Saturday 9 December 2017

नहर के किनारे जमीन दी पर पानी पर कुंडली मारकर बैठ गया सिंचाई विभाग


नहर के किनारे जमीन दी पर पानी पर 

कुंडली मारकर बैठ गया सिंचाई विभाग



भैरूसिंह भाटी तेजपाला



जैसलमेर। कुंए के पास होकर भी कोई यदि बरसो से प्यासा रहे तो सुनने मे बड़ा अचरज लगेगा पर यह हकीकत है जिले के तेजपाला गांव के कुछ परिवारो की। तेजपाला के दलित परीवारो को करीब 33 वर्ष पूर्व नहरी क्षेत्र मे भूमि दी गयी पर खेती के लिए सिंचाई विभाग ने पानी नही दिया नतिजन भूमि लेने वाले लोग पानी की उम्मीद मे बुजुर्ग हो चले है पर प्रसाशन की नींद नही टूटी है। अब वंचित लोगो ने चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
मंत्री, अफसर से लेकर पटवारी तक सभी कर्मचारियों तक ये काश्तकार एड़ियां रगड़ रगड़ कर परेषान हो चुके है पर इनकी सुनवाई किसी ने नही की है। अब किसानों ने आगामी विधानसभा चुनाव सहित आने वाले चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। किसानों का कहना है कि जब तक उनका हक नहीं मिलेगा वो कभी वोट नहीं करेंगे।
वर्ष 1984-85 में सागमरल गोपा ब्रांच व मुख्य नहर के पास चक नम्बर 48 एलएलबी पर पुख्ता जमीन आवंटन हुई तब ग्रामीणों ने सुनहरे भविष्य का ताना बाना बुना था लेकिन सिंचाई विभाग की अंधेर गर्दी ने इन दर्जनो किसानो के सपने को चूर-चूर कर दिया। नहर के पास में जमीन होते हुए भी सिंचाई की सुविधा से वंचित कर दिया गया। सिंचाई विभाग के अधिकारी आज भी बहाने भी बहाना बना रहे है। लापरवाही के आलम का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि ये किसान पानी के पैसे जमा कर रहे है। मतलब पानी के रूपये ले रहे है परंतु सिंचाई के लिए पानी नहीं दे रहे है, ये कहां का न्याय। अब भगवान जाने इन किसानों को कब जाकर न्याय मिलेगा।
किसानों को जमीन तो आवंटन कर दी परंतु उनको पानी का अधिकार नहीं दिया। इन किसानों ने शासन, प्रषासन, नेता, अधिकारी हर किसी की दर पर मत्था टेका, दर-दर की ठोकरें खायी। परंतु किसी ने इन किसानों की जायज मांग को अंजाम तक नहीं पहुंचाया। हालांकि वर्तमान जिला कलेक्टर ने इस मामले को जरूर तवज्जो दी थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दलित समाज के दस परिवार जमीन आवंटन के बरसों बीत जाने के बाद भी अपनी सिंचित जमीन में फसल नहीं उगा पा रहे है। इनको सरकार ने इंदिरा गांधी मुख्य नहर के समीप जमीन तो आवंटन कर दी परंतु पानी की व्यवस्था नहीं की। जिसके चलते किसान सालों से परेषानी का दंष झेल रहे है और अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ मुष्किल कर रहे है।
ये है पीड़ित किसान-
गवरी पत्नि पूराराम, बादली पत्नि कानाराम लूणाराम वगैरह, हरचंदराम पुत्र नखतुराम, दाउराम पुत्र अमराराम, बीजलराम पुत्र देषलाराम, भंवरूराम पुत्र बागाराम, चेलूराम पुत्र बागाराम, खींया पत्नि नखतुराम, केषरसिंह पुत्र मोहब्बतसिंह सभी निवासी तेजपाला।

मंत्री, अफसर से लेकर पटवारी तक सभी कर्मचारियों तक ये काश्तकार एड़ियां रगड़ रगड़ कर परेषान हो चुके है पर इनकी सुनवाई किसी ने नही की है। अब किसानों ने आगामी विधानसभा चुनाव सहित आने वाले चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। किसानों का कहना है कि जब तक उनका हक नहीं मिलेगा वो कभी वोट नहीं करेंगे।
वर्ष 1984-85 में सागमरल गोपा ब्रांच व मुख्य नहर के पास चक नम्बर 48 एलएलबी पर पुख्ता जमीन आवंटन हुई तब ग्रामीणों ने सुनहरे भविष्य का ताना बाना बुना था लेकिन सिंचाई विभाग की अंधेर गर्दी ने इन दर्जनो किसानो के सपने को चूर-चूर कर दिया। नहर के पास में जमीन होते हुए भी सिंचाई की सुविधा से वंचित कर दिया गया। सिंचाई विभाग के अधिकारी आज भी बहाने भी बहाना बना रहे है। लापरवाही के आलम का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि ये किसान पानी के पैसे जमा कर रहे है। मतलब पानी के रूपये ले रहे है परंतु सिंचाई के लिए पानी नहीं दे रहे है, ये कहां का न्याय। अब भगवान जाने इन किसानों को कब जाकर न्याय मिलेगा।
किसानों को जमीन तो आवंटन कर दी परंतु उनको पानी का अधिकार नहीं दिया। इन किसानों ने शासन, प्रषासन, नेता, अधिकारी हर किसी की दर पर मत्था टेका, दर-दर की ठोकरें खायी। परंतु किसी ने इन किसानों की जायज मांग को अंजाम तक नहीं पहुंचाया। हालांकि वर्तमान जिला कलेक्टर ने इस मामले को जरूर तवज्जो दी थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दलित समाज के दस परिवार जमीन आवंटन के बरसों बीत जाने के बाद भी अपनी सिंचित जमीन में फसल नहीं उगा पा रहे है। इनको सरकार ने इंदिरा गांधी मुख्य नहर के समीप जमीन तो आवंटन कर दी परंतु पानी की व्यवस्था नहीं की। जिसके चलते किसान सालों से परेषानी का दंष झेल रहे है और अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ मुष्किल कर रहे है।
ये है पीड़ित किसान-
गवरी पत्नि पूराराम, बादली पत्नि कानाराम लूणाराम वगैरह, हरचंदराम पुत्र नखतुराम, दाउराम पुत्र अमराराम, बीजलराम पुत्र देषलाराम, भंवरूराम पुत्र बागाराम, चेलूराम पुत्र बागाराम, खींया पत्नि नखतुराम, केषरसिंह पुत्र मोहब्बतसिंह सभी निवासी तेजपाला।

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