बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति में एक नाम, मुस्लिम धर्मगुरु, चर्चित चेहरे पोकरण विधायक व मंत्री शाले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर का मंगलवार अल सुबह जोधपुर के शुभम अस्प्ताल में निधन हो गया।
गाजी फकीर पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। फकीर के निधन से मुस्लिम समाज सहित बाड़मेर-जैसलमेर व सरहदी क्षेत्र में शोक की लहर है। गाजी फकीर राजस्थान ही नही सीमांत पाकिस्तान में भी धर्म गुरु के नाम से पहचान रखते है, उनके अनुयायी सीमा पार भी है।
जैसलमेर के भागू गांव के रहने वाले हैं। उनका एक बेटा सालेह मोहम्मद पोकरण से कांग्रेस का विधायक है।
गाजी फकीर के परिवार का जैसलमेर और बाड़मेर जिले की राजनीति पर दबदबा है। वहां के सिंधी मुसलमान गाजी फकीर को धर्म गुरु के तौर पर मान्यता दे रखी है। कहा जाता है कि उनको मानने वाले उनके हर आदेश का पालन करते हैं।
जिसने दिलाई राजनीति में पहचान, उसे धूल चटा दी
जैसलमेरकी राजनीति में फकीर परिवार की शुरूआत
जैसलमेरकी राजनीति में फकीर परिवार की शुरूआत
1975 से हुई थी। पूर्व विधायक भोपालसिंह ने गाजी फकीर को राजनीति में पहचान दिलाई थी। लेकिन बाद में 1985 में फकीर ने भोपालसिंह को चुनावों में हरा दिया। इन चुनावों में फकीर ने मुस्लिम मेघवाल गठबंधन बनाया और मुल्तानाराम बारूपाल को जितवा दिया। उसके बाद से भोपालसिंह का राजनीति कैरियर धीरे धीरे खत्म होना शुरू हो गया और वे दोबारा राजनीति में आगे नहीं बढ़ पाए।
हिस्ट्रीशीट को लेकर एक बार फिर रहें सुर्खियों में
गाजी फकीर वैसे तो अपने रसूखात के किए जाने जाते रहे है लेकिन हिस्ट्रीशीट फिर से खोलने को लेकर काफी चर्चा में रहे। हिस्ट्रीशीट खोलने वाले IPS पंकज चौधरी का 24 घण्टे में जैसलमेर SP से तबादला कर्रवा दिया था।
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