Wednesday, 17 January 2018

बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने माना, प्रधानमंत्री के भाषण में हुई बड़ी चूक ब्यूरोके्रट्स ने बनाया भाषण जिससे प्रधानमंत्री नही ले पाये सभी लोक देवताओं के नाम

बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने माना, प्रधानमंत्री के भाषण में हुई बड़ी चूक
ब्यूरोके्रट्स ने बनाया भाषण जिससे प्रधानमंत्री नही ले पाये सभी लोक देवताओं के नाम



दिव्य पंचायत न्यूज नेटवर्क
बालोतरा। रिफाइनरी कार्यशुभारंभ समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के सभी स्थानीय लोक देवताओं के नाम नही लेने को लेकर सोश्यल मीडिया पर छिडी बहस पर बायतू विधायक ने अपने फेसबुक पेज पर बयान जारी कर कहा हैं कि सभी देवताओं के नाम नही लेने को लेकर प्रधानमंत्री के भाषण में बडी चूक हुई हैं। विधायक ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा हैं कि प्रधानमंत्री का भाषण और स्थानीय लोक देवताओं सहित परिस्थितियों के संदर्भ में ब्यूरोके्रट्स की कमेटी बनी होती हैं जो यह तय करती हैं प्रधानमंत्री को क्या बोलना हैं क्या नही इसमें बड़ी चूक हुई हैं।

विधायक ने अपने फेसबुक पेज पर बयान जारी किया वो इस प्रकार हैं

कल आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा रिफाइनरी कार्य का शुभारम्भ किया गया। जो रिफाइनरी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राजनीति का शिकार बन मात्र सत्ता प्राप्ति हेतु आनन-फानन में शिलान्यास की भेंट चढी, उस रिफाइनरी पर हुए जनहित में फैसले नए MOU के रूप में जिले सहित देशभर को विकास की सौगात देंगे।
कल समारोह में पधारे लाखों समर्थकों को मेरा तहे दिल से साधुवाद। आप लोगों की उपस्थिति ने मेरी ताकत प्रदर्शित की है, मेरा मनोबल बढाया है। मैं भारी मात्रा में उपस्थित जनसैलाब को करबद्ध आभार व्यक्त करता हूं।
राजस्थान रिफाइनरी पब्लिक सेक्टर में देश का पहला इंटिग्रेटेड रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स है, जिसमें अनेक सहायक उद्योगों का भी विकास होगा। यकीनन रिफाइनरी से देशभर के युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को भी प्रगति मिलेगी।
रिफाइनरी निर्माण संबंधित सभी प्रक्रियाऐं पूर्ण हो चुकी है, और निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। अतिशीघ्र रिफाइनरी निर्माण कार्य पूर्ण होगा, और मुझे विश्वास है कि 2022-23 तक रिफाइनरी का लोकार्पण भी हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री विकास पुरूष श्री नरेन्द्र मोदी जी करेंगे।
आमजन में रिफाइनरी कार्य शुभारम्भ को लेकर बेहद उत्साह है। कल के समारोह में प्रधानमंत्री जी के संबोधन ‘खम्मा घणी’ पर कुछ टिप्पणियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली।
साथियों! ‘खम्मा घणी’ एक अभिवादन सूचक शब्द है, जो प्राचीन समय में प्रजा द्वारा अपने राजा को अभिवादन के रूप में कहा जाता था।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने देश के सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी ‘खम्मा घणी’ शब्द से संबोधित कर आमजन को स्नेह व आदर के साथ नमन कर अपनी महानता का परिचय दिया है। मैं प्रधानमंत्री जी की इस महानता को नमन करता हूं, कि उन्होंने स्थानीय रीति-नीति का सम्मान करते हुए जनता जनार्दन को राजा माना।
हां मैं मानता हूं कि थोड़ी चूक जरूर हुई है। स्थानीय लोक देवताओं में परम श्रद्धेय रामदेवजी, खेमाबाबा, वीर तेजाजी, संत खेताराम जी, मां आशापुरा, पाबूजी सहित लोकदेवताओं के नाम नहीं ले पाए । यह सब ब्यूरोकेट्स द्वारा तय किया जाता है। स्थानीय धार्मिक स्थलों व लोक देवताओं की जानकारी देने के लिए एक कमिटी होती है, जो प्रधानमंत्री जी के वकतव्य हेतु विभिन्न स्थानीय बिन्दुओं को तय करती है, यह चूक उनके द्वारा हुई है।
लेकिन प्रधानमंत्री जी सदैव राष्ट्र के विकास व आमजन के हितों के लिए संकल्पबद्ध है। नि:संदेह राजस्थान व बाड़मेर-जैसलमेर के प्रति उनका प्रेम अप्रतिम है।
मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में व आमजन के सहयोग से क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की रफ्तार बढेगी एवं हम सभी विकास के सहभागी बनेंगे।

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