अब पीईओं करेंगे शिक्षकों के अवकाश स्वीकृत
प्रारंभिक पंचायत प्रसार शिक्षा अधिकारी विद्यालय गुणवत्ता हेतु करेंगे प्रभावी मोनिटरिंग
राज्य की ग्राम पंचायतों में लगाए गए पंचायत प्रारंभिक प्रसार शिक्षा अधिकारियों (पीईओ) को ग्राम पंचायत स्थित राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों एवं अन्य समेकित मानदेय पर कार्यरत शैक्षिक कार्मिकों के आकस्मिक अवकाश स्वीकृति के अधिकार दिए गए है। इसके साथ ही वे उस प्राथमिक विद्यालय के संस्था प्रधानों (द्वितीय श्रेणी अध्यापक) के भी आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करेंगे।
जयपुर। शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य
की ग्राम पंचायतों में लगाए गए पंचायत प्रारंभिक प्रसार शिक्षा अधिकारियों
(पीईओ) को ग्राम पंचायत स्थित राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों
एवं अन्य समेकित मानदेय पर कार्यरत शैक्षिक कार्मिकों के आकस्मिक अवकाश
स्वीकृति के अधिकार दिए गए है। इसके साथ ही वे उस प्राथमिक विद्यालय के
संस्था प्रधानों (द्वितीय श्रेणी अध्यापक) के भी आकस्मिक अवकाश स्वीकृत
करेंगे। उन्होने बताया कि पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों प्राथमिक एवं
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन के
वे प्रतिवेदक अधिकारी होंगे। वे उस प्राथमिक विद्यालय के संस्था प्रधान
(वरिष्ठ अध्यापकों) के वार्षिक कार्य मूल्यांकन के भी प्रतिवेदक अधिकारी
होंगे।
शिक्षा राज्यमंत्री ने प्रदेश की सभी 9
हजार 894 ग्राम पंचायतों मे लगाये गए पदेन पंचायत प्रारंभिक प्रसार शिक्षा
अधिकारियाें को निर्देश दिये है कि वे पंचायत के उत्कृष्ट विद्यालय का माह
में कम से कम एक बार एवं शेष राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक
विद्यालयों का दो माह में कम से कम एक बार आवश्यक रूप से अवलोकन करे। इस
दौरान वे विद्यालय कक्षागत शैक्षिक स्तर एवं गुणवत्ता की भी प्रभावी
मोनिटरिंग करें। उन्होने कहा है कि पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ग्राम
पंचायतों के विद्यालयों को गुणात्मक दृष्टि से सृदृढ करने के लिए अपने
कत्र्तव्य को प्रभावी रूप में अंजाम देें।
श्री
देवनानी ने पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को पंचायत स्थित
विद्यालयों की मोनिटरिंग का प्रतिवेदन शाला दर्पण पर नियमित अपलोड़ करने के
भी निर्देश दिए है। उन्होने पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को ग्राम
पंचायतों से प्रभावी समन्वय रखने तथा संबंधित पंचायत की मासिक बैठक में
अपने अधीन संचालित सभी राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की
शिक्षण व्यवस्था एवं अन्य गतिविधियाें की प्रगति के संबंध में अवगत कराने
की भी हिदायत दी है। साथ ही उन्होने विद्यालय प्रबंधन समितियों की नियमित
बैठके आयोजित करवाने, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सदस्यों एवं अभिभावकों से
प्राप्त शिकायतों को पत्रिका में दर्ज कर उनका समयबद्ध निस्तारण करने के भी
निर्देश दिए है।
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