भागवत कथा के दौरान धूमधाम से मनाया कृष्णजन्मोत्सव
जन जीव कल्याण सेवा संस्थान की और से जन जीव कल्याण सेवा संस्थान की और से अकदड़ा में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन कृष्णजन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया। कथा का वाचन करते हुए प्रेम बाईसा ने बताया कि नंदजी के घर जब भगवान श्री का जन्म हुआ तो तीनों लोकों के देवता खुशी से झूम उठे व नाचने लगे। कथा का वाचन करते हुए साध्वी: प्रेम बाईसा ने वामन अवतार, रामा अवतार व कृष्ण अवतार की कथा का विस्तार से वर्णन किया। भगवान के जन्म का प्रसंग सुनते ही श्रोताओं ने तालियों व जयकारों से पूरे पांडाल को गुंजायमान कर दिया। नंद महोत्सव पर श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे: साध्वी ने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व वसुदेव के यहाँ हुआ था। कंस ने अपनी मृत्यु के भय से बहिन देवकी और वसुदेव को कारागर में कैद करके रखा था। कृष्ण जन्म के समय घनघोर बरसात हो रही थी। भगवान का अवतार होते ही वसुदेव जी के पैरों की बेड़ियां खुल गई, कारागर के द्वार स्वयं ही खुल गए। भगवान के जन्म से आज गुंदियाल के आस-पास की नगरी खुद गोकुल व्रन्दावन बन गई। कथा के दौरान पांचवे दिन श्रोताओं की जोरदार भीड़ रहीं। महिलाओं में भी विशेष उत्साह नजर आया। साध्वी: ने कहा कि संसार दुखों का सागर है, व्यक्ति इस संसार में मोह माया से प्रेरित होकर हर जगह सुख ढूढ़ने को लालायित रहता है। उन्होंने कहा कि बालिका को भी बेटे की तरह शिक्षा देकर उसे समाज का एक अभिन्न हिस्सा बनाए, ताकि देश विकास और प्रगति करता रहें और समाज में एक सामंजस्य बना रहे। कथा के दौरान मोहन आवो तो खरी, नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल कि, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलों भजनों की प्रस्तुतियां दी। कथा के दौरान अकदड़ा सरपंच हेमंत कुमार, नया सोमेसरा सरपंच प्रतिनिधि, जसराज धतरवाल, मौखाब सरपंच प्रहलादराम जाणी, हिराराम हुड्डा, मानाराम भाम्भू, राणाराम सुथार, राऊराम बेनीवाल, मेघसिंह राठौड़, रामसिंह राठौड़, गंगाराम थाकण, तगाराम भादू व आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का उमड़ा शैलाब।
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