शिक्षा विभाग की उदासीनता
छः वर्षो से ताले में कैद है सरकारी विद्यालय
सैकड़ों बच्चे हो रहे है षिक्षा से महरूम
20 एसलएडी माल मगरा की स्कूल वर्षो से पड़ी है बंद, कोई नहीं दे रहा है ध्यान
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ताले में कैद राजकीय प्राथमिक विद्यालय मालमगरा। |
तेजपाला। जहां एक ओर राज्य सरकार षिक्षा के क्षेत्र में तरह-तरह के नवाचार लाकर षिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। वहीं दूसरी ओर षिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते नहरी क्षेत्र के सैकड़ों बच्चे षिक्षा से महरूम हो रहे है। पिछले छः वर्षो से यह स्कूल ताले में कैद है परंतु विभाग के अधिकारी आंखे मूंद कर बच्चों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे है। क्षेत्र के किसानों ने समय-समय पर प्रषासन से विद्यालय शुरू करवाने गुहार लगाई परंतु मातहतों ने इस ओर ध्यान देना शायद उचित नहीं समझा। अफसरों की लापरवाही के चलते आज के आधुनिक युग में भी बच्चों को षिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। लापरवाही का आलम यह रहा कि स्थानीय स्तर के जवाबदारों ने भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
मामला है ग्राम पंचायत तेजपाला के नहरी क्षेत्र की 20 एसएलडी माल मगरा का। जहां एक विद्यालय का वर्ष 1999 से राजीव गांधी पाठषाला के रूप में कागजों में संचालन होता रहा। जानकारी के अनुसार वर्ष 2007-08 से इस पाठषाला का राजकीय प्राथमिक विद्यालय के रूप में संचालन शुरू किया। दो-तीन वर्ष तक राजकीय प्राथमिक विधालय के संचालन के पष्चात षिक्षा विभाग के मातहतों ने अपनी मनमर्जी से शून्य नामांकन बताकर इस विद्यालय को बंद कर दिया। जबकि मालमगरा क्षेत्र के आस-पास मुख्य एसएलडी नहर के विभिन्न शाखाएं, एमएम माईनर, जीवराज माईनर सहित 20 किलोमीटर क्षेत्र में सैकड़ों किसान निवास करते है जिनके बच्चे स्कूल बंद होने की वजह से आज षिक्षा से वंचित हो रहे है। विभाग की लापरवाही को लेकर किसानों ने भी स्कूल शुरू करने की आवाज उठाई परंतु प्रषासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
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