20 सालों से सडक़ों पर घूमने पर मजबूर मानसिक रोगी
खोखसर के अचलाराम की आर्थिक स्थिति खराब कौन करवाये ईलाज
गिडा। क्षेत्र के खोखसर गांव में पिछले 20 सालों से एक मानसिक रोगी ईलाज के अभाव में सडक़ों पर घूम रहा हैं। परिवार की माली हालात ठीक नही होने से ईजाल करवाने की स्थिति में नही हैं, जिसके चलते 40 वर्षीय अचलाराम गांव की गलियों में घूम कर अपने दिन काट रहा हैं। जानकारी के अनुसार खोखसर की बागथल गांव के अचलाराम कड़वासरा की मानसिक स्थिति ठीक नही होने से दिमाग अपसेट रहता हैं जिससे वो दिन भर इधर-उधर घूमता रहा हैं, गरीब परिवार से अचलाराम के पिता का 10 साल पहले निधन हो गया था, अब अचलाराम के छोटे भाई टिकमाराम के कंधो पर परिवार का भार हैं, वह जैसे-तैसे मजदूरी करके परिवार और भाई का पेट पाल पहा हैं। टिकमाराम बीपीएल चयनित हैं, लेकिन उसके पास इतना पैसा नही हैं कि वह मानसिक रोगी अपने बड़े भाई का ईजाल करवा कर मुख्यधारा मे ला सके।
भामाशाहों के सहयोग से ठीक हो गया था रईसखान
कंकोलगढ़ क्षेत्र के रईस खा की मानसिक स्थिति ठीक नही होने से भामाशाहों और संस्थाओं के सहयोग से ईलाज करवाया गया वो अब सही तरीके से जीवन यापन कर रहा हैं। उसी तरह से अब अचलाराम के ईलाज के लिए भामाशाह आगे आए तो ईलाज हो सकता हैं तथा अपनी मुख्यधारा की जिंदगी जी सकता हैं।
नही मिल रही हैं पैंशन
पीडि़त के भाई टिकमाराम ने बताया कि सरकार की ओर से अचलाराम को मानसिक रोगी का प्रमाण पत्र जारी कर रखा हैं, लेकिन इसे न तो पैंशन मिल रही है, न ही कोई अन्य सहायता प्राप्त हो रही हैं। सरकारी स्तर पर मदद नही मिलने से इसका ईलाज करवाना हमारे लिए संभव नही हैं। ग्रामीण दिनेखां खोखसर ने बताया कि अचलाराम को 10 वर्षों तक घर में बांधे रखा बाद में खुला छोड़ा अब खोखसर गांव में दुकानों पर घूमता हैं तथा बिस्कुट, नमीकन खाकर दिन निकाल रहा हैं।
इनका कहना हैं
1996 में मेरे साथ तीन साल तक असलाराम ने गुजरात मे लैबर के रूप मे काम किया था तब कोई दिक्कत नही थी हिन्दी में बाते करता था, उसके बाद से अचानक से मानसिक रोग से पीडि़त हो गया।
मोटाराम हुडा, खोखसर पश्चिम ग्रामीण
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