Monday 27 March 2017

तीन हजार से अधिक आबादी के गांवों को स्मार्ट विलेज बनाया जाएगा 
गांवों में पट्टे जारी करने के लिए चलेगा विशेष अभियान
6 लाख  75 हजार आवासों का निर्माण करवाया जाएगा
डांग, मगरा व मेवात क्षेत्र की 300 ग्राम पंचायतें बनेंगी स्मार्ट विलेज
ग्राम सेवक का पदनाम ग्राम विकास अधिकारी किया जाएगा
सीईओ जारी करेंगे विधायक एवं सांसद स्थानीय विकास कार्यक्रमों की स्वीकृतियां
- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री



जयपुर

। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पट्टे जारी करने के लिए आगामी 14 अप्रैल डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती से 12 जुलाई तक 90 दिन का विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें 10 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 तक 8 हजार 111 करोड़ रूपये के निवेश से आवासहीन पात्र परिवारों के लिए 6 लाख 75 हजार आवासों का निर्माण किया जायेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की स्मार्ट विलेज अवधारणा के अनुरूप इस वर्ष 3 हजार से अधिक आबादी वाले 3 हजार 171 गांवों में कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट विलेज को सम्मिलित करते हुए 5 हजार गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। 
 राठौड़ ने कहा कि विधायक एवं सांसद स्थानीय विकास कार्यक्रमों की स्वीकृतियाें में होने वाले विलम्ब को दूर करने के लिए कलेक्टर के स्थान पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद द्वारा स्वीकृति एक माह में ही निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि डांग, मगरा व मेवात क्षेत्र की 300 ग्राम पंचायत मुख्यालयों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवक का पदनाम ग्राम विकास अधिकारी के नाम से जाना जाएगा। 

 राठौड़ सदन में मांग संख्या-28 ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम और मांग संख्या-49 स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को मुआवजा और समनुदेशन पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने  ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम की 11 अरब 53 करोड़ 13 लाख 64 हजार रुपए एवं पंचायती राज संस्थाओं को मुआवजा और समनुदेशन की 19 लाख 29 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। 
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि देश की आत्मा गांवों में बसती है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि गांवों की तस्वीर बदले, तकदीर बदले, गांव स्वावलम्बी बनें और वहां आधारभूत संरचनाओं का विकास हो। राज्य सरकार इसी दिशा में लगातार और सार्थक प्रयास कर रही है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि राज्य के गांवों में भी शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री की स्मार्ट विलेज अवधारणा के अनुरूप गावों में आधुुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि तीन हजार से अधिक आबादी वाले 3 हजार 171 गांवों में इस वर्ष यह कार्य शुरू होगा। इसके तहत विभिन्न योजनाओं के कंर्वजन से सीनियर सैकण्डरी स्कूल, चिकित्सा सुविधा, पशु चिकित्सा सुविधा, दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति, चारागाह का विकास, जल निकासी का प्रबंध, गलियों, सोलर लाइट, पार्क, जिम, बैकिंग, वाई-फाई जैसी आधारभूत आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

 राठौड़ ने कहा कि 14 अप्रैल से 12 जुलाई तक सभी पात्र ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को पट्टे जारी करने के लिए हर सोमवार और गुरुवार को राज्य की समस्त पंचायत समितियों की एक-एक ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक 8 हजार 111 करोड़ रुपये के निवेश से 6 लाख 75 हजार आवासों का निर्माण किया जायेगा तथा वर्ष 2017-18 में 4 लाख 31 हजार आवासों का निर्माण 5 हजार 172 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जहां समूह में 10 मकानों का निर्माण होगा, वहां मकान तक खुर्रा निर्माण कराया जायेगा। साथ ही पण्डित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्र्तगत विद्युत कनेक्शन और उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन भी उपलब्ध कराए जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन लाभार्थियों में नियमानुसार पात्र व्यक्तियों को कैटल शेड के लिए 70 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की जायेगी। बडे़ पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले आवास निर्माण हेतु आगामी वर्ष में ग्रामीण क्षेत्र के 8 हजार अद्र्धकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षित कर कुशल कारीगर बनाया जायेगा। 
स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए श्री राठौड़ ने कहा कि ओडीएफ पंचायतों में सॉलिड वेस्ट मेनेजमेन्ट हेतु 150 परिवारों तक 7 लाख, 300 परिवारों पर 12 लाख और 500 परिवारों तक 15 लाख तथा  500 से अधिक परिवारों पर  20 लाख रुपए दिये जायेंगे।   बेसलाईन सर्वे 2012 से वंचित रहे पात्र लाभार्थियों को महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 12 हजार रुपये स्वीकृत कर शौचालय का निर्माण करवाया जायेगा। 

उन्होंने कहा कि स्मार्ट विलेज को सम्मिलित करते हुए 2 लाख रुपये प्रत्येक की लागत से 5 हजार गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य में 9 हजार 890 ग्राम पंचायतों में से 4 हजार 668 ग्राम पंचायत ओडीएफ घोषित हो चुकी है, जिसमें से 1188 का सत्यापन किया जाकर शेष का 10 अपै्रल, 2017 तक विशेष अभियान चला कर सत्यापन कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में राजीवीका मिशन के अन्र्तगत 30 नये ब्लॉक में 15 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जायेगा तथा इन्हें सम्मिलित करते हुए 16 हजार समूहों को परियोजना द्वारा 200 करोड़ रूपये उपलब्ध करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 20 हजार समूहों की 1 लाख महिलाओं को 200 करोड़ रूपये का बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि आई.आई.टी., मुम्बई के सहयोग से डूंगरपुर में सोलर पैनल तैयार करने की इकाई लगाई जायेगी तथा 40 हजार समूहों को ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं (मनरेगा, एसबीएम, आवास योजना) आदि के माध्यम से कन्वर्जेंस कर 500 करोड़ रूपये का लाभ पहुंचाया जायेगा। साथ ही झालावाड़ एवं चित्तौड़गढ़ में सेनेटरी नैपकिन की इकाई स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में राज्य मे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आसानी एवं समय पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए एसएचजी महिला बैंक की स्थापना की जायेगी।

 राठौड़ ने कहा कि 4200 गांवों में लगभग 1 लाख 35 हजार कार्य, 1800 करोड़ रुपए के निवेश से कराये जायेंगे एवं 1 करोड़ पौधों का रोपण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना में जिन राजकीय भवनों में चारदीवारी है उन सभी भवनों में सघन वृक्षारोपण करवाया जायेगा तथा इनके पांच वर्ष तक रख-रखाव हेतु मानव संसाधन उपलब्ध करवाये जायेेंगे। साथ ही जिन पंचायतों में चारागाह भूमि उपलब्ध है उनका डिच-कम-बंडिंग तरीके से चार दीवारी करा कर सघन वृक्षारोपण एवं चारागाह विकास करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा में 100 दिन तक का काम करने वाले श्रमिकों का श्रमिक कल्याण कार्ड बनाया जाएगा जिसमें श्रमिक कल्याण योजना के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिल सके। 

 राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2017-18 में योजनान्तर्गत अकुशल मजदूरी दर रुपए 181 से बढ़ाकर 192 की गई है, जो आगामी 1 अप्रैल से लागू हो जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में 10 हजार फार्म पॉण्ड, समूह कुंओ व टांकाें का निर्माण करवाया जायेगा। साथ ही 60 हजार वर्मी कम्पोस्ट, नाडिप कम्पोस्ट, कैटल शैडों का निर्माण करवाया जायेगा। लगभग 1300 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण होगा और 100 किलोमीटर रोड साइड प्लांटेशन करवाया जायेगा। 4.94 लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में जैविक उर्वरक एजोला के पिट बनाकर 5 हजार काश्तकारों को लाभान्वित किया जायेगा।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि टी.एस.पी. क्षेत्र में 25 हजार कुओं को 1 लाख रुपये की सीमा तक कन्वर्जेन्स के माध्यम से गहरा या मरम्मत का कार्य किया जा सकेगा। गांव की आन्तरिक गलियों की स्थिति को देखते हुए अब वॉल-टू-वॉल गलियों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने ग्रेवल सड़कों की उम्र निर्धारित करने की घोषणा करते हुए कहा कि  अब ग्रेवल सड़कों में सीसी जारी होने की दिनांक से रिपेयर राशि 1 वर्ष के लिए 5 प्रतिशत, 2 वर्ष के लिए 10 प्रतिशत और 3 वर्ष के लिए 25 प्रतिशत निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष बाद तकनीकी अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार सड़कों को पुनः निर्मित किया जा सकेगा।  उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा में राजकीय स्कूल की चारदीवारी के कार्य प्रोजेक्ट मोड में अनुमत किये जायेंगे।

 राठौड़ ने कहा कि विधायक एवं सांसद स्थानीय विकास कार्यक्रम के अन्र्तगत एक गांव में एक ही सामुदायिक विकास केन्द्र की बाध्यता को समाप्त किया जाएगा। साथ ही विधायक एवं सांसद स्थानीय विकास कार्यक्रमों की स्वीकृतियाें में होने वाले विलम्ब को दूर करने के लिए कलक्टर के स्थान पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद द्वारा स्वीकृति जारी किया जाना तथा प्रशासनिक, तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति विधायक व सांसद की अभिशंषा उपरान्त एक माह में ही निकाली जाएगी। 
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि डांग, मगरा व मेवात क्षेत्र की 300 ग्राम पंचायत मुख्यालयों को स्मार्ट विलेज के रूप में गांव में आंतरिक सड़कें, स्ट्रीट लाइट्स, सफाई व्यवस्था व स्मार्ट स्कूल के साथ ई-कनेक्टीविटी उपलब्ध करवाई जायेगी।    बताया कि ग्राम पंचायतों द्वारा किये जाने वाले कार्यों हेतु सामग्री खरीद में आ रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए 10 लाख रूपये की लागत तक के एकल कार्य तथा एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रूपये तक की सामग्री केे कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा सीमित निविदा के माध्यम से कराये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में अलग-अलग तरह की ऑडिट के स्थान पर अध्ययन कर एक ही तरह की ऑडिट करवाई जायेगी तथा चालू कार्योें का थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन करवाया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के अतिरिक्त अन्य योजनाओं में किये जाने वाले कार्यों हेतु अद्र्धकुशल श्रमिकों की मजदूरी प्रचलित बाजार दर के समकक्ष करने के प्रयास किये जा रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि अब से शेड्यूल ऑफ पॉवर्स में वर्णित जिस तकनीकी अधिकारी को जितना अधिकार है, उस सीमा तक वही अधिकारी यूसी व सीसी जारी करेगा, लेकिन वह अधिकारी सहायक अभियन्ता के स्तर से नीचे का नहीं होगा। इसके साथ ही वरिष्ठ अभियंता भी सतत निरीक्षण करेंगे। 

 राठौड़ ने कहा कि अभी तक गांवों की आबादी विस्तार के प्रस्ताव का आधार 2001 की जनगणना है। उन्होंने कहा कि अब से आबादी विस्तार के प्रस्ताव का आधार 2011 की जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कार्यों में दोहराव रोकने, पारदर्शिता लाने एवं प्रभावी नियंत्रण के लिये सभी कार्यों की अनिवार्य जिओ टैगिंग की जायेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में देश का पहला इंटीग्रेटेड राज ई-पंचायत पोर्टल प्रारंभ किया जा रहा है। आगामी 1 अप्रैल से सभी विभागीय योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन तथा भुगतान संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार पंचायत के लिये आवश्यक भूमि का आवंटन पंचायत की वर्तमान जनसंख्या के आधार पर करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 तक प्रदेश की 1960 ग्राम पंचायतों को गरीबी की रेखा से बाहर लाया जाएगा। आगामी वित्तीय वर्ष में 350 ग्राम पंचायत, 20 पंचायत समिति में भवन निर्माण के कार्यों को पूरा किया जायेगा।

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