Friday 29 December 2017

विधानसभा क्षेत्रवार जनसंवाद करने वाली पहली मुख्यमंत्री

इसलिए बदली-बदली नज़र आ रही हैं वसुंधरा राजे..




वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली वर्तमान राजस्थान सरकार ने अपने कार्यकाल के सफलतापूर्वक 4 साल पूरे कर लिए हैं। राजे सरकार 2013 के विधानसभा चुनावों में राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से रिकॉर्डतोड़ 163 जीतकर सत्ता में आई थी। वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा ने प्रचंड जीत के साथ यह साबित कर दिया था कि राजस्थान में उनका ही वर्चस्व है।
सुराज के चार साल पूर्ण करने वाली वसुंधरा राजे सरकार ने प्रदेश की सभी 36 कौमों को ध्यान में रखकर विकास किए हैं। राजे की दूरदर्शी सोच के कारण ही प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाया जा रहा है। राजे सरकार ने चार साल में कई ऐसी योजनाएं चलाईं हैं जिनकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। पिछले चार साल में राजे ने प्रदेश विकास को लेकर काफी मेहनत की है।2018
आइये जानते हैं सीएम वसुंधरा राजे में क्या बदलाव नज़र आ रहे हैं.

विधानसभा क्षेत्रवार जनसंवाद करने वाली पहली मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सुराज संकल्प यात्रा के साथ 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बुरी तरह हराया था। सुराज संकल्प के दौरान सीएम राजे द्वारा ​की गई सभी घोषणाओं पर राजे सरकार ने जमकर काम किया है। जिस तरह प्रदेश की जनता ने उन पर विश्वास कर रिकॉर्ड बहुमत से जिताया उसी तरह राजे भी प्रदेश के आखिरी व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद जनसंवाद कार्यक्रम के तहत एक एक करके राजस्थान के सभी विधानसभा क्षेत्रों मेें आमजन की समस्याओं को की सुनवाई कर रही है। साथ ही लोगों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करवा रही है। सीएम राजे देशभर की एकमात्र सीएम है जो इस तरह विधानसभा क्षेत्रवार जाकर आमजन की समस्याएं सुनकर उनका अतिशीघ्र समाधान करवा रही है। जनसंवाद कार्यक्रम के तहत प्रदेश के आमजन की उचित मांगों के लिए राजे मौके पर ही निर्देश देती है। और उन समस्याओं या मांगों का बहुत ही जल्दी समाधान करवा दिया जाता है।



 36 कौमों को साथ लेकर विकास की राह पर आगे बढ़ रही हैं वसुंधरा राजे

राजस्थान में जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब से प्रदेश सभी क्षेत्रों में बड़ी तेजी के साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। राजे सरकार सभी वर्गों के साथ सामांजस्य बनाने में सफल रही है। सुराज के चार साल के दौरान राजे ने विभिन्न समाजों की कई अहम मुद्दों पर नाराजगी को विश्वास जीतते हुए दूर किया है। चाहे वह गुर्जर आरक्षण आंदोलन हो या किसान आंदोलन या पद्मावती विरोध आंदोलन या गौतस्करी के आरोपों में मारे गए समुदाय विशेष के लोगों का मामला हो या अन्य कोई मामलें। सीएम राजे के नेतृत्व वाली सरकार ने जनहित में फैसले किए हैं।

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