Saturday 29 July 2017

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुपालन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के अवकाश पर रहेगा प्रतिबंध

जयपुर। पशुपालन मंत्री  प्रभुलाल सैनी ने राज्य में मानसून एवं संभावित बाढ़ व अतिवृष्टि को देखते हुए पशुचिकित्सकों को पशुओं में होने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए माकूल व्यवस्था बनाए रखने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होने बरसात के मौसम में अतिवृष्टि के कारण मौसमी एवं जल जनित बीमारियों से प्रभावित पशुओं को तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुलभ कराने के भी निर्देश दिये।
 सैनी ने बताया कि राज्य में मानसूनी वर्षा  से संभावित अतिवृष्टि एवं बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए बचाव एवं राहत कार्यों तथा पशुओं की समुचित चिकित्सा के लिए पशुपालन निदेशालय सहित समस्त जिला मुख्यालयों पर बाढ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जा चुके हैं। ये नियंत्रण कक्ष 24 घंटे निरन्तर कार्यरत रहेंगे।
 सैनी ने जिलों में नोडल संस्थाओं के प्रभारी अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन से नियमित समन्वय स्थापित करने व बाढ ग्रस्त क्षेत्रों में पशुधन संरक्षण के लिए आवश्यक कार्यवाही संपादित करने के निर्देश दिये हैं। जिला, उपखंड एवं पशु चिकित्सालय स्तर पर मोबाईल पशु चिकित्सा दलों के गठन की कार्यवाही करते हुए पर्याप्त औषधि, उपकरण एवं टीकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, मानसून एवं बाढ संभावित पशु रोगों की रोकथाम के लिए एन्डेमिक क्षेत्रें में शत-प्रतिशत टीकाकरण किये जाने सम्बन्धी निर्देंश भी दिये गए है।
 सैनी ने राज्य रोग निदान केन्द्र जयपुर एवं जिला रोग निदान केन्द्र के प्रभारियों को अपने कार्य क्षेत्र में पशु रोगों के सर्वेक्षण एवं रोग निदान कार्य सक्रियता से संपादित करने के साथ ही मृत पशुओं के सुरक्षित एवं वैज्ञानिक निस्तारण के लिए नगर निगम, परिषद, पालिका एवं ग्राम पंचायत को तकनीकी सहयोग करने के भी निर्देश दिये हैं।उन्होंने अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति में पशुओं की अकाल मृत्यु हाेंने पर मृत पशुओं के लिए जिला प्रशासन स्तर से मिलने वाली सहायता राशि के लिए पोस्टमार्टम एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज शीघ्रता से उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी निर्देंश भी दिये। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि अथवा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी व कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध रहेगा। बिना पूर्व सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोडेंगे।
 पशुपालन मंत्री  सैनी ने पशुपालकों को भी सलाह दी है कि बारिश के मौसम में पशुओं में होने वाले रोगों से बचाव के लिए लक्षण दिखाई देते ही तुरन्त नजदीकी पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक के परामर्श अनुसार बीमार पशु का समय पर ईलाज करायें। उन्होंने बताया कि पशुओं को घातक रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण अवश्य करावें, ये टीके राज्य के सभी पशु चिकित्सा संस्थाओं में उपलब्ध है।

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