लापरवाही की हद होती हैहादसे पर हादसे फिर भी कोई सबक नही?
डिस्कॉम अधिकारियों व कर्मियो की लापरवाही आये दिन सामने आने के बाद भी इन ओर किसी जिम्मेदार का डंडा नही पड़ रहा है, विभाग की लापरवाही से न जाने आज दिन तक जाने चली गई, फिर भी किसी ओर की जान को लेने के लिए ये बेताब नजर आते है। बिजली की तारों पर भी जुगाड़ बेशर्मी की हद होती है। टेक्नॉलॉजी के इस युग मे एक खम्भा गिर जाने के बात घण्टो क्या दिन बीत जाने के बाद भी कर्मचारी करंट बहती तारो को घरों की दीवारों से बांध कर सप्लाई जारी रखते है। हद होती है, बारिश का मौसम पता नही कब आंधी आ जाए और ये जुगाड़ से बंधी तारे किसी बड़े हादसे को जन्म देदे।आखिर इस घोर लापरवाही की कोई जिम्मेदारी लेगा, मुझे नही लगता है। यह छोटी बात नही है इस तरह बंधी लाइन में रात भर बिजली चालू रही है, आस पास की कॉलोनी रात भर रोशन होती रही है।
बालोतरा शहर वैसे भी अधिकारियों की बेपरवाही से महशूर है, किसी भी महकमे में जिम्मेदार अधिकारी नही दिखता सब मंत्री जी की मेहरबानी से जेबे भरने में लगे हुए है। बदकिष्मत शहर में लोगो की किस्मत अभी अच्छी है तभी उनकी जागरूकता से जैसे तैसे चल रहा है।
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