Sunday 10 December 2023

सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र और हिंदू संस्कृति: जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती संस्कारों व संस्कृति के प्रभाव से सनातन टिका हुआ- जगतगुरु शंकराचार्य

सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र और हिंदू संस्कृति: जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती संस्कारों व संस्कृति के प्रभाव से सनातन टिका हुआ- जगतगुरु शंकराचार्य
बालोतरा। भारत की प्रतिभाएं आज विश्व का संचालन कर रही है। हमारी प्रतिभाओं की बदौलत आज विश्व के देश आगे बढ़ रहे है। आज हमे विश्व पटल पर मानवता की बात करनी है। क्योंकि चीन व अमेरिका अशांति का पाठ पढ़ा रहे है। भारत वो देश है जो अपने आध्यात्म के बूते दुनिया में आतंकवाद को मिटाने के लिए प्रयासरत है। ये बात जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज सुमेरूपीठ (काशी) ने जसोलधाम में आयोजित किए गए आर्शीवचन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र और हिंदू संस्कृति है। भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। आज हम ही क्या, सारी दुनिया कह रही है कि भारत होने वाली महाशक्ति है। सनातन धर्म – वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, महाभारत और भगवदगीता जैसे धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से जीवन को उचित एवं सही तरीके से जीने का मार्ग प्रशस्त करता है। सनातन धर्म हमारी जीवन शैली है या दूसरे शब्दों में कहें तो सनातन धर्म हमें जीने का सही मार्ग दिखाता है – वह मार्ग जो कि सनातन या हिन्दू दर्शन तथा ज्ञान, जो कि हजारों वर्षों में विकसित हुआ है, उस पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हमें नफरत के जहर को रोकना पड़ेगा है। आजादी हमारे असंख्य बहादुर जवानों की शहादत व सामाजिक समरसता से मिली है। पिछले कुछ वर्षों में देश में बदलाव हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। अब हमें हिन्दूत्व कब सुरक्षित रहेगा, बहन बेटियां व हमारी माताएं कब सुरक्षित होगी, धर्मांतरण कब खत्म होगा, मंदिरों का सरकारी करण कब खत्म होगा इन सभी बातों कर चिंतन मनन कर कार्य करने की महत्ती आवश्यकता है। हिन्दू समाज की एकता में ऊर्जा और शक्ति आएगी तो समरसता का भाव जागृत होगा। हमें अपने प्राचीनतम इतिहास को पढऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संस्कारों व संस्कृति के प्रभाव से सनातन टिका हुआ है। भारत दुनिया में एकता और समरसता का पाठ अपनी वैदिक संस्कृति से पढ़ा रहा है, ठीक उसके विपरीत हमें पीड़ा होती है कि आज हम भौतिकवाद के चिंतन में डूबे हुए है। टेलीविजन पर मर्यादा को तार-तार किया जा रहा है। सनातन धर्म के पतन करने के प्रयास किए जा रहे है। और समाज इस ओर आगे बढ़ रहा है। हम संस्कारो को खोकर चरित्र विहीन हो रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में स्वर्ण व दलितों के मध्यम राजनेताओं ने खाई को खड़ा किया है। भाई-भाई के बीच मे लड़ाई है। जाति व धर्म के नाम पर बांटने का काम किया जा रहा है। हमें अपनी नई पीढ़ी को सनातन के मान बिंदुओं के प्रति जोडऩा है। दुनिया भारत की ओर देख रही है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज दुनिया भारत के पीछे है। जब व्यक्ति का मार्ग ही बदल जाता है तो वो धीरे धीरे पतन की ओर आगे बढ़ता है। कोई राष्ट्र सरकार के नही होने से मिटता है। सनातन धर्म कमजोर होगा तो भारत कमजोर होगा। आज हमें सनातन धर्म को मजबूत करना है। हमारा जन्म और जीवन श्रृष्टि के संचालन के लिए हुआ है। केवल परिवार चलाने के लिए नही हुआ। कार्यक्रम के अंत मे उन्होंने कहा कि हम दुनिया की पहचान करने में जुटे है हमे स्वयं को खोजना तथा अपनी पहचान करनी है। श्रद्धा से मनुष्य किसी को भी जीत सकता है। श्रद्धा हर सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। सनातन धर्म में इन तत्वों का अध्ययन किया जाता है। इसीलिए सनातन धर्म संसार का सर्वश्रेष्ठ धर्म है। इसी श्रद्धा के कारण गुरु प्राप्त हो जाता है, जो अपने शिष्य को अध्यात्म का पाठ पढ़ाकर उसे महान बना देता है। भक्त और भगवान का संबंध आध्यात्मिक धरातल पर होता है।
सनातन के कार्यो में रावल किशनसिंह के साथ जुडऩे का आह्वान तीन दिवसीय मारवाड़ धार्मिक यात्रा पर पधारे जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल पिछले कुछ वर्षों में मारवाड़ व मालाणी क्षेत्र में धार्मिक संस्थानों के माध्यम से सनातन व सामाजिक समरसता के कार्यों के माध्यम से सनातन धर्म उत्थान के कार्य कर रहे है। मालाणी क्षेत्र के सभी प्रबुद्धजनों से आह्वान करता हूं की आप सभी रावल साहब के साथ जुड़ सनातन संस्कृति व समरसता के कार्यो को ओर गति व बल दे। 22 जनवरी का दिन बनेगा ऐतिहासिक जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि करोड़ो लोगो की आस्था का प्रखर बिंदु भगवान राम की अयोध्या में 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होगा। उस दिन रामलला विराजमान हो रहे है। कई पीढिय़ों ने बलिदान दिया है। और आज हम सौभाग्यशाली है कि हम अपने प्रभु को उसमे विराजित होते देखेंगे। ये उन अच्छे कर्मों का परिणाम है, जिसका लाभ हमें अपने जीवनकाल में पूरा करने का अवसर मिल रहा है। बालोतरा जिले का सनातन परंपरा से हुआ उद्घाटन श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने कहा कि जगतगुरु का बालोतरा पधारना हुआ है। हाल ही में बालोतरा नया जिला बना है। आपके आगमन से इस जिले का सनातन परंपरा से उद्घाटन हुआ है। आपके द्वारा हिंदुत्व व हिन्दुराष्ट्र की घोषणा का मार्ग प्रशस्त किया गया। निश्चित ही हम आपकी परंपराओं व मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहे है। आप श्री के द्वारा संस्कृति व सनातन का जो मार्गदर्शन किया गया वो हम सब को जीवन की प्रेरणा देता है। ये रहे मौजूद आशीर्वचन कार्यक्रम में बृजभूषण महाराज काशी, कथावाचक प्रमोद शास्त्री महाराज, संस्थान समिति सदस्य कुं. हरिश्चंद्रसिंह जसोल, गुलाबसिंह डंडाली, सुरजभानसिंह दाखा, सीईटीपी बालोतरा अध्यक्ष रूपचंद सालेचा, लघुउद्योग मंडल अध्यक्ष जसवंत गोगड़, सुरंगीलाल सालेचा, देवाराम माली, नारायण पालीवाल, अशोक प्रजापत, जेतमालसिंह राठौड़, सिद्दार्थ माहेश्वरी, नरेंद्र गोलेच्छा, राजेंद्र प्रजापत, जोगसिंह, उत्तमसिंह असाड़ा, जितेंद्रसिंह, जगदीशसिंह डंडाली, ओमप्रकाश जाट दुदुवा सहित सैकड़ों सनातन धर्मप्रेमीगण मौजूद रहे।

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