Wednesday 13 September 2017

स्वाइनफ्लू की दवा व जांच सुविधा में कोई कमी नहीं -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

स्वाइनफ्लू की दवा व जांच सुविधा में कोई कमी नहीं -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री 
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  कालीचरण सराफ ने स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वाइनफ्लू की पर्याप्त जांच सुविधा के साथ ही दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने एसएमएस हास्पिटल में स्वाइनफ्लू के लिए अलग से काउंटर स्थापित करने एवं बच्चों के उपचार के लिए सीरप की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
 सराफ बुधवार को मध्यान्ह राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में स्वाइनफ्लू की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां व जांच के लिए आवश्यक सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके साथ ही स्वाइनफ्लू रोगियों के संपर्क में आने वाले चिकित्सा कर्मियों को लगाने के लिए वेक्सीन की भी समुचित व्यवस्था है।
दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध 
सराफ ने प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में स्वाइनफ्लू की दवा की उपलब्धता की विस्तार से समीक्षा की। उन्हाेंने दवा विक्रेताओं के पास भी पर्याप्त मात्रा में स्वाइनफ्लू दवा की नियमित आपूर्ति पर नजर रखने के निर्देश दिए। ड्रग कंट्रोलर श्री अजय फाटक ने बताया कि दवा विक्रेता के पास स्वाइनफ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में भी स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई है। चिकित्सा शिक्षा सचिव  आनंद कुमार ने बताया कि वे स्वयं प्रतिदिन स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के एम.डी. श्री महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि कॉरपोरेशन के पास इस समय स्वाइनफ्लू के उपचार के लिए आवश्यक दवा ऑसेल्टामिविर कैप्सूल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस समय 75 एमजी के 5 लाख एवं बच्चों के लिए 30 एमजी के 4 लाख ऑसेल्टामिविर कैप्सूल उपलब्ध है साथ ही बच्चों के उपचार के लिए 15 हजार सीरप भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जे.के.लोन में बच्चों के उपचार के लिए सीरप भी पर्याप्त मात्र में उपलब्ध करवा दिया गया है। वरिष्ठ चिकित्सकाें ने बताया कि बच्चों के स्वाइन फ्लू उपचार के लिए सीरप नहीं होने की स्थिति में कैप्सूल को घोलकर पिलाया जा सकता है।
मिशिगन वायरस से डरने की जरूरत नहीं 
चिकित्सा मंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार विमर्श के बाद बताया कि स्वाइनफ्लू का वायरस हर दो तीन वर्ष बाद अपना स्ट्रेन बदलता है उन्हाेंने कहा कि स्वाइनफ्लू के मिशिगन वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि लक्षण प्रतीत होते ही उपचार कि जरूरत है।
एसएमएस के प्रोफेसर डॉ. सी.एल. नवल ने बताया कि स्वाइन फ्लू का केलिफोर्निया स्ट्रेन की तुलना में इस वर्ष मिशिगन वायरस चिन्हि्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वायरस के लिये वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है एवं प्रभावी भी है। उन्हाेंने स्पष्ट किया कि स्वाइनफ्लू के मिशिगन वायरस के उपचार में भी वही दवा कारगर है, जो कैलिफोर्निया स्ट्रेन में कारगर थी।
समीक्षा बैठक में निदेशक जन-स्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर, एसएमएस के प्रिसिपल डॉ. यू.एस. अग्रवाल व अधीक्षक डॉ.डी.एस.मीणा. जेकेलोन अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे। 

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