Monday 12 March 2018

श्रम विभाग ने विवाह सहायता योजना की फाईलों पर मारी कुंडली

अधिकारियों की उदासिनता श्रमिकों पर पड रही हैं भारी!

श्रम विभाग ने विवाह सहायता योजना की फाईलों पर मारी कुंडली

गिडा। श्रम विभाग में भवन एवं अन्यं सनिर्माण कर्मकार मंडल की विवाह सहायता योजना के बंद हुए दो वर्ष से अधिक का समय हो चुका हैं लेकिन 800 से अधिक आवेदकों को योजना का फायदा नही मिल पाया हैं। वहीं इसी योजना की 42 फाईलों को फरवरी 2016 में स्वीकार कर लिया गया लेकिन उनका भी आज दिन तक भुगतान नही हो पाया हैं। मजदूर श्रम विभाग के चक्कर लग रहे हैं यहां लगे अधिकारी किसी तरह का संतोषजन जवाब नही दे रहे हैं। 

क्या थी योजना

मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों दो पुत्रियों के विवाह होने पर 51-51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही थी। सरकार ने इस योजना को 31 दिसम्बर 2015 को बंद कर दिया।

अब शुभशक्ति योजना

विभाग की विवाह सहायता योजना को राज्य सरकार ने 31 दिसम्बर 2015 को बंद करते हुए इसकी जगह श्रमिक की 18 वर्षीय अविवाहित आठवी पास दो पु़ित्रयों को शुभशक्ति योजना के तहत 55-55 हजार की आर्थिक सहायता दी जा रही है। ऐसे में उस वक्त विवाह सहायता योजना मंे आवेदन किये गये 800 से अधिक फाईलों पर विभाग दो साल से कुंडली मार कर बेठा हैं। वहीं इसके बाद शुरू हुई शुभ शक्ति योजना के आवेदकों को फायदा मिल चुका हैं।

पुत्रियां बन चुकी है बच्चों की मां

राज्य सरकार की मंशा रही हैं कि अधिकाधिक निर्माण श्रमिक योजना से लाभान्वित हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते श्रमिक योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। विवाह सहायता के आवेदनों को दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका हैं तथा निर्माण श्रमिकों की पुत्रियां बच्चोे की मां बन चुकी हैं लेकिन उनकोे मिलने वाली सहायता राशि आज दिन तक नही मिली हैं, ऐसे मंे कई मजदूर कर्जदार के तले डूब हुए हैं तो कई दुनिया छोड कर चले गये हैं।

इनका कहना हैं

मेरे द्वारा पुत्री का विवाह होने के बाद आवेदन किया था उसको तीन साल हो गये लेकिन आज दिन तक सहायता राशि नही मिल पाई हैं। विभाग में कोई संतोषजनक जवाब नही मिल रहा हैं।

 निम्बाराम सउ, सांभरा

श्रम विभाग में चार वर्ष पूर्व विवाह सहायता योजना का आवेदन किया था उसकी सहायता राशि स्वीकृत हो चुकी, लेकिन आज दिन तक मुझे नही मिली है, मैं कई बार अधिकारियों से मांग कर चुका हूं लेकिन कोई सुनवाई नही हो रहा हैं।

   पुखराज मेघवाल


आवेदनोे के निस्तारण को लेकर कई बार स्थानीय अधिकारियों से लेकर जयपुर में उच्चाधिकारियों से मांग कर चुका हूं, लेकिन आज दिन तक इनका समाधान नही हो पाया हैं। 
करनाराम मांजूजिलाध्यक्ष थार कमठा मजदूर यूनियन

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