Saturday 26 February 2022

पढ़ी लिखी हूं घर को संभाल लूंगी बच्चों को भी पाल लूंगी

पढ़ी लिखी हूं

 घर को संभाल लूंगी 
बच्चों को भी पाल लूंगी 
रेलगाड़ी से लेकर जहाज चला लूंगी
 विश्व में परचम लहरा दूंगी 
अबला नहीं हूं 
नारी हूं शक्ति की मूरत हूं

आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में देखो कमजोर नहीं है। आधुनिक युग में जागरूकता ने नारी को ऊंचाइयों पर ला दिया। अब बात साइकिल, स्कूटी ,कार तक सीमित नहीं रही ।महिलाएं अब रेलगाड़ी चलाने लगी । आसमान में जहाज उड़ाने लगी है।विश्व मैं देश का नाम आगे बढ़ाने लगी है। खेलों में भी अपना परचम लहरा रही  हैं। आज दौर आ गया है एक नारी पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है ।बात चाहे सोशल मीडिया की हो या घर- परिवार की हर जगह  महिलाओं का वर्चस्व कायम है। हो भी क्यों ना हो का खाना ,झाड़ू, पोछा ,बच्चों को संभाल कर। घर की जिम्मेदारियां पूरी कर निकल पड़ती है ऊंचाइयां छूने ।अब हम किसी भी क्षेत्र में चले जाएं महिलाएं पुरुषों के साथ काम कर रही है कुछ समय पहले ऐसा नहीं था परंतु महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से ये स्थान हासिल कर लिया है। हर जगह महिलाएं अपने हुनर को दिखा रही हैं ।खाना ,झाड़ू ,पोछा, बच्चों को संभाल कर घर की जिम्मेदारियां पूरी कर निकल पड़ती है ऊंचाइयां छूने ।अब हम किसी क्षेत्र मैं चले जाए महिला पुरुषों के साथ काम कर रही हैं ।कुछ समय पहले जो दबी रहती थी आज आसमान में उड़  रही हैं ।बात चाहे धरती से आसमान की हो  हर स्थान पर महिलाओं ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। सब इनकी कठोर मेहनत, लगन का परिणाम है जो प्रत्येक क्षेत्र में  महिलाओं ने अपने दम पर बड़ी-बड़ी कंपनियां स्थापित कर ली है ।जो खूब चल रही है अब महिला इतनी सक्षम हो गई है कि हजारों महिलाओं को अपने साथ काम दे रहीं  है। इनकी ताकत हौसलें का ही परिणाम है कि पूरा दिन थक कर आकर भी घर के कामों में हाथ बटां देती हैं ।हम एक महिला की दूसरी महिला से तुलना नहीं करेंगे पर हर महिला अपने काम को बखूबी निभा रही है  और घर का काम  हो या ऑफिस का काम हो हर जगह अपना परचम लहरा रही है।राजनीति में भी महिलाएं खूब नाम कमा रही है। और देश का नेतृत्व कर रही हैं ।  एक बात बिल्कुल सत्य है कि जब  एक महिला पढ़ी लिखी हो तो वह एक साथ दो दो परिवारों का जीवन बना देती है ।
 नारी शक्ति की मुरत है
 इसे बस थोड़े  प्यार की जरूरत है 
आपको पता भी नहीं चलेगा 
कब एक नारी आपके घर को स्वर्ग बना देगी
सीमा रंगा इन्द्रा हरियाणा
कवियित्री व लेखिका

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