Tuesday 23 August 2022

ओबीसी के जंगल में आग लगी हो, हम सरकार के नाम का घूंघट ओढ़कर नहीं बैठ सकते- हरीश चौधरी

ओबीसी के जंगल में आग लगी हो, हम सरकार के नाम का घूंघट ओढ़कर नहीं बैठ सकते- हरीश चौधरी
दिव्य पंचायत न्यूज़ नेटवर्क
श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर पंजाब कांग्रेस प्रभारी व बायतु विधायक हरीश चौधरी के नेतृत्व में हजारों लोग जुटे। कांग्रेस नेता हरीश चौधरी और राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम के आह्वान पर महापड़ाव में शामिल होने के लिए बाड़मेर, जोधपुर और नागौर से लेकर पूरे राजस्थान के अलग अलग हिस्सों से हजारों लोग पहुंचे। हरीश चौधरी पिछले कुछ समय से अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में विसंगतियों को लेकर आवाज उठा रहे है। 
ओबीसी आरक्षण में विसंगति को लेकर आयोजित महापड़ाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग को संविधान द्वारा दिए गए 21 प्रतिशत आरक्षण का भी लाभ एक्स सर्विसमैन और पूर्व सैनिक को होरिज़ेंटल आरक्षण और गलत रोस्टर की वजह से नहीं मिल पा रहा है। हरीश चौधरी ने प्रदेश के युवाओं से इस लड़ाई में साथ देने का आह्वान किया। 

हम चिड़िया की भांति आग बुझाएंगे- हरीश चौधरी।
पूर्व मंत्री चौधरी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार हमारी है, लेकिन हमारी सरकार होने के बावजूद न्याय का लोकतांत्रिक माध्यम यही है कि हम इन लोगों के साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के जंगल में आग लगी हैं और हम सरकार के नाम पर घूंघट ओढ़ कर बैठ जाएं या फिर चिड़िया के भांति उस आग को बुझाएं।

महापड़ाव में आए लोगों को संबोधित करते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि मुझे भले ही सबसे अंतिम कतार में बैठना पड़े लेकिन मैं मीडिया के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि आप उन लोगों से सवाल कीजिए कि अगर हम लोगों का ये हक और अधिकार नहीं है तो हमें मना कर दीजिए। हम ओबीसी के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
हरीश चौधरी के अलावा राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रदेश के युवाओं को मिल नहीं रहा है। उन्होंने 2018 में वर्टिकल आरक्षण को होरिज़ेंटल करने और रोस्टर को सही ढंग से लागू नहीं करने का आरोप सरकार पर लगाया। महापड़ाव के बाद हजारों की संख्या में छात्रों के साथ रैली करते हुए दोनों नेताओं ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और ओबीसी आरक्षण में विसंगति दूर करने की मांग की। महापड़ाव के बाद यहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विसंगतियां दूर करने की मांग भी की गई। इस दौरान प्रदेश पीसीसी सचिव डॉ.राजेंद्र मूँड, बाड़मेर जिला प्रमुख मेहन्द्र चौधरी, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह गोदारा, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कड़वासरा, पूर्व विधायक गंगाजल मील, हनुमान मील, बन्नाराम डूडी, बलराम कूकड़वाल, पृथ्वीराज जाख़ड़, अमित कड़वासरा, सहित क्षेत्र के हजारों लोगों ने भाग लिया ।

यह है मुख्य मांगे- 
1.कार्मिक विभाग का दिनांक 17-04-2018 का परिपत्र रद्द हो
2.17-04-2018के सर्कुलर से अब तक हुए नुकसान का छाया पद सृर्जित कर भरपाई की जाए
3.प्रक्रियाधीन भर्तियों का परिणाम,डी.वी. व नियुक्तियों पर रोक
4.रोस्टर प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करना
5.ओबीसी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए
6.जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए
OBC आरक्षण मे ऐसे हो रही है सेंध - 
 17 अगस्त 2018 कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार ने राजस्थान सिविल सेवायें(भूत पूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के द्वारा राजकीय सेवाओं  में भूत पूर्व सैनिकों  को कुल रिक्तियाँ का 12.5% आरक्षण दिया हुआ है। इन नियमों में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना दिनांक  17/4/2018 द्वारा संशोधन कर भूत पूर्व सैनिकों के आरक्षण को क्षैतिज आधार पर चयनित अभ्यथी की संबंधित श्रेणी की रिक्तियाँ में समायोज्य करने का प्रावधान कर दिया गया। चूकी राजस्थान में भूत पूर्व सैनिक अधिकांशतः पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग से ही होते हैं।लिहाज़ा, महिलाओं, विशिष्ट  योग्यजन और उत्कृष्ट खिलाड़ियों एवम् भूत पूर्व सैनिकों के क्षैतिज आरक्षण के पश्चात पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के सामान्य अभ्यार्थियों के लिए कोई भी रिक्ति सामान्यतः उपलब्ध नहीं रहती है जिसे निम्न उदाहरण से समझा जा सकता है:-
माना की किसी सेवा में सीधी भती के लिए  100 रिक्तियाँ विज्ञापित हुई है। इसमें पिछड़ा वर्ग के लिए 21 होगी इसमें से 6 पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे।विशिष्ट योग्यजन उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आरक्षित 7 पद में से यदि तीन अभ्यथी भी पिछड़ा वर्ग के चयनित हुए और 12 पदों पर भूतपूर्व सैनिक  चयनित हुए तो शेष पद शून्य रह जाते हैं। नतीजन,पिछड़ा वर्ग का एक भी सामान्य अभ्यर्थी आरक्षित 21% पद विरुद्ध चयनित नही होगा।जिससे Obc वर्ग के छात्रों को रोज़गार से वंचित कर दिया गया।

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