बाड़मेर जैसे जिलों में कैसे पार पड़ेगी बायोमेट्रिक से मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति, बनेगी एक समस्या!
दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क
बायतू। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा श्रमिकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति के बेतुक बयान का विरोध शुरू हो गया हैं। बाड़मेर जैसे पिछड़े और छितराये जिले में ऐसे प्रयोग आमजन पर भारी पड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में न तो नेटवर्क रहता हैं न ही कोई अन्य सुविधा ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति मनरेगा मजदूरों के साथ मजाक के अलावा कुछ भी नही हैं। केन्द्र सरकार के इस प्रयोग का विरोध सरपंच संघ ने करते हुए केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री को ज्ञापन भेज कर ऐसे जनविरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग की हैं। बायतू सरपंच संघ की ओर से भेजे गये ज्ञापन में बताया कि भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना मनरेगा के अंदर आने वाले श्रमिकों की हाजिऱी बायोमैट्रिक तरीक़े एनएमएमएस के द्वारा ली जाएगी जिससे मनरेगा श्रमिकों के सामने कई दिक्कतें आयेगी। बायतू सरपंच संघ के अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने बताया कि इस तरह की योजना हमारे दूरदराज़ क्षेत्रों में लागू करना मुश्किल होगा। कई गांवों के अंदर तो मोबाइल नेटवर्क की समस्या रहती है तथा कई ढाणियां विद्युतीकरण से भी वंचित है। इस कारण इस तरह की योजना का बाड़मेर जैसे क्षेत्रफल के अंदर लागू करना मुश्किल होगा और नरेगा योजना में काम माप के आधार पर होता है। इस दौरान प्रधान सिमरथाराम, डूंगरराम काकड़्र बायतू चिमनजी सरपंच गोमाराम पोटलिया, दाऊराम मेगवाल, भोजासर मोहनराम हुड्डा, बायतू भीमजी सरपंच किसनाराम, बाबूलाल धतरवाल, सताराम धतरवाल, चेनाराम गोदारा, तिलोकाराम सउ सहित सभी लोगों ने बेतुके आदेश को तुरन्त वापिस लिये जाने की मांग की।
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