Sunday 14 May 2017

  • बाड़मेर के कारगिल शहीद भीखाराम की 18 वीं पुण्य तिथि

 देश सेवा का जज्बा ही कुछ ऐसा होता है कि कुछ लोग इसके लिए हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर कर देते हैं। क्षेत्र के पतासर के शहीद भीखाराम चौधरी की कुर्बानी इसी बात का अहसास करवाती है। हंसने-खेलने की उम्र में ही उसने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। पचपदरा तहसील के गांव पतासर में वर्ष 1977 के मई माह में राईदेवी की कोख से भीखाराम ने जन्म लिया। 15 मई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हो गये।
शहीद के पिता चैनाराम पुलिस सेवा में कार्यरत थे। भीखाराम ने जोधपुर में पढ़ाई की। बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद 29 अप्रेल 1995 को भारतीय सेना की जाट रेजीमेण्ट में सिपाही के रूप में भर्ती हुए तब उसकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी। इससे दो वर्ष पूर्व उसका विवाह तहसील पचपदरा के गांव साथूणी निवासी बुधाराम की पुत्री भंवरीदेवी के साथ हुआ। 3 नवम्बर 1998 को वह अवकाश पर अपने गांव पतासर आया आए थे, लेकिन छुट्टी पूरी होने पर लौटने के समय भीखाराम या परिवारजन ने सपने भी नहीं सोचा था कि वह लौटकर नहीं आएगा। परिवारजन ने हंसी-खुशी उसे विदा किया।
  • अमानवीय यातनाएं दी गई, फिर भी मुंह नही खोला
शहीद भीखाराम के भतीज गिरधारीराम मूंढ  के अनुसार मई 1999 में  उनके चाचा शहीद भीखाराम कारगिल हील की बजरंग चैकपोस्ट पर तैनाथ थे, युद्ध के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया के नेतृत्व में अपने साथियों के साथ भीखाराम, अर्जुन राम,भंवर लाल, मूला राम व नरेश सिंह गश्त पर गए थे। उसी समय पाकिस्तान के घुसपैठियों ने उनके गश्ती समूह पर हमला कर दिया। भारतीय सैनिकों ने पाक हमले का जमकर मुकाबला किया लेकिन 14 मई 1999 को 6 भारतीय सैनिकों को पाकिस्तान के गुप्तचर विभाग ने पकड़ लिया। इन सैनिकों पर भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लगाया गया। इन सैनिकों में भीखाराम मूंढ भी थे। पाकिस्तानी सेना द्वारा इन सैनिकों के साथ बड़ा ही अमानवीय तथा बर्बरतापूर्वक व्यवहार किया गया। पाक सैनिकों ने नृशंसतापूर्वक शरीर के साथ बर्बता की। इसके बाद उन्होंने इस सभी को कठोर एवं पाशविक यातनाएं दी। इन सबके बावजूद जब वे कुछ भी हासिल कर पाने में नाकाम रहे तो उन्होंने सभी की हत्या कर दी। उन्होने बताया कि शहीद का शव 29 दिनों बाद 12 जून को परिजनों को सौंपा गया था। जब शहीद का शव गांव पतासर पहुंचा तो उसे कंधा देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्री हरेन्द्र मिर्घा, जिला प्रमुख मदन
कौर, सहित गणमान्य लोग पहुंचे थे।

संकलन

कारगील शहीद भीखाराम

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