Friday 23 March 2018

बाल विवाह होने पर उपखंड मजिस्ट्रेट के खिलाफ होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही -अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह रोकने के निर्देश

बाल विवाह होने पर उपखंड मजिस्ट्रेट के खिलाफ होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही
-अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह रोकने के निर्देश

बाड़मेर। आगामी 18 अपै्रल को अक्षय तृतीया एवं 29 अप्रैल को पीपल पूर्णिमा पर्व पर संभावित बाल विवाह को रोकने एवं बाल विवाह करने वालों के विरुद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बाल विवाह होने की स्थिति मंे संबंधित उपखंड अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह दीपक उप्रेती की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों, वृत्ताधिकारी, थानाधिकारीगण, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षकों, महिला अधिकार अभिकरणों एवं महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग के अध्यापकों, नगर परिषद एवं नगरपालिका के कर्मचारियों एवं जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं आमजन को जानकारी देकर उनमें जन जागृति उत्पन्न करने एवं दोनों पर्वों पर बाल विवाह रोके जाने की कार्यवाही कराने में अपना पूरा योगदान करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला ब्लॉक एवं जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करना, ऐसे व्यक्ति एवं समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी हलवाई, बैंडबाजे, पंडित, बाराती, पाण्डाल एवं टेन्ट लगाने वाले, ट्रांसपोर्ट इत्यादि पर बाल विवाह में सहयोग करने का आश्वासन लेने और उन्हें कानून की  जानकारी देने, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करने, ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करने एवं रोकथाम की कार्यवाही करने, किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों एवं विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं में स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, प्राथमिक शिक्षा विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर बैठक आयोजित करने, विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधु की जन्म तारीख प्रिन्ट करने सहित महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कार्ययोजना में शामिल किये जाने के आदेश दिए गए है। 
प्रभावी कार्रवाई के निर्देशः दोनों पर्वों पर बाल विवाहों की रोकथाम के संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने की समुचित कार्यवाही करने तथा सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करने के साथ अक्षय तृतीया से एक माह पूर्व जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उपखंड कार्यालय में 24 घंटे क्रियाशील कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट होंगे जिम्मेदारः बाल विवाहों के आयोजन किए जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 6 की धारा 16 के तहत नियुक्त ‘‘बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों’’ उपखंड मजिस्ट्रेट्स की जवाबदेही नियत करते हुए जिनके क्षेत्र में बाल विवाह सम्पन्न होने की स्थिति में उनके विरुद्ध जिला कलक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।

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