Wednesday 21 March 2018

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संबंधित कार्यशाला 26 मार्च को -गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाआंे के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संबंधित कार्यशाला 26 मार्च को
-गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाआंे के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना।

बाड़मेर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य मंे महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 26 मार्च को प्रातः 11 बजे से भगवान महावीर टाउन हाल मंे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक जीतेन्द्र सिंह नरूका ने बताया कि इस दौरान संभागियांे को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के विविध पहलूआंे से रूबरू कराया जाएगा। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 5 हजार रूपए की नकद प्रोत्साहन राशि परिवार के पहले जीवित बच्चे के लिए गर्भवती और धात्री महिलाआंे के खाते मंे सीधे अंतरित की जाती हैं। पात्र लाभार्थियांे को संस्थागत प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के तहत मातृत्व लाभ के लिए अनुमोदित मानदंडांे के अनुसार शेष नकद प्रोत्साहन प्राप्त होगा। ताकि एक महिला को औसतन 6 हजार रूपए मिल सके। उन्हांेने बताया कि इस योजना का उददेश्य नकद प्रोत्साहन के जरिए मजदूरी हानि का आंशिक मुआवजा प्रदान करना है, जिससे महिला बच्चे के जन्म से पहले एवं बाद मंे पर्याप्त आराम कर सके। इसके तहत सभी पात्र गर्भवती और धात्री महिलाएं जिनके परिवार मंे पहला बच्चा 1 जनवरी 2017 को या इसके बाद हुआ तो एक लाभार्थी केवल एक बार इस योजना के तहत लाभ ले सकता है।
कैसे मिलेगा योजना का लाभः प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भधारण के समय पंजीकरण के मामले मंे 1 हजार रूपए मिलेगी। इसके लिए एमसीपी कार्ड मंे गर्भधारण के समय से पंजीकरण का प्रमाण ,स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी, पदाधिकारी जिसकी रैंक एएनएम से कम नहीं हो, प्रमाणित करवाना होगा। इसी तरह दूसरी किश्त गर्भधारण के छह माह बाद 2 हजार रूपए दी जाएगी। तीसरी किश्त दो हजार देने का प्रावधान है। इसके लिए क्रमशः प्रसव पूर्व जांच का प्रमाण पत्र एवं बच्चे के जन्म को प्रमाण के रूप मंे स्वीकार किया जाएगा।
क्या है इस योजना का उददेश्यः देश मंे प्रत्येक तीसरी महिला कुपोषित है। प्रत्येक दूसरी महिला में एनीमिया है। ये महिलाएं कम वजन के बच्चों को जन्म देती है और अल्प पोषण जन्म से प्रारंभ होकर पूरे जीवन को प्रभावित करता है। आर्थिक सेवा सामाजिक परिस्थितियों के कारण कई महिलाओं को प्रसव के एक दिन पहले तक काम करना पड़ता है और प्रसव के कुछ ही दिन बाद काम पर वापस आना पड़ता है। हालांकि उनका शरीर इस कार्य के लिए कुछ समय उपयुक्त नहीं होता है। इसके चलते शिशुओं को समय पर स्तनपान भी नहीं करा पाती हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से उन महिलाओं के नुकसान की भरपाई-उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है। केंद्र और राज्य कर्मचारी, किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार पाने वाली महिलाओं को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। 
लाभार्थियों के चयन के लिए समितियांःलाभार्थियों के चयन के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर समिति के गठन का प्रावधान है। जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष कलक्टर, उपाध्यक्ष जिला परिषद सीईओ, सचिव समेकित बाल विकास विभाग के उप निदेशक होंगे। जिले के सांसद, विधायक, सीएमएचओ और आठ अन्य विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे।

No comments:

Post a Comment

divya panchayat daily