Monday 19 September 2016

क्या राजनीतिक हितों की पूर्ति का पद है 

विकास अधिकारी ?

जब भूतकाल में विकास अधिकारी के लिए जिनका चयन किया गया उनकी पृष्ठभूमि में जाये तो उनकी योग्यता से ज्यादा सत्ताशीन दलों के नजदीकियों को ही तव्वजो दी गयी है।
भला हो नरेगा एक्ट का, जिसके तहत कार्यक्रम अधिकारी को मजिस्ट्रेट पॉवेर दिए जाने के कारण राज्य सरकार को मजबूरन ग्रामीण विकास सेवा (RDS) का गठन करना पड़ा। नही अभी तक राजनीतिक एजेंट ही इस पद को संभाल रहे होते। और अपने राजनितिक आकाओं के चुनाव खर्च और उनके व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करते रहते।
अगर सरकार पंचायतीराज और ग्रामीण विकास के प्रति संजीदा है तो सवेधानिक संस्था पंचायतीराज संस्थान के हितों पर कुंडली मारने के बजाय उसको और शक्तियां दे कर मजबूत और शक्तिशाली बनाना चाहिए।
पंचायतीराज और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारियों का राजनीतिक कारणों से इधर उधर पटकने के बजाय स्पष्ट तबादला नीति बनानी चाहिये ताकि वो बैखोफ होकर जनहित में कार्य कर सके।

No comments:

Post a Comment

divya panchayat daily