Monday 1 August 2022

लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए पुख्ता इंतजामःजैन

लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए पुख्ता इंतजामःजैन
-प्रभावित इलाकांे मंे पशुआंे के उपचार मंे जुटे हुए है चिकित्सा दल।
बाड़मेर। मवेशियांे को लम्पी स्किन डिजीज से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। प्रभावित इलाकांे मंे चिकित्सा दल भिजवाने के साथ दवाइयांे की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पशुपालन विभाग के कार्मिकांे को लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है।
राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर समेत अन्य जिलांे मंे मवेशियांे मंे फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं मवेशियांे के उपचार को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। इसकी रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियांे को विशेष तौर पर निर्देश जारी किए गए है। प्रभावित इलाकांे मंे चिकित्सा दलांे को भेजने के साथ आवश्यक दवाइयांे की व्यवस्था करवाई गई है। उन्हांेने बताया कि बाड़मेर जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। प्रत्येक प्रभावित जिले को आपातकालीन जरूरी दवाएं खरीदने के लिए एक-एक लाख रुपए और पॉली क्लीनिक को 50-50 हजार रुपए जारी किए गए हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में औषधियां क्रय करने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया जाएगा। उन्हांेने विधायक निधि से भी दवाइयां क्रय करने के लिए 2.5 लाख रूपए उपलब्ध कराए है। जैन ने बताया कि प्रभावित जिलांे मंे पशुपालन विभाग के कार्मिकांे की कमी होने पर पड़ौसी जिलांे से चिकित्सा दल भिजवाने के निर्देशित किया गया है। उन्हांेने बताया कि जोधपुर संभाग मंे इस बीमारी का प्रकोप है। इससे कमजोर एवं कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मवेशियांे की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि ज्यादा प्रभावित जिलों में राज्य स्तरीय चिकित्सा दल एवं पड़ोसी जिलों से भी टीमें भेजी जा रही है। बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर से नोडल अधिकारी भेजे जाएंगे। प्रभावित जिलों के जिला कलक्टर्स को पशु चिकित्सकों के साथ बैठक कर बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज का अभी तक कोई टीका नहीं बना है। ऐसे मंे आमतौर पर पशु चिकित्सक बीमारी के लक्षण देखकर उसका उपचार करते हे। जैन ने आमजन एवं पशुपालकांे से अपील की है कि अन्य मवेशियांे को बचाने के लिए संक्रमित पशु को अलग से एक तरफ बांधे। बुखार एवं गांठ वगैरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल पशु चिकित्सकांे से संपर्क करें।
जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षः बाड़मेर जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन प्रातः 7 से रात्रि 8 बजे तक जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष संचालित हो रहा है। इसके प्रभारी अधिकारी डाॅ अतुल हाडा 9828425530 को बनाया गया है। नियंत्रण कक्ष मंे प्रातः 7 से दोपहर 2 बजे तक डा. अतुल हाडा एवं दोपहर 2 से रात्रि 8 बजे तक डाॅ धर्मपाल से 9588077414 पर मवेशियांे के उपचार संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है।
क्या है लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण: बुखार आने के साथ पशुआंे की आंखों एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, पूरे शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना. दूध उत्पादन में कमी आना और भोजन करने में दिक्कत होना, इस बीमारी के लक्षण हैं। इस रोग से पशुआंे के शरीर पर गांठें बन जाती हैं। यह वायरस स्किन को अधिक प्रभावित करता है। यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं एवं ततैयों से फैलता है। यह आमतौर पर संक्रमित पशुओं के सीधे संपर्क में आने, दूषित भोजन एवं पानी के माध्यम से फैलता है।

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