हैं तो उनके लिए संघ की पृष्ठ भूमि और गैर जातिवादी के साथ ईमानदार को बेदाग छवि महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। 

मंत्री तो नही बनने दिया अध्यक्ष बन जाएंगे!

बाडमेर सहित जयपुर के राजनीतिक गलियारों में बायतू विधायक कैलाश चौधरी का नाम चलते ही कई लोग यह चर्चा करते हुए दिख रहे हैं कि पहले मंत्री के लिए भी बायतू विधायक का नाम चला था यहां तक कि वसुंधरा के दूसरे मंत्रीमंडल विस्तार में कैलाश चौधरी का नाम फाईनल था तथा शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए रवाना भी हो चुके लेकिन भाजपा के ही एक नेता के अडंगे ने इनकोें मंत्री पद से दूर कर दिया। इसी को लेकर चर्चा हैं कि फिर से कोई टांग अडाउ नेता सामने आ गया तो कैलाश चौधरी को इस पद से दूर रहना पड सकता हैं।

  • अभी तो शुरूआत हैं

  • बायतू के विधायक अभी युवा नेताओं के गिने जाते हैं अभी से इनका नाम प्रदेशअध्यक्ष के लिए सामने आना कैलाश चौधरी के सुखद भविष्य की ओर संकेत कर रहे हैं, वैसे भी वर्तमान में संगठन के महत्वपूर्ण किसान मोर्चा को संभाल रहे हैं, फिर से सरकार बने या नही बने पर बायतू विधायक कैलाश चौधरी की संगठन में गहरी पैठ और पकड हैं जिसके बदौलत संगठन में सक्रिय भूमिका मे तो नजर आएंगे ही। अभी तो पहला चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे युवा विधायक का नाम इतने बडे पद के लिए आना बाडमेर की राजनीति के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा हैं। 


खुले मंे शौच जाने की आदत छोड़कर शौचालय का उपयोग करें:सरपंच लेगा

खुले मंे शौच जाने की आदत छोड़कर शौचालय का उपयोग करें:सरपंच लेगा








गिडा। पंचायत समिति की लापुन्दडा ग्राम पंचायत में  ग्राम स्वराज अभियान के तहत वेदांता-आयल एंड गैस तथा आरडीओ के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित कार्यक्रम को  संबोधित करते हुए लापुन्दडा सरपंच बांकाराम लेगा ने कहा कि  खुले मंे शौच जाने की आदत छोड़कर नियमित रूप से शौचालय का उपयोग करें। उन्होने कहा कि पंचायतीराज संस्थाएं विकास कार्याें मंे भागीदारी के साथ सरकारी योजनाआंे की जानकारी आमजन तक पहुंचाने मंे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय लापूदड़ा के प्रधानाचार्य शिवदयाल शर्मा ने कहा कि शौचालय का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से करीब 80 फीसदी बीमारियां दूर हो जाती है। राहुल शर्मा ने कहा कि शौचालय सबसे ज्यादा महिलाओं को जरूरत है। खुले में शौच जाने से कई प्रकार की दिक्कतंे आती है। आरडीओ के जोगाराम सारण ने स्वस्थ भारत मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान विद्यार्थियों मंे स्वच्छता के बारे में चित्रकला प्रतियोगिता करवाई गई। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 11 विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया गया। साथ ही स्वच्छता प्रेरकों को टी-शर्ट एं कैप वितरण किए गए। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर धीराराम डोगियाल ने बताया कि ग्राम पंचायत लापुंदरा से शौचालय का नियमित उपयोग करने वाले 453 लोगांे के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुए। इसमंे से 249 को 2500 रूपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा चुका है। इस अवसर पर शंभू राम हनुमत सिंह, मोहन दान, मूल सिंह समेत कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Monday 23 April 2018

गांव वालों की आदत से इतनी परेशान हो गई कि सरपंच बनकर रच डाला इतिहास

सच्चे मन से की गई भक्ती से भगवान खुश होते हैं- प्रेम बाईसा दूदवा के भागवत कथा का चौथा दिन

सच्चे मन से की गई भक्ती से भगवान खुश होते हैं- प्रेम बाईसा
दूदवा के भागवत कथा का चौथा दिन





बालोतरा। दूदवा गांव में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक बाल साध्वी प्रेमबाईसा ने भक्त और भगवाने के बारे मे बताते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में अपने सद्कर्मा के साथ-साथ अपने मां-बाप और भगवान को स्मरण करते रहना चाहिए।जो भक्त सच्चे मन से भगवान को याद करते हुए उनके पास भगवान दौड कर चले आते हैं। इसके लिए हमारा मन साफ होना चाहिए। कथा के दौरान विभिन्न भगवानों की झांकियां जिसमे भगवान नारायण, मां काली की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। कथा के दौरान साध्वी प्रेमबाईसा ने राम सुमिरन हरि ने समरले, ओढ चुनर गई रे संत्संग में आदि भजनों की प्रस्तुतियां देकर सभी भक्तों को मंत्र मुग्ध दिया। महंत वीरमनाथ ने नशा मुक्ति का संदेश दिया। कथा को सुनने के लिए दूदवा, मलवा, खारापार, खटटू, बागुंडी, गोल, भीमरलाई, चांदेसरा, बायतू सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से हजारों भक्तगण आ रहे हैं। इस दौरान मगाराम सारण, भीयाराम बेनीवाल, गंगाराम बाना, रहिंगाराम सारण, कुंभाराम जांणी, केहराराम बेनीवाल, सुरताराम जांणी, खेतसिंह दहिया, प्रेमाराम बाना, धुडाराम जांणी, देवाराम नाई, मूलाराम सांई, कानाराम बाना, हेमाराम प्रजापत सहित समस्त ग्रामवासी व्यवस्थाओं को संभाल रहे हैं।

फोटो

Sunday 22 April 2018

राजस्थान में अब 21वीं सदी में तीसरे दल का स्वपन देखना है बेकार लगता है

राजस्थान में अब 21वीं सदी में तीसरे दल का स्वपन देखना है बेकार लगता है

+सत्य पारिक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनितिक विश्लेषक 

दिव्यपंचायत न्यूज़ नेटवर्क

राजस्थान में अब 21वीं सदी में तीसरे दल का स्वपन देखना है बेकार लगता है , क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में इतनी जगह खाली रहती है कि किसी भी नए उभरते हुए नेता और पुराने नेता को जगह की किसी भी समय कमी नहीं रहती है । कांग्रेस से छोड़कर आने वाले नेता को भाजपा सर आंखों पर बैठाती है , ठीक उसी तरह भाजपा से नाता तोड़ने वाले नेता के लिए कांग्रेस पलक पावडे बिछाए रहती है , इस कारण तीसरी राजनीतिक शक्ति के लिए कोई मजबूत व जनाधार वाला नेता बचा हुआ नहीं रह सकता है जो अपने कंधों पर तीसरी राजनीतिक शक्ति को जन्म देकर सत्ता में भागीदार बना सकें।
एक जमाना था जब देश आजाद हुआ था तब राजस्थान में पूर्व राजा महाराजाओं ने एक दल का गठन किया था जो सत्ता में तो नहीं आ सका लेकिन उसने तीसरी राजनीतिक शक्ति की कमी पूर्ति करने की काफी कोशिश की । उसके बाद जनसंघ अस्तित्व में आ गया जो लंबे समय अपनी हिंदूवादी छवि को लेकर राजनीति में संघर्ष करता रहा इसी के साथ वामपंथी दल भी उदय हुए दोनों ने ही विधानसभा में मुठी भर विधायकों को पहुंचाने में सफलता भी हासिल की , लेकिन सत्ता में भागीदारी नहीं मिली । कांग्रेस से अलग हुए चौधरी चरण सिंह ने अपने नेतृत्व में दर्जनों राजनीतिक संगठनों को जन्म दिया जिनका राजस्थान में प्रतिनिधित्व दौलत राम सारण एवं कुंभाराम आर्य ने किया लेकिन वह भी सत्ता के लिए सफल नहीं हो सके ।
एक समय ऐसा आया जब राज्य में कांग्रेस ने अल्पमत की सरकार बनाकर चलाने की कोशिश की तब विपक्ष ने एकजुट होकर मुकाबला किया था , खूनी संघर्ष होने के बाद भी कांग्रेस को सत्ता विहीन नहीं कर सके । अंत में 1977 का काल ऐसा आया जिसमें सारे दल जनता पार्टी के झंडे के नीचे खड़े हो गए , हालांकि वह झंडा लोकदल का था इसी की टिकट पर सभी ने चुनाव लड़े और कांग्रेस को केंद्र और राज्यों से सत्ता से उखाड़ फेंका । लेकिन इंदिरा गांधी की राजनीतिक सूझबूझ से ढाई साल के अंतराल के बाद जनता पार्टी एक बार पुन जितने दलों को लेकर इकट्ठी हुई थी उन से कहीं ज्यादा दलों के रूप में बिखर गई और कांग्रेस ने नये रूप में सत्तारूढ़ हुई ।
उसके बाद राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी और जनता पार्टी वे लोकदल जैसे दलों का उदय हुआ जो कभी एक झंडे के नीचे नहीं आए इन्हें एक झंडे के नीचे पुनः एक बार कांग्रेस से निकले हुए वी पी सिंह ने एकत्रित किया और सत्ता का स्वाद चखाया , लेकिन ढाई साल के बाद फिर वही राम कहानी दोहराई गई और जनता दल खंड खंड होकर कहीं का नहीं रहा । आज उसका अस्तित्व राजस्थान में तो नहीं है लेकिन अन्य राज्यों में जरूर है ।
राज्य में जब भी विधानसभा चुनाव आते हैं तब कोई न कोई नेता कोशिश करता है कि वो तीसरी शक्ति के रूप में अपना अस्तित्व खड़ा करें लेकिन शिवाय असफल होने के उसके पास कोई रास्ता नहीं बचता , ऐसे नेताओं में चंद्र राज सिंघवी , देवी सिंह भाटी , किरोड़ी लाल मीणा , दिग्विजय सिंह आदि नेताओं के नाम शामिल किए जा सकते हैं , अभी नया नया नाम घनश्याम तिवाड़ी का उभरा है जो आगामी विधानसभा चुनाव में कितना बड़ा तीर मारेंगे इसके बारे में अभी से पुराना इतिहास देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस भाजपा के इलावा किसी भी दल के लिए भूमि उर्वरा नहीं है

Saturday 21 April 2018

चुनावी साल कौन होगा राजस्थान नौकरशाह का मुख्या, बढेगा एनसी का कार्यकाल या फिर नया नाम आएगा सामने

चुनावी साल
कौन होगा राजस्थान नौ
करशाह का मुख्या, बढेगा एनसी का कार्यकाल या फिर नया नाम आएगा सामने




दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क

जयपुर। राजस्थान सरकार के प्रशासनिक मुखिया एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी निहाल चंद गोयल की सेवानिवृत्ति का समय नजदीक आने के साथ ही नौकरषाही हलकों में एक बार फिर से नए सीएस को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इन दिनों प्रशासनिक हलकों में यही सवाल गूंज रहा है कि चुनावी वर्ष के ऐसे नाजुक समय में सरकार नया सीएस नियुक्त करेगी या एनसी गोयल को एक्सटेंशन देगी। चुनावी साल में गोयल ने कई मामलों में सरकार को मुश्किलों से निकाला हैं। गौरतलब है कि मुख्य सचिव एनसी गोयल अपने 3 महीने से ज्यादा के कार्यकाल में खासे सक्रिय नजर आए हैं। फाइल का फास्ट डिस्पोजल हो या निर्णय क्षमता या फिर अन्य अधिकारियों के साथ तालमेल कर काम को रिजल्ट ओरिएंटेड बनाना। इन सभी पैमानों पर गोयल खरे उतरे हैं। अभी तक के कार्यकाल में इन कामों में उनकी दक्षता साफ नजर आती है...

 एससीएस से आईएएस प्रमोशन 

- इसके लिए एसीआर और बोर्ड बैठक की जरूरी प्रक्रिया तेज करवाई। इसकी वजह से बोर्ड की बैठक सही समय पर बिना किसी अड़ंगे के हो पाई और अप्रैल में 14 आरएएस आईएएस बन गये।

ग्राम सेवकों सरपंचों की मांगों पर की बातचीत 

- इन मांगों को लेकर ग्राम सेवक और सरपंच आंदोलनरत थे। 
 एनसी गोयल की सक्रियता से मामला सुलझा उन्हीं के कक्ष में मंत्री राजेंद्र राठौड़ राठौड़ ने की संबंधित पक्षों से बातचीत और मामला सुलझा।
पर्यटन इकाइयों के आसपास भूमि को लेकर मसला 
- इस मसले में भूकृआवंटन संबंधी नियम परिवर्तन को लेकर सक्रियता दिखाई।

गुर्जर आंदोलन के दौरान नेताओं पर लगे मामले इस मामले में गुर्जर नेताओं की मांग अनुसार एक्शन को तेज किया।

चिकित्सा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाना

इस मसले पर रेजीडेंट का विरोध सामने आया तो उनके लिये प्रशासनिक पदों पर न लगने की शर्त व अन्य बिंदुओं पर निर्णय किया।

एससी एसटी एक्ट के खिलाफ हुए भारत बंद और ब्राह्मण संगठनों के कथित बन्द के मामले में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में तत्परता दिखाई। परशुराम जयंती पर भी जब ऐसी आशंका दिखी तो जरूरी अर्द्धसैन्य बल कितने तैनात हों और क्या सुरक्षा व्यवस्था रहे इसकी पूरी समीक्षा करके निर्देश दिए।
आपको बता दें कि फास्ट डिस्पोजल करने और रिजल्ट ओरिएंटेड होने की इसी छवि के चलते हुए ही मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेसी में भी गोयल चहेते बने हुए हैं। ऐसे में उनके 3 माह के एक्सटेंशन की चर्चाएं जोरों पर है।

दूदवा में भागवत कथा का दूसरा दिन उमडा भक्तोे का सैलाब


भगवान स्वयं उपस्थित होकर सुनते है कथाः बाल साध्वी प्रेम बाईसादूदवा में  भागवत कथा का दूसरा दिन उमडा भक्तोे का सैलाब

बालोतरा। निकटवर्ती दूदवा गांव में  मां रूपादे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शुरू हुई मद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचन करते हुए बाल साध्वी प्रेम बाईसा ने कहा कि जहां-जहां भी परमपिता परमात्मा के लीलावतारों की कथा प्रवचन और गुणगान होता है वहां पर भगवान स्वयं सूक्ष्म रूप में उपस्थित होकर कथा का श्रवण करते है। 
उन्होनें श्रीमद्भागवत महापुराण पर प्रवचन के दौरान सत्संग की महिमा का बखान करते हुए कहा कि दुनिया भर में आज अराजकता का माहौल बन रहा है। मगर इसके बावजूद सत्संग के कारण यह पृथ्वी मौजूद है। अन्यथा कब का प्रलय हो जाता। उन्होनें कहा कि जब-.जब भी धरती पर पाप और अत्याचार बढ़े है। तब भगवान ने स्वयं विविध रूपों में अवतार लेकर पापियो-ं.अत्याचारियों का संहार कर अपने भक्तों को भयमुक्त किया है। त्रेता युग में भी जब पृथ्वी पर लंका नरेश एवं राक्षसराज रावण के पाप अत्याधिक बढ़ गए थे। उस समय भगवान श्रीराम के रूप में रधुकुल में नर रूप में अवतार लेना पड़ा था। इसी प्रकार द्वापर युग में कंस के अत्याचारों से अपने भक्तों को मुक्त कराने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था।
बाल साध्वी ने  कथा के दूसरे दिन महाभारत काल में भगवान की लीलाओं के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि जो आपसे दुश्मनी रखता है उससे प्रेम कीजिए वह अपने आप दुश्मनी भूल जाएगा। उन्होनें बताया कि वर्तमान समय में हमें संस्कार विहीन करने का कुचक्र चलाया जा रहा है। जिसके कारण मानव पथभ्रष्ट होता जा रहा है। मगर संतों के बताए मार्ग का अनुसरण कर एवं भगवान के नाम के सुमिरन से समूचे विश्व का कल्याण संभव है।

कथा सुनने को उमडे भक्त भाविक

  • ग्रामीण कुभाराम जांणी ने बताया कि कथा सुनने को लेकर दूदवा सहित आज-पास के क्षेत्र के हजारों की संख्या में भक्त भाविक आ रहे हैं तथा भक्त भाव में सरोबार होकर झूमते नजर आते हैं, कथा को लेकर ग्रामीणोें द्वारा भक्तों के बैठने की विशेष व्यवस्था की गई हैं। पांडाल में महिलाआ और पुरूष भक्तों के लिए बैठने की अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई हैं। कथा के दूसरे दिन राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी, महंत प्रतापपुरी महाराज ने शिरकत किया।]


Friday 20 April 2018

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में अभी से धड़ें बंदी शुरू होने लगी है

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में अभी से धड़ें बंदी शुरू होने लगी है


दिव्य पंचायत न्यूज़ नेटवर्क
 जिसमें अपनी अपनी पसंद के नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की टिकट दिलाना है , इसमें वे कितने सफल होंगे और कितने नहीं होंगे इसी पर आगामी मुख्यमंत्री के पद का निर्णय होने की आस लगाए बैठे हैं । जबकि अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगी कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो मुख्यमंत्री कौन होगा ? वैसे पार्टी महासचिव अशोक गहलोत इसी आशा के साथ दिल्ली में बैठे हैं कि राज्य के भावी मुख्यमंत्री वही बनेंगे अगर सरकार बनी तो , इसी तरह से गहलोत के केंद्रीय संगठन में जाने से प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और उनकी टीम को यह भरोसा हो चला है की अगर सरकार बनी तो मुख्यमंत्री की लॉटरी पायलट के नाम की ही निकलेगी ।
      इसी दौड़ में कांग्रेस के एक और महामंत्री डॉ सी पी जोशी भी हैं जो महामंत्री के पद पर अनफिट साबित हुए तभी उन्होंने दूसरा मार्ग अपनाया और क्रिकेट की खेल में राजनीति करने लगे , फिलहाल वे आरसीए के अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं , लेकिन उनका पद सुरक्षित नहीं है क्रिकेट की राजनीति के साथ-साथ वे अपनी लोबी के नेताओं को सक्रिय कर रहे हैं तथा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिलाने का वायदा कर रहें हैं कि उनकी पहुंच राहुल गांधी तक सीधी है । एक समय जब वे प्रदेश अध्यक्ष थे तो स्वयं को राहुल गांधी का खासमखास बताकर मुख्यमंत्री पद के दावेदारी कर रहे थे लेकिन उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र से एक वोट की करारी हार मिलने के कारण वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ से आउट हो गए ।
                    गुटबन्दी की इस दौड़ में एकमात्र नेता जो इस समय कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर डूडी हैं जिन्होने अभी तक अपना गुट बनाने की कोशिश नहीं की या वह सफल नहीं हुए , उन्हें कोई भी मुख्यमंत्री पद के योग्य या दौड़ में नहीं मानता है क्योंकि जाट जाति के दिग्गज नेता भी मुख्यमंत्री की दौड़ में असफल रहा चुके हैं इसलिए वह कभी सचिन पायलट के तो कभी अशोक गहलोत के आगे पीछे चलते रहते हैं , जाट जाति के होने के बावजूद भी उन्होंने जाट जाति के नेताओं को अपने साथ एकत्रित नहीं किए क्योंकि उनमें नेतृत्व की भारी कमी है जो उनके आड़े आ रही है विधानसभा में भी मैं कोई ऐसा अपना स्थान तय नहीं कर पाए जिससे कहा जाए कि वह कांग्रेस के सशक्त जाट नेता हैं , इस कारण जाट जाति के वरिष्ठ और कनिष्ठ दोनों तरह के नेता उनसे दूरियां बनाए रखते हैं ।
                            उपरोक्त तीनों नेताओं के अलावा कोई ऐसा नेता फिलहाल प्रदेश कांग्रेस में नजर नहीं आ रहा जो भावी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बने या दावेदारी करें अन्य वरिष्ठ नेता जो कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे थे वह राजनीति के ठंडे पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं कुल मिलाकर स्थिति यह है की अशोक गहलोत और सचिन पायलट की बजाए डॉक्टर सीपी जोशी कहीं भी सक्रिय नहीं है और आगामी चुनाव के नजदीक आते आते हैं इस दौड़ में ठीक वैसे ही कूदेंगे जैसे " बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना " क्योंकि उनके नाम के साथ एक बदकिस्मत और फ्लॉप नेता का किताब चस्पा हो चुका है , जिससे पीछा छुड़ाना उनके बस की बात नहीं है क्योंकि वह तुनकमिजाज होने के साथ-साथ अकड़ू भी है इसी कारण आरसीए में भी उनकी दाल ज्यादा दिन गलने वाली नहीं है ।
             आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर के अंत में होना संभावित है उससे पहले प्रदेश कांग्रेस में उम्मीदवारी को लेकर बड़ा शीत युद्ध होगा जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा महामंत्री अशोक गहलोत भारी पड़ेंगे लेकिन टांग फंसाने का काम डॉक्टर जोशी से ज्यादा सचिन पायलट करेंगे जिनके साथ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री रहेंगे , ऐसा सोचा जा रहा है लेकिन अशोक गहलोत के कांग्रेस मुख्यालय का सर्वे सर्वा होने के कारण टिकटार्थियों की भीड़ सबसे ज्यादा उनकी तरफ ही आकर्षित रहेगी जिसकी शुरुआत अभी से हो रही है , गहलोत ही प्रदेश के एकमात्र नेता ऐसे हैं जो राज्य की 200 विधानसभा सीटों में बराबर की पकड़ रखते हैं इसी कारण उनकी नजरों में जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार की संख्या अंगुलियों पर रहती है ।
#सत्य पारीक साहित्यकार एवं राजनीतिक विशेषज्ञ

Wednesday 18 April 2018

भाजपा प्रदेषाध्यक्ष परनामी का इस्तीफा मंजूर, कौन बनेगा नया अध्यक्ष पढे पूरी खबर

भाजपा प्रदेषाध्यक्ष परनामी का इस्तीफा मंजूर, कौन बनेगा नया अध्यक्ष पढे पूरी खबर
षेखात के नाम को मैडम की ना, पारिक के नाम पर बन सकती हैं सहमती




जयपुर। भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफे को मंजूरी दे दी है। अब उनकी जगह पर नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम का जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा। हालांकि अभी तक यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि नया प्रदेशाध्यक्ष कौन होगा, लेकिन नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर जारी है। इनमें कई नामों को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। परनामी को केन्द्रीय कार्यसमिति में जगह दी गई हैं।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की कवायदें जारी है। इसी को लेकर प्रदेश में पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष भी बदला जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पूर्व ही पार्टी महासचिव रामलाल ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से फोन पर वार्ता कर प्रदेशाध्यक्ष बदले जाने के बारे में चर्चा की थी। महासचिव ने सीएम राजे को अशोक परनामी के इस्तीफे के लिए फोन कर 3 दिन में इस्तीफा दिलाने की बात कही थी। वहीं सीएम राजे ने मामले को 15 दिन टालने का अनुरोध किया था।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर आज पार्टी की बैठक भी आयोजित की जानी है, जिसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा की जा सकती है और नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चेहरा तय किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, नए प्रदेशाध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में है, जिसमें सुरेन्द्र पारीक और गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम आगे बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि राजस्थान में बदलाव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जयपुर आ सकते हैं।

Wednesday 11 April 2018

बायतू विधानसभा क्षेत्र के कुम्पलिया व परेउ में विभिन्न विकास कार्य जनता ...

जनता को मीठा पानी नही पिलाया तो वोट मांगने नही आउंगाः विधायक चौधरी

जनता को मीठा पानी नही पिलाया तो वोट मांगने नही आउंगाः विधायक चौधरीकुम्पलिया व परेउ में विभिन्न विकास कार्यो का लोकार्पण







गिडा। निकटवर्ती कुम्पलिया व परेउ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर विभिन्न विकास कार्यो का लोकार्पण बायतू विधायक कैलाश चौधरी द्वारा किया गया। विधायक ने लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साढे चार साल के कार्यकाल में बायतू विधानसभा क्षेत्र में विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं, विकास से पिछडे इस क्षेत्र को पूरे राजस्थान के विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले में खडा करने का प्रयास किया जा रहा हैं। विधायक चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार से सर्वप्रथम पंचायतों का पुनर्गठन कर गिडा व पाटोदी दो पंचायत समितियां बनाई ताकि यहां की जनता को बायतू या बालोतरा नही जाना पडें, शिक्षा को लेकर बायतू में कॉलेज, गिडा व पाटोदी में आईटीआई कॉलेज स्वीकृत करवाये जिनका काम भी जल्द ही शुरू होने वाला हैं। विधायक ने कहा कि बायतू विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय के साथ-साथ हाल ही में माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के क्रमोन्नती का कार्य किया गया है। चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना से गांव-गांव में डामरीकृत सडकों का जाल बिछाया जा रहा हैं। 
मीठा पानी नही पिलाया तो वोट मांगने नही आउंगा
कुम्पलिया में विधायक कैलाश चौधरी ने चुनाव के समय अपने वादे को याद करते हुए कहा कि पाटोदी व बायतू क्षेत्र में हिमालय का मीठा पानी आ चुका हैं जल्द ही गिडा क्षेत्र और परेउ व कुम्पलिया की जनता को जल्द ही हिमालय का मीठा पानी मिल जाएगा। विधायक ने कहा कि जल्द की मीठा पानी नही ला पाया तो आने वाले चुनावों में वोट मांगने नही आउंगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिडा प्रधान लक्ष्मणराम डेलू ने कहा कि परेउ में आदर्श पीएचसी होने से इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेगी, उन्होने कहा कि राजनीति से उपर उठ कर जनता का विकास किया जावे। भामाशाह नवलकिशोर गोदारा, टीकूराम लेगा, नख्तसिंह कालेवा सहित कई जनों ने संबोधित किया।







इन कामों का किया लोकार्पण

विधायक कैलाश चौधरी ने कुम्पलिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जलप्रदाय योजना, शमशान घाट, स्कूल में बने टीन शैड, पूर्व सरपंच भूराराम गोदारा  परिवार द्वारा निर्मित सरस्वती मंदिर, गौरवपथ, पंचायत भवन चार दिवारी, सूचना एवं प्रोधोगिकी विभाग द्वारा लगाये गये ई-मित्र प्लस मशीन, कुम्पलिया से जांगूओं की ढाणी तक नवीनीकरण डामर सडक, पंडित दीनदयाल विद्युतीकरण योजना, नव क्रमोन्नत माध्यमिक विद्यालय डेलूओं की ढाणी, सार्वजनिक सभा भवन सहित कई विकास कार्यो का लोकार्पण किया गया इसी तरह परेउ में आदर्श पीएचसी का उद्घाटन, पीएचसी में टीन शैड, जलदाय परियोजना, परेउ से जसोडो की बेरी नवीनीकरण सडक का लोकार्पण किया गया।

ग्रामीणों ने सौंपे ज्ञापन

कार्यक्रम के दौरान कुम्पलिया क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर बडी संख्या में ज्ञापन भी सौंपकर विधायक से समाधान करवाने की मांग की। विधायक ने जल्द समाधान के आश्वासन भी दिये।

ये रहे उपस्थित

इस दौरान परेउ महंत ओंकार भारती, भामशााह नवल किशोर गोदारा, मूलाराम वेरड, कुम्प्लिया सरपंच, वगताराम सियाग, सूचना सहायक गुरमेलसिंह, टीकूराम लेगा, दौलतराम गोदारा, परेउ सरपंच पाबूराम भील, खोखसर पूर्व सरपंच वगताराम लूखा . जुंझाराम, मेलनर्स हुकमाराम, बीईईओ लच्छाराम सियाग. मोहनराम गोदारा, चुन्नीलाल गोदारा सहित बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

परेउ पीएचसी उद्घाटन को लेकर गरमाई राजनीति

परेउ पीएचसी उद्घाटन को लेकर गरमाई राजनीति



कांग्रेस का आरोप भाजपा सरकारी कामों में करती हैं राजनीति विधायक ने जाहिर की अनभिज्ञता

गिडा। आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परेउ के उद्घाटन को लेकर भाजपा-कांग्रेसी नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये। कांग्रेस ने सरकारी कार्यक्रम में राजनीति करने का आरोप लगाये हुए कहा कि भाजपाई नेता सरकारी कार्यक्रम को अपनी पार्टी का कार्यक्रम बनाकर जनता को भ्रमिक करने का प्रयास कर रही हैं इसे बर्दाश्त कर दिया जाएगा। कार्यक्रम में मंच से संबोधित करते हुए कहा कि गिडा प्रधान लक्ष्मणराम डेलू ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पूरे कार्यक्रम को राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया तथा मुझे प्रभारी चिकित्सक द्वारा आमंत्रण मिलने के बाद राजनीतिक दबाव में कार्यक्रम तक को रद्द करने का बताया गया लेकिन मेरे द्वारा इस संबंध में जानकारी जुटाने पर कार्यक्रम यथावत होने की जानकारी मिलने पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से वार्ता कर पूरे कार्यक्रम को राजनीतिक रूप देने से बचाया। प्रधान कहा कि हम नाम पट्टिकाओं में नाम होने या नही होने से खुश नही होते हैं लेकिन सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक रूप देना कहां तक उचित हैं। प्रधान डेलू के व्यक्व्य का जवाब देते हुए बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने कहा कि मुझे इस प्रकार की जानकारी नही हैं, वैसे मुझे किसी भी सरकारी कार्यक्रम में राजनीति करने इच्छा नही हैं, यह नाम लिखने व नही लिखने की परिपाटी उन्ही के द्वारा शुरू की गई हैं।

Friday 6 April 2018

बीपीएल परिवार को थमा दिया 20 हजार का बिल, नही भर पाया तो काट दिया कनेक्शन

बीपीएल परिवार को थमा दिया 20 हजार का बिल, नही भर पाया तो काट दिया कनेक्शन
एक ही मीटर के बार-बार जारी होते हैं 2 बिल एक भर दिया फिर भी अधिकारी नही माने काट दिया कनेक्शन
विद्युत विभाग को अवगत कराने के बाद भी गरीब पर भारी पडी नौकरशाही

बंशीलाल चौधरी की रिपोर्ट 9166522591
 कहने को तो लोकतंत्र का राज हैं, लेकिन अधिकारी अपने आप को लोक सेवक नही मानकर आका समझते हैं, बाडमेर जिले के किसी भी विभाग में कोई अपनढ ग्रामीण जाता हैं तो उसे अधिकारियों की धौंस का सामना करना पडता हैं। उस गरीब का काम होना तो दूर की बात उसके द्वारा दी जाने वाली फरियादों पर भी कोई ध्यान नही देता हैं, दूसरी और जनप्रतिनिधयों की बैरूखी आग में घी डालने का काम कर रही है।
कुछ ऐसा ही वाक्या बाडमेर जिले की गिडा तहसील के खोखसर पूर्व गांव मंे एक बीपीएल दिहाडी मजदूर के साथ हुआ। बीपीएल के घर सरकार ने बिजली कनेक्शन जो जारी कर दिया, अच्छी खासी रोशनी से घर मे उजियारा छाया हुआ था लेकिन कहते हैं न गरीब हैं उसकी कौन सुनता हैं और कौन मानता हैं उसके पास हैं ही क्या, न वोट और न नोट। यही बात हुई गरीब परिवार के साथ बिजली के बिल आने शुरू हुए एक नही एक साथ दो-दो बिल, गरीब परेशान होता रहा, किसी की सलाह पर बायतू में विद्युत विभाग के कार्यालय पहुंचा आपबीती सुनाई, गरीब को देखकर अधिकारियों ने बात को इस कान से सुना और उस कान से निकाल दिया, बस आश्वासन देकर कहा कि इस बार एक बिल भर दो अगली बार दो बिल नही आएंगे, बीपीएल ने जोड-तोड कर बिल भी दिया।
अब फरवरी खत्म होने के बाद मार्च में फिर से वही पुराने ढर्रे से दो बिल आ गये, पूर्व की भांती बीपीएल ने अपना एक बिल भर दिया और एक रख दिया। दूसरी और विभाग का मार्च ऐंडिग का तामझाम लगा हुआ था, अधिकारी विभाग के राजस्व के साथ जेबे भरने में व्यस्त हो गये, बीपीएल परिवार ने अपना दूसरा बिल नही भरा तो विद्युत विभाग वाले लवाजमे के साथ आ धमके जैसे कोई पूरे हिन्दुस्तान की बिजली बिना बिल भरे यही गरीब जला रहा हो, फरमान जारी कर दिया बिल भरो नही तो कनेक्शन कट, गरीब लोकतंत्र के तथाकथित नौकरों के आगे हाथ जोडता रहा कि मैने एक बिल भर दिया, कहते हैं न गरीब की कौन सुने, सौ बार विनती को नही मानते हुए प्लास से हाथो-हाथ कनेक्शन काट कर गरीब को जबदरस्ती मे अंधेरे में रहने को मजबूर कर दिया।
इस संबंध में जब गांव मे बात बाहर आई तो लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मामले को अवगत कराने को मजबूर हुए लेकिन गरीब के पास वोट नही होते जनप्रतिनिधि भी इस बात पर गौर नही करते हुए फिते काटने में व्यस्त हैं, अब जब गरीब की कोई सुनने वाला नही हैं तो ये फिते इस लोकतंत्र में फिके नजर आते हैं। महात्मा गांधी कहा करते थे, लोकतंत्र में लोक सेवको की नजर अंतिम पंक्ति में बैठे अंतिम व्यक्ति पर होनी चाहिए, अग्रिम पंक्ति में बैठने वाले तो अपना हाथ निकाल देते हैं अब ऐसा ही हो रहा हैं।
अब पूरी रिपोर्ट
खोखसर पूर्व के बीपीएल पुरखाराम वल्द नगाराम मेघवाल जो खान एवं कमठा मजदूर हैं तथा बार-बार दो बिल आते हैं, विभाग को अवगत कराया सुधार नही हुआ मार्च मंे एक बिल 20 हजार 500 रूप्ये और दूसरा बिल कम राशि का आया, श्रमिक ने अपना 180 रूपये का बिल भर लिया लेकिन मार्च क्लोजिंग के चक्कर मंे अधिकारी बीपीएल पुरखाराम पर 20 हजार से अधिक रूप्ये के आए बिल को भरने का दबाव बनाया लेकिन बीपीएल परिवार द्वारा कहा गया कि मेरे बार-बार दो बिल आते हैं उसमें से एक बिल भर दिया, मेरे द्वारा इतनी बिजली नही जलाई गई हैं कि जिससे 20 हजार रूप्ये का बिल आ जाए, इतना बिल मै भरने में सक्षम नही हूं, जिस पर अधिकारियों ने अनसुना करते हुए बिजली कनेक्शन काट दिया।
क्या कहा जनप्रतिनिधियो ने
जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग के कर्मचारियों की धौंस पट्टी को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करने पर यह कहते हुए नजर आए कि बिल मेरे द्वारा नही भेजा गया हैं जो यह बात मुझे बता रहे हो, यदि ऐसा हैं तो विभाग में जाकर सुधरवा लो। ऐसे में जनता किससे उम्मीद करे यह समझ से बाहर हैं।

आप भी अपने आस-पास की घटना के संबंध में हमे लिखे
9166522591

बालोतरा में राजस्व मंत्री को लगा करारा झटका

बालोतरा में राजस्व मंत्री को लगा करारा झटका
पंचायत समिति प्रधान पद पर तीसरी बार बैठे कांग्रेस के ओमप्रकाश
पूर्व विधायक मदन प्रजापत की कूटनीति के आगे सब फैल

बालोतरा। बालोतरा पंचायत समिति प्रधान सीट को लेकर पिछले लंबे समय से भाजपा व कांग्र्रेस नेताओं के बीच उठा पटक चल रही है। दोनों ही दलों के नेता सरकार व न्यायालय में चक्कर लगाकर इस सीट को लेकर मूंछ की लडाई पर तुले हुए है। शुक्रवार को फिर कांग्रेस नेताओं व पंचायती राज जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रधान पद पर ओमप्रकाश भील ने तीसरी बार कार्यभार ग्रहण किया। भील के फिर से पद भार ग्रहण करने को लेकर राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी को करारा झटका दिया हैंँ। भाजपाईयों ने अपना उल्लू सिधा करने के लिए लम्बे समय तक आदेश को भी रोके रखा आखिर में 6 अप्रेल को प्रधान ने फिर से अपना पदभार ग्रहण किया हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा डीबी स्पेशल अपील  रट सं या 98 /2018  ओमाराम ऊर्फ ओमप्रकाश भील बनाम राजस्थान सरकार व अन्य मे  25 जनवरी 2018 को पारित अंतरिम निर्णय/ आदेश की पालना के लिए शासन उप सचिव( विधि) ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान जयपुर के पत्रांक 851, 27 फरवरी 2018 के अनुसरण में मु य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बाड़मेर के पत्रांक 2335, 20 मार्च 18 द्वारा प्रदत्त निर्देशों की पालना में ओमाराम उर्फ ओमप्रकाश भील ने शुक्रवार को पंचायत समिति बालोतरा के प्रधान पद पर कार्य भार ग्रहण किया।
पूर्व विधायक मदन प्रजापत, नगर परिषद सभापति रतन खत्री, उपसभापति राधेश्याम माली, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भंवर लाल भाटी ने ओमप्रकाश भील को प्रधान की कुर्सी पर बैठा कर मालाएं पहनाई वह मुंह मीठा करवाया। इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रजापत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने पद व सत्ता का दुरुपयोग करने वाले भाजपाई नेताओं को अब अपनी कुटिल चालों से बाज आ जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी में अनुसूचित जनजाति वर्ग का अन्य उ मीदवार होने के बावजूद अल्पमत के भाजपाई को दो बार प्रधान पद पर बैठाकर राजनीति की गरिमा तथा स्वयं अपने शाख को गिराया है। इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य गोतम माली, जिला परिषद सदस्य ओम भाटीया, पूर्व सरपंच भगवत सिह जसोल, पूर्व सरपंच कु पाराम पंवार, पार्षद चंपालाल माली, नरसिंह प्रजापत, रामेश्वर प्रजापत, नेमीचंद सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Thursday 5 April 2018

श्रम विभाग के लापरवाह अधिकारियों को लेकर खपा दिखे श्रम मंत्री बाडमेर सहित कई जिलों के अधिकारियों को लगाई फटकार

श्रम विभाग के लापरवाह अधिकारियों को लेकर खपा दिखे श्रम मंत्री
बाडमेर सहित कई जिलों के अधिकारियों को लगाई फटकार




दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क
जयपुर।  श्रम एवं नियोजन मंत्री जसवंत सिंह यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को श्रम विभाग के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की विभाग के विभिन्न कार्यकलापों की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षात्मक बैठक जयपुर स्थित श्रम भवन में सम्पन्न हुई। बैठक में श्रम एवं नियोजन मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने जहां श्रमिकों के कल्याण के लिए 21 करोड़ 96 लाख खर्च किए उसके मुकाबले वर्तमान राज्य सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए सात सौ अड़तालिस करोड़ अट्ठाइस लाख खर्च किए हैं। श्रम नियोजन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के विजन अनुसार गरीब श्रमिकों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। बैठक के 12 एजेण्डा बिन्दुओं के सम्बन्ध में सीबीएस राठौड़, अतिरिक्त श्रम आयुक्त महोदय ने संक्षिप्त जानकारी  दी गई। बैठक में मंत्री द्वारा  कई निर्देशध्सुझाव दिए गए
।जिसमें बीओसीडब्ल्यू योजना के अंतर्गत हुए पंजीयन, लम्बित प्रकरणों की स्थिति तथा सैस संग्रहण के सम्बन्ध में किए गए प्रयासों बाबत क्रमवार सभी जिलों के अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई।विभिन्न जिलों के अधिकारियों ने बजट के अभाव में आवेदन पत्रों के निस्तारण में असमर्थता व्यक्त करने पर श्रम मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को तुरन्त प्रभाव से बजट आवंटित करने हेतु निर्देशित किया। अजमेर, अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, चुरू, झुंझुनूं, जयपुर, जैसलमेर आदि जिला के अधिकारियों द्वारा लम्बित आवेदनों एवं सैस राशि कम एकत्र करने के कारण शीध्र निस्तारण एवं सैस में वृद्धि हेतु निर्देशित किया गया।
 श्रममंत्री ने पंजीयन की तिथि से 3 माह में योजनाओं के लाभ दिए जाने हेतु निर्देशित किया। प्रमुख एवं बड़े जिलों को 3-3 करोड़ रूपए तथा छोटे तथा द्वितीय श्रेणी के जिलों को 2-2 करोड़ रूप्ए तुरन्त प्रभाव से आवंटित करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। सैस कलेक्शन एवं आवेदनों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने हेतु भी निर्देशित किया । जिला कार्यालयों द्वारा निरन्तर रूप से यू.सी. भेजे जाने तथा 15 दिन से अधिक समय व्यतीत होने के बावजूद उन्हें बजट आवंटित नहीं होने पर श्रम एवं नियोजन मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की तथा सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दि। उन्होंने यह भी निर्देश दिये की जिन अधिकारियों  ने अच्छा कार्य किया है उन्हें प्रशंसा पत्र दिया जाना चाहिए। विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत सुनवाई की आगामी तिथि नजदीक की दिए जाने बाबत निर्देशित किया।विभिन्न अडिट पैराज व ए जी पैराज की अनुपालना करने हेतु भी निर्देशित किया। उन्होंने विभिन्न अधिकारियों द्वारा निस्तारण कार्य अच्छा नहीं होने पर उनको अन्यत्र स्थानान्तरित किए जाने हेतु भी चेतावनी दी।

श्रम एवं नियोजन मंत्री ने सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित को मेडिकल बोर्ड से सर्टिफिकेट प्राप्त होने के एक वर्ष के अन्दर आवेदन करने की समय सीमा को हटाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने अम्बेडकर जयन्ती (14 अप्रैल, 2018) को एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को बिना शुल्क लिए पंजीयन करने हेतु भी निर्देशित किया। उन्होंने सभी अधिकारियों से उनकी समस्याओं को सुना तथा सम्बन्धित अधिकारियों को उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु निर्देशित किया।इसके साथ ही उन्होंने सभी जिला अधिकारियों से उनके जिले में बीओसीडब्ल्यू से सम्बन्धित योजनाओं के लम्बित आवेदनों के पूर्ण निस्तारण तथा गत वित्तीय वर्ष में आवंटित सैस लक्ष्यों को प्राप्त करनेे हेतु जिलेवार कट ऑफ डेट तय की तथा उस दिनांक को शासन सचिव, श्रम एवं नियोजन के कार्यालय में उनको प्रगति रिपोर्ट से व्यक्तिशः उपस्थित होकर अवगत कराये जाने भी निर्देशित किया। श्रमिक के पंजीयन के वक्त ही सत्यापन किया जाना चाहिए, योजना का लाभ देते वक्त अनावश्यक अड़ंगे नहीं लगाए जाने बाबत भी सभी अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया। बैठक में श्रम एवं नियोजन शासन सचिव टी. रविकान्त अतिरिक्त श्रम आयुक्त सीबीएस राठौर सहित समस्त जिलों से उपस्थिति जिला अधिकारीगण अधिकारीगण उपस्थित रहे।

पंचायती विभाग में बडा फेरबदल, कई बीडीओ को बदला तो कईयों को किया एपीओ गिडा- जोशी एपीओ, बेनीवाल होंगे नये विकास अधिकारी

पंचायती विभाग में बडा फेरबदल, कई बीडीओ को बदला तो कईयों को किया एपीओ

गिडा- जोशी एपीओ, बेनीवाल होंगे नये विकास अधिकारी



दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क
जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने दो अलग-अलग आदेश जारी करते हुए 18 विकास अधिकारियों का तबादला किया हैं, इनमे तो कई बीडीओं एपीओ किये गये हैं जो अग्रीम आदेशों तक पंचायती राज विभाग मुख्यालय में अपनी सेवाएं देंगे। विभाग की ओर से जारी आदेष के अनुसार
किसकोे कहा लगाया
1. हेमाराम तलवाडा बांसवाडा से चितलवाना जालोर
2. बाबूलाल यादव चितलवाना जालोर से एपीओ
3. मनवीरसिंह बेनिवाल गलियाकोट  डूंगरपुर से गिडा
4. मुरारीलाल शर्मा निवाई टोंक से लवाण दौसा
5. हरिसिंह लवण दौसा से निवाई टोंक
6. शैलेन्द्र जोशी गिडा एपीओ
7. रामचंन्द्र सैनी सहाडा से बानसूर अलवार
8. नरेष कुमार शर्मा करौली से हिंडौन
9. कविता जसोरिया को मेडता
10. भगवान अरविंद मेडता से एपीओ
11. हनुमान मीणा निवाई टोंक
12. धीरज कुमार जायल नागौर से शाहबाद
13. नरेन्द्र आचार्य शाहबाद से एपीओ
14. रामावतार मीणा कोटडा से नादौती
15. बृजेश चंद पाराशर छबडा से नदबई
16. विष्वनाथ शर्मा छीपाबडोद से बारां
17. हरीकेश मीणा लालसोट
18. प्रिंयका मीणा एपीओ


यह हुए हैं एपीओ
बाबूलाल यादव चितलवाना जालोर से एपीओ

शैलेन्द्र जोशी गिडा एपीओ
    प्रिंयका मीणा एपीओ
    नरेन्द्र आचार्य शाहबाद से एपीओ
    भगवान अरविंद मेडता से एपीओ

गिडा- जोशी एपीओ, बेनीवाल होंगे नये विकास अधिकारी

गिडा। पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी कर गिडा विकास अधिकारी शैलेन्द्र जोशी को एपीओं कर दिया हैं वहीं गलियाकोट डूंगरपुर विकास अधिकारी मनवीरसिंह बेनीवाल को गिडा विकास अधिकारी पद पर लगाया हैं। विभाग ने इनके साथ ही 18 विकास अधिकारियों को इधर-उधर किया हैं।


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