Sunday 10 September 2017

ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना, बजट के अभाव में अटकी पहली किश्त की राशि

ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना

बजट के अभाव में अटकी पहली किश्त की राशि

2655 आवेदन, सिर्फ 328 को ही हुआ पहली किश्त का भुगतान 

गिड़ा। प्रदेश में ऊंटो की घटती संख्या लेकर चिंतिंत राज्य सरकार ने पशुपालकों को प्रोत्साहन करने को लेकर ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना शुरू की गई। गत वर्ष 2 अक्टूबर 2016 से प्रारंभ की गई योजना में बाड़मेर जिले में अब तक 26 सौं से अधिक प्रस्ताव आ चुके है, लेकिन सिर्फ 328 ऊंट पालकों को ही पहली किश्त का भुगतान किया गया हैं। बजट के अभाव में योजना का के्रेज ऊंट पालकों में नही रहा हैं। वहीं विभाग ने प्राप्त सभी आवेदनों में सभी ऊंटो का टैग लगाने का काम पूरा कर दिया हैं, लेकिन भुगतान राशि नही मिलने से ऊंट पालक निराश हैं। सभी आवेदनों की पहली किश्त के लिए करीबन 69 लाख 81 हजार रूपये की राशि की जरूरत हैं, जबकि योजना शुरु हुए एक साल होने वाला हैं।

क्या हैं योजना

राज्य सरकार ने ऊष्ट्र प्रजनन प्रोत्साहन योजना शुरु करते हुए ऊंट पालकों को 10 हजार रूपये की राशि तीन किश्तों में दी जानी है। इसके लिए ऊंटनी के प्रजनन के बाद टोडिये की आयु 1 माह होने पर 3 हजार की पहली किश्त, टोडिये की उम्र 9 माह होने पर दूसरी किश्त की राशि 3 हजार तथा 18 माह की आयु पूर्ण होने पर 4 हजार रूपये की राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया हैं। प्रोत्साहन राशि ऊंट पालक के सीधे ही बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत ऊंट का बीमा भी किया जा रहा हैं। 

बाड़मेर जिले में आए 2655 आवेदन

पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में अब तक 2655 आवेदन आये हैं इन सभी आवेदनों की टैंगिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं। इनमें से 328 पशुपालकों को पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका हैं। विभाग के पास अभी तक 2327 ऊंट पालकों को पहली किश्त के भुगतान इंतजार हैं। टोडियों की उम्र के हिसाब से पहली किश्त का भुगतान टोडिये की उम्र 1 माह निर्धारित हैं, अब तक अधिकांश टोडियों की उम्र 9 माह से अधिक हो चुकी हैं उनको दूसरी किश्त दी जानी हैं, लेकिन पहली किश्त के भी लाले पड़ रहे हैं।

ऊंट के मुह में जीरा साबित हो रही हैं राशि

ऊंट पालकों को पहली किश्त की राशि बांटने के लिए 69 लाख 81 हजार रूपये की दरकरार हैं, जिनमें से सिर्फ 26 लाख की राशि अभी विभाग के पास आई हैं, जो महज ऊंट में मुह में जीरे के समान हैं, बताया जा रहा हैं कि ऊंट पालकों को दूसरी किश्त जमा करवाने का समय भी नजदीक आ चुका हैं, लेकिन पहली किश्त भी अभी दूर ही हैं। 

इनका कहना हैं

328 को पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका हैं, अभी 26 लाख का बजट आया हैं इसको प्राथमिकता के साथ  ऊंट पालकों के खाते में हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
डॉ. युग भूषण वधवा
संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बाड़मेर

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