Thursday 8 February 2018

बाड़मेर जिले में 13 हजार श्रमिक पंजीयन के आवेदन अटके कैसे होगा श्रमिकों का कल्याण?

बाड़मेर जिले में 13 हजार श्रमिक पंजीयन के आवेदन अटके



कैसे होगा श्रमिकों का कल्याण?

गिड़ा। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल और पंचायतीराज विभाग में तालमेल के अभाव के चलते बाड़मेर जिले में 13 हजार से अधिक श्रमिक पंजीयन के आवेदन पिछले एक वर्ष से अटके हुए पड़े हैं। श्रमिकों का पंजीयन नही होने से भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल की योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय बालोतरा में 4 निरीक्षक कार्यरत हैं, वे शहरी क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन कर रहे हैं, शहरों में निर्माण श्रमिको संख्या भी इतनी नही हैं जितनी ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे में विकास अधिकारियों के पास पंजीयन आवेदनों की पैंडेंसी लगातार बढ़ रही हैं।
सर्वाधिक लंबित बाड़मेर बीडीओ के पास
विभागीय वेबसाईट के अनुसार बाडमेर जिले में बाड़मेर बीडीओ के पास 1784, धोरीमन्ना में 1544, सिणधरी में 974, बायतू 927, सेड़वा में 715, धनाऊ में 666,   चौहटन  में 262, गिड़ा में 1111, गुडामालानी में 993, कल्याणपुर में 800, समदडी में 471, पाटोदी में 405, रामसर में 61, शिव में 211, सिवाना में 785, गडरारोड में 152 तथा बालोतरा विकास अधिकारी के पास 830 श्रमिक पंजीयन के आवेदन लम्बे समय से अटके पड़े हैं।
ई-मित्रों के चक्कर लगा रहे हैं श्रमिक
विकास अधिकारियों के पास लंबित श्रमिक पंजीयन के आवेदन ई-मित्र संचालकों के लिए गले की घंटी बन गये हैं।
निर्माण श्रमिक प्रतिदिन ई-मित्र संचालकों के पास पहुंच कर अपने श्रमिक कार्ड देने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन विकास अधिकारियों द्वारा श्रमिक कार्ड जारी नही किये जाने का रटा-रटाया जवाब देने के अलावा कोई सहारा नही रहा हैं।
योजनाओं के लाभ से वंचित हो गये श्रमिक
ऑनलाईन पंजीयन आवेदनों का निस्तारण नही होने से श्रमिक छात्रवृति, शुभशक्ति, प्रसूति सहित दुर्घटना में घायल व मृत्यु जैसे योजनाओं से वंचित रह गये हैं। लंबे समय से पंजीयन अटकने से सबसे ज्यादा नुकसान दुर्घटना में मरने वाले निर्माण श्रमिकों के परिजनों का उठाना पड़ रहा हैं।
 दुर्घटना में मृत्यु होने पर पंजीकृत श्रमिक को 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता मंडल द्वारा दी जा रही हैं लेकिन विकास अधिकारियों की हठधर्मिता का नुकसान आम श्रमिक उठा रहे हैं।
इनका कहना हैं
बाड़मेर विकास अधिकारी के पास फरवरी से आवेदन लंबित पड़े हैं, कई बार उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया लेकिन कोई समाधान नही हो रहा हैं, श्रमिक योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे है। साथ ही साथ अभी वर्तमान में अन्य विकास अधिकारी भी इस काम में रूचि नही ले रहे हैं। इस संबंध में जयपुर भी मांग रखी लेकिन कोई कार्रवाई नही हो रही हैं।
करनाराम मांजू
जिलाध्यक्ष
थार कमठा मजदूर यूनियन बाडमेर 

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