महाराजा स्कूल के नन्हे वैज्ञानिकों ने दिखाया अपने हाथ का हुनर
बच्चों में सृजनात्मक एवं क्रियात्मक विकास बहुत जरूरीः श्रीराम मंडा
बाडमेर। विज्ञान दिवस (28 फरवरी) के उपलक्ष्य में महाराजा साईंस स्कूल के कक्षा 6 व 7 के विद्यार्थियों द्वारा उच्च प्राथमिक प्रभारी बरकत खान के मार्गदर्शन में विज्ञान महत्वपूर्ण सिद्धान्तों को मद्देनज़र रखते हुए विज्ञान प्रदर्शनी में मॉडल बनाकर उसके सिद्धान्तों को बताया गया,जिसमें वॉटरहार्वेस्टिंग, वेक्यूम क्लीनर, बिजली व पानी की बचत,उत्पादन एवं सदुपयोग, ज्वालामुखी का फटना, पवन ऊर्जा, प्रकाश के परावर्तन एवं अपवर्तन के सिद्धान्त, एटीएम मशीन का उपयोग आदि को पूर्ण प्रक्रिया सहित समझाया गया ।
प्रदर्शनी के मुख्य निरीक्षणकर्ता श्रीराम मंडा(एपीसी जिला शिक्षा अधिकारी बाड़मेर) ने बताया कि बच्चों ने अधिकांश वही मॉडल प्रस्तुत किये जिनकी वास्तव में पश्चिमी राजस्थान में आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम करवाने से बच्चों में सृजनात्मक एवं क्रियात्मक विकास होता है। बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञान के महत्व के साथ स्वच्छता का भी संदेश दिया। किशोरवर्ग ने कड़ी मेहनत एवं लगन से दैनिक जीवन की उपयोगी एवं सस्ती सामग्री से मॉडल बनाकर एक नया संदेश दिया। कार्यक्रम में श्री गोपालसिंह राजपुरोहित( निदेशक माधव महाविद्यालय), प्रकाश सोलंकी (बंसल क्लासेज कोटा), डॉ. आदर्श किशोर जाणी (प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय बाड़मेर) ,निदेशक चेतनराम फड़ौदा, प्रबंध निदेशक श्री भागीरथ चौधरी, एकेडमिक डायरेक्टर बी.एल. बाजिया, तेजपाल सुथार, रमेश कुमार तथा समस्त स्टाफ ने निरीक्षण कर बाल वैज्ञानिकों का हौंसला अफजाई किया।
बच्चों में सृजनात्मक एवं क्रियात्मक विकास बहुत जरूरीः श्रीराम मंडा
बाडमेर। विज्ञान दिवस (28 फरवरी) के उपलक्ष्य में महाराजा साईंस स्कूल के कक्षा 6 व 7 के विद्यार्थियों द्वारा उच्च प्राथमिक प्रभारी बरकत खान के मार्गदर्शन में विज्ञान महत्वपूर्ण सिद्धान्तों को मद्देनज़र रखते हुए विज्ञान प्रदर्शनी में मॉडल बनाकर उसके सिद्धान्तों को बताया गया,जिसमें वॉटरहार्वेस्टिंग, वेक्यूम क्लीनर, बिजली व पानी की बचत,उत्पादन एवं सदुपयोग, ज्वालामुखी का फटना, पवन ऊर्जा, प्रकाश के परावर्तन एवं अपवर्तन के सिद्धान्त, एटीएम मशीन का उपयोग आदि को पूर्ण प्रक्रिया सहित समझाया गया ।
प्रदर्शनी के मुख्य निरीक्षणकर्ता श्रीराम मंडा(एपीसी जिला शिक्षा अधिकारी बाड़मेर) ने बताया कि बच्चों ने अधिकांश वही मॉडल प्रस्तुत किये जिनकी वास्तव में पश्चिमी राजस्थान में आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम करवाने से बच्चों में सृजनात्मक एवं क्रियात्मक विकास होता है। बच्चों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञान के महत्व के साथ स्वच्छता का भी संदेश दिया। किशोरवर्ग ने कड़ी मेहनत एवं लगन से दैनिक जीवन की उपयोगी एवं सस्ती सामग्री से मॉडल बनाकर एक नया संदेश दिया। कार्यक्रम में श्री गोपालसिंह राजपुरोहित( निदेशक माधव महाविद्यालय), प्रकाश सोलंकी (बंसल क्लासेज कोटा), डॉ. आदर्श किशोर जाणी (प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय बाड़मेर) ,निदेशक चेतनराम फड़ौदा, प्रबंध निदेशक श्री भागीरथ चौधरी, एकेडमिक डायरेक्टर बी.एल. बाजिया, तेजपाल सुथार, रमेश कुमार तथा समस्त स्टाफ ने निरीक्षण कर बाल वैज्ञानिकों का हौंसला अफजाई किया।
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