Tuesday 20 February 2018

राजस्थान उच्च न्यायालय ने भैंसो के ट्रक को पूनः जप्त करने के दिये आदेश

राजस्थान उच्च न्यायालय ने भैंसो के ट्रक को पूनः जप्त करने के दिये आदेश
वर्ष 2013 में भैसों के ट्रक को खमेरा व प्रतापगढ पुलिस ने जप्त किया था
पशुक्रुरता निवारण समिति ने राजस्थान उच्च न्यायालय में लगाई थी याचिका 




राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में पशुकु्ररता निवारण अधिनियम के तहत जप्त किये गये ट्रक को न्यायालय जिला एवं सेशन न्यायालय प्रतापगढ द्वारा सिपूर्दगी नामें एवं जमानत नामें पर छोडे जाने के विरूद्ध उच्च न्यायालय में पशुकु्ररता निवारण समिति के कार्यकारी सचिव रमेशचन्द्र शर्मा अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर निर्णय प्रदान करते हुए ट्रक को पूनः जप्त किये जाने हेतु मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ के नाम आदेश प्रदान किया। इस आदेश की प्रति प्राप्त होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साहब, प्रतापगढ श्री सुन्दरलाल बंशीवाल ने उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में थाना अधिकारी प्रतापगढ को ट्रक नम्बर जीजे 20 यू 4034 को अविलम्ब जप्त किये जाने के आदेश दिये।
              प्रकरण की जानकारी देते हुए पशुक्रुरता निवारण समिति के कार्यकारी सचिव रमेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि मार्च 2013 में पुलिस थाना खमेरा द्वारा 46 भैंसो को कत्लखाने ले जाने के मामले में जीजे 20 यू 4034 को जप्त किया था ट्रक के स्वामी अय्यूब मुसलमान निवासी झालोद जिला दाहोद गुजरात ने ट्रक को छूडाने हेतु अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट घाटोल के यहां आवेदन पेश किया था जिस पर न्यायालय द्वारा उक्त वाहन को पशुओं के साथ कु्ररता के मामलें में उपयोग नहीं करने हेतु अण्डर टेकिंग लेकर वाहन को सिपूर्दगी नामें पर छोडा था परन्तु वाहन स्वामी ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए 15 दिन के अन्दर ही पूनः ट्रक में 40 भैसों को भरकर जयपुर कत्लखाने ले जाया जा रहा था जिसकी रिपोर्ट रमेशचन्द्र शर्मा द्वारा प्रतापगढ थाना पर दर्ज करवायी गई थी। वाहन स्वामी द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ के यहां वाहन को सिपूर्दगी पर लेने हेतु आवेदन पेश किया था परन्तु न्यायालय ने वाहन को सिपूर्दगी बाबत् आवेदन को खारीज किया था जिस पर वाहन स्वामी ने न्यायालय जिला एवं सेशन न्यायालय प्रतापगढ में वाहन को प्राप्त करने हेतु निगरानी पेश की थी जिस पर न्यायालय ने वाहन को सिपूर्दगी नामें व जमानत नामें पर छोडे जाने बाबत् आदेश प्रदान किये।
                   पशुक्रुरता निवारण के कार्यकारी सचिव रमेशचन्द्र शर्मा द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता स्वरूपसिंह सिसोदिया व ए.पी.सिंह के जरिये पीटीशन पेश की जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पीटीशन स्वीकार करते हुए ट्रक को पूनः 4 सप्ताह में पूनः पेश करने के आदेश प्रदान किये परन्तु वाहन स्वामी द्वारा 4 सप्ताह की अवधि पूरी होने पर भी वाहन को सरेण्डर नहीं किया पीटीशन में आदेश की प्रति प्राप्त होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ द्वारा वाहन का सिपूर्दगी नामा व जमानत नामा को निरस्त करते हुए वाहन को जप्त किये जाने हेतु पुलिस थाना प्रतापगढ के नाम आदेश प्रदान किये।

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