Tuesday 11 October 2022

एक तरफ छीटाकशी की राजनीति, दूसरी तरफ शहर की दुर्दशा, कौन लेगा सुध

दिव्य पंचायत न्यूज़ नेटवर्क
बालोतरा। शहर के राजनेताओं की जुबानी जंग तो लगातार जारी है पर एक भी राजनेता या पार्टी शहर विकास की कोई बात नही कर रहा है सिर्फ बजरी को लेकर व अवैध खनन पर जुबानी जंग की लड़ाई लड़ रहे है, इधर शहर विकास को लेकर खून के आँसू रो रहा है। इसका जवाब जनता आने वाले चुनाव में जमकर देगी, क्योकि जनता अब इन राजनेताओं को जान गई है, कि ये राजनेता बगुले की तरह सफेद और चमचमाती गाड़ियों में कैसे घूमते है, ये राजनीति भी एक बड़ी दुकान है जो 5 साल के लिए लाखो खर्च कर खोली जाती है और करोड़ो अरबो की वसूली के साथ बन्द हो जाती है, इस शहर को ना जाने किसकी नजर लग गई जो शहर की ये बदहाल स्थिति हो गई है, यहां जो भी अधिकारी आया उसने ओने पोने दामो में अपनी दुकान लगाते है और लगे हाथ वो भी वसूली में लग जाते है, कोई कहने वाला नही क्योकि दुकान लगाने वाले अधिकारी टेक्स देकर जो आये है, इन बातों का शहर में चर्चा का बाजार गरम है, आखिर शहर की सुध लेने वाले इतने निठल्ले क्यो बन बैठे है, शहर में कार्यालय व अधिकारी लाने से जनता खुश नही होगी शहर में विकास की सबसे बड़ी जरूरत है जो किसी ने भी जहमत उठाने की कोशिश नही की ना ही कोई करने की सोच रहा है।
शहर के नगर परिषद में बोर्ड बनने के बाद मात्र 3 बोर्ड बैठक हुई जिसका नतीजा ढाक के तीन पात रहा, वही अब बोर्ड बैठक बुलाने या शहर हित में कोई फैसला लेना कोई नही चाहता, इस बोर्ड में कई पार्षद तो पट्टा दलाल तो कई ठेकेदार बन गए, तो कोई मासिक भत्ता लेने वाले बन गए, जिससे वो गुलामी की पार्षदगिरी तक सीमित हो चुके है, इधर मुख्यमंत्री के हर आम आदमी को पट्टे देने की मुहिम की आड़ में नगर परिषद अधिकारी अपनी दिवाली करने में लगे है शहर में चार चांद लगे या ना लगे अपनी दिवाली चाँदनी की तरह चमचमाती करने में लगे हुए है। है राम अब तुम ही रखवाले हो।

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