Saturday 21 April 2018

चुनावी साल कौन होगा राजस्थान नौकरशाह का मुख्या, बढेगा एनसी का कार्यकाल या फिर नया नाम आएगा सामने

चुनावी साल
कौन होगा राजस्थान नौ
करशाह का मुख्या, बढेगा एनसी का कार्यकाल या फिर नया नाम आएगा सामने




दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क

जयपुर। राजस्थान सरकार के प्रशासनिक मुखिया एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी निहाल चंद गोयल की सेवानिवृत्ति का समय नजदीक आने के साथ ही नौकरषाही हलकों में एक बार फिर से नए सीएस को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इन दिनों प्रशासनिक हलकों में यही सवाल गूंज रहा है कि चुनावी वर्ष के ऐसे नाजुक समय में सरकार नया सीएस नियुक्त करेगी या एनसी गोयल को एक्सटेंशन देगी। चुनावी साल में गोयल ने कई मामलों में सरकार को मुश्किलों से निकाला हैं। गौरतलब है कि मुख्य सचिव एनसी गोयल अपने 3 महीने से ज्यादा के कार्यकाल में खासे सक्रिय नजर आए हैं। फाइल का फास्ट डिस्पोजल हो या निर्णय क्षमता या फिर अन्य अधिकारियों के साथ तालमेल कर काम को रिजल्ट ओरिएंटेड बनाना। इन सभी पैमानों पर गोयल खरे उतरे हैं। अभी तक के कार्यकाल में इन कामों में उनकी दक्षता साफ नजर आती है...

 एससीएस से आईएएस प्रमोशन 

- इसके लिए एसीआर और बोर्ड बैठक की जरूरी प्रक्रिया तेज करवाई। इसकी वजह से बोर्ड की बैठक सही समय पर बिना किसी अड़ंगे के हो पाई और अप्रैल में 14 आरएएस आईएएस बन गये।

ग्राम सेवकों सरपंचों की मांगों पर की बातचीत 

- इन मांगों को लेकर ग्राम सेवक और सरपंच आंदोलनरत थे। 
 एनसी गोयल की सक्रियता से मामला सुलझा उन्हीं के कक्ष में मंत्री राजेंद्र राठौड़ राठौड़ ने की संबंधित पक्षों से बातचीत और मामला सुलझा।
पर्यटन इकाइयों के आसपास भूमि को लेकर मसला 
- इस मसले में भूकृआवंटन संबंधी नियम परिवर्तन को लेकर सक्रियता दिखाई।

गुर्जर आंदोलन के दौरान नेताओं पर लगे मामले इस मामले में गुर्जर नेताओं की मांग अनुसार एक्शन को तेज किया।

चिकित्सा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाना

इस मसले पर रेजीडेंट का विरोध सामने आया तो उनके लिये प्रशासनिक पदों पर न लगने की शर्त व अन्य बिंदुओं पर निर्णय किया।

एससी एसटी एक्ट के खिलाफ हुए भारत बंद और ब्राह्मण संगठनों के कथित बन्द के मामले में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में तत्परता दिखाई। परशुराम जयंती पर भी जब ऐसी आशंका दिखी तो जरूरी अर्द्धसैन्य बल कितने तैनात हों और क्या सुरक्षा व्यवस्था रहे इसकी पूरी समीक्षा करके निर्देश दिए।
आपको बता दें कि फास्ट डिस्पोजल करने और रिजल्ट ओरिएंटेड होने की इसी छवि के चलते हुए ही मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेसी में भी गोयल चहेते बने हुए हैं। ऐसे में उनके 3 माह के एक्सटेंशन की चर्चाएं जोरों पर है।

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