शहर की सबसे बडी स्कूल की छत क्षतिग्रस्त, खुले मैदान मंे परीक्षा दे रहे हैं छात्र
आस-पास क्षेत्रांे से पहुंच रहे हैं हजारों छात्र
इस विद्यालय मंे पढने के लिए बालोतरा, कुम्पलिया, पाटोदी, बिठूजा, दूदवा, पचपदरा कोडूका, सांकरणा, जसोल सहित दूर-दराज क्षेत्र से हजारों छात्र पढने के लिए यहां आते हैं, लेकिन उनके सामने ऐसी शिक्षण व्यवस्था होने से उनकी न तो सही ढंग से क्लासे लग पाती हैं, न ही पढाई का माहौल तैयार हो रहा हैं।छत का प्लास्तर गिरा, सरीये दिखने लगे
स्कूल भवन की अधिकांश छत की आरसीसी से प्लास्तर गिर गया हैं तथा कहीं पर गिर रहा हैं, प्लास्तर गिरने से छत के सरीये दिखने लग गये हैं।
कक्षाएं भी लगती हैं मैदान में
विद्यालय भवन की छत क्षतिग्रस्त होने से शिक्षक कक्षाएं कक्षा कक्ष मंे लगाने के बजाय बाहर खुले मैदान और पेडो के नीचे लगाते हैं।भवनों पर लटका रहता हैं ताला
प्रार्चाय जेतमालसिंह राठौड ने बताया कि भवन की छत क्षतिग्रस्त होने से हमे मजबूरन छात्रों को बाहर खुले मैदान में बिठाना पड रहा हैं, इस संबंध में शिक्षा विभाग को अवगत करवाया जा चुका हैं।समाज सेवी एवं युथ कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष वगताराम जांगू ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि छात्रो के साथ अनहोनी नही होवे तथा सर्दी मे छात्रों को मजबूरन बाहर नही बैठना पडे।
No comments:
Post a Comment