Saturday 28 May 2022

त्वरित गति और तत्परता से करें संघकार्य - संरक्षक श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर

त्वरित गति और तत्परता से करें संघकार्य - संरक्षक श्री

बाड़मेर, 28 मई।
ईशोपनिषद के पहले मंत्र पर हम बात कर चुके हैं। ऋषि-मुनियों द्वारा विशेष अवस्था में प्राप्त किया हुआ यह अनुभूत ज्ञान हर किसी को समझ में आ जाए यह आवश्यक नहीं है। जिन्हें यह समझ में नहीं आए, उनके लिए आगे बात कही गई है। ईशोपनिषद का दूसरा श्लोक है - "कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेत् शतं समाः। एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे॥" ईश्वर ने हमें इस धरती पर भेजा है, यह जीवन दिया है तो हम 100 वर्ष तक जीने की कामना करें। 100 वर्ष जी कर हम क्या करें? भगवान द्वारा नियत कर्म, करणीय कर्म को करें। संघ का काम तभी हो सकेगा जब हम जीवित रहकर लोगों को प्रेरणा देते रहें, अतः यह कामना भी बुरी नहीं है। करणीय कर्म, जो भगवान द्वारा नियत है, वह हमको बांधता नहीं है ईश्वर की ओर ले जाता है। ऐसा ही यजुर्वेद का एक मंत्र हैं - "तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत् । पश्येम शरदः शतं जीवेम शरदः शतं श्रुणुयाम शरदः शतं प्रब्रवाम शरदः शतमदीनाः स्याम शरदः शतं भूयश्च शरदः शतात् ॥" 100 वर्ष तक हमारी इंद्रियां कार्य करती रहे तो ही हम भगवान की बात सुन सकेंगे, भजन-कीर्तन कर सकेंगे, उन की ओर बढ़ते रह सकेंगे. हम 100 वर्ष तक देखते, सुनते, बोलते व चलते रहें, कोई कमी ना हो यह भगवान से प्रार्थना है। कमजोर शरीर, इंद्रियां, मन और बुद्धि वाला व्यक्ति श्री क्षत्रिय युवक संघ का काम नहीं कर सकेगा।

संघ की आज्ञा है आपको कि आपको संघ का काम करना ही है, लस्टम-पस्टम गति से नहीं, त्वरित गति से तत्परता के साथ करना है और जो भी हम करें वह मन-बुद्धि से स्वीकृत हो। हमारा अहंकार कहीं इसमें आड़े ना आ जाए। संघ में आकर हमारा और भगवान का मेल हो जाता है, इस अद्भुत संगम का अनुभव करें। जिन्होंने अनुभव किया है उनके जीवन में निखार आया है। हम भी वैसे ही बनें। संघ के उपदेश हमारे जीवन में उतरे, परमेश्वर हमें देखता रहे और हमेशा सन्मार्ग की ओर ले जाता रहे, ऐसी परमेश्वर से प्रार्थना करें। उपरोक्त बातें श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक माननीय श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर ने उच्च प्रशिक्षण शिविर के दसवें दिन 28 मई को अपने प्रभात संदेश में कही। श्री क्षत्रिय युवक संघ के 11 दिवसीय उच्च प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 19 से 29 मई तक बाड़मेर में गेहूं रोड भारतीय ग्राम्य आलोकायन संस्थान के आलोक आश्रम में किया जा रहा है। संघप्रमुख श्री लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास के संचालन में विभिन्न राज्यों के लगभग 500 शिविरार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

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