-माली समाज बालोतरा के बरसी कार्यक्रम में असरदार रही एसडीएम की पहल।
आंख्या है तो पांख्या है... यानि आंखें सलामत है तो व्यक्ति किसी परिन्दे की तरह परवाज भर सकता है। बहुत सारे लोग हैं, जो रोशनी खो देते हैं या जन्मांध होते हैं। मरणोपरांत नेत्रदान कर किसी नेत्रहीन को दुनियां की हसीनता और खूबसूरती दिखाना कायनात की तमाम खुशियां बख्शीस करने से कतई कम नहीं आंकी जा सकती। नेत्रदान को इसिलिए तो महादान की संज्ञा दी गई है। बालोतरा के युवा उपखण्ड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी ने रविवार को नजीर पेश करते हुए पहले रक्तदान किया और उसके बाद उसी कार्यक्रम में मरणोपरांत नेत्रदान करने की घोषणा करते हुए संकल्प पत्र भरा। एसडीएम के इस एक कदम का नतीजा यह रहा कि प्रेरित होकर एक के बाद एक दर्जनों लोगों ने नेत्रदान का संकल्प लिया। दरअसल रविवार को कैलाश मेमोरियल सेवा संस्थान माली समाज बालोतरा की ओर से एक सड़क दुखांतिका की दूसरी बरसी पर रक्तदान व नेत्रदान संकल्प शिविर का आयोजन किया गया था। बालोतरा के उपखण्ड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी बतौर अतिथि शिरकत करने यहां पहुंचे थे। आमजन को रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित करने की सोच को लेकर एसडीएम सोनी ने पहले खुद रक्तदान किया। मरणोपरांत नेत्रदान के लिए संकल्प पत्र भरा और उसके बाद लोगों से आह्वान किया कि रक्तदान व नेत्रदान को लेकर तमाम भ्रांतियों से ऊपर उठकर यह पुण्य अर्जित करें। वक्त जरूरत किसी को रक्तदान कर अनमोल जिंदगी बचाना या अंधकार में खोई किसी की जिंदगी को नेत्रदान के जरिए कतरा भर रोशनी मुहैया करवाने की एक कोशिश स्वर्ग की चौखट को फलांगने से कम नहीं कही जा सकती।
नई ऊर्जा का संचार - बालोतरा के उपखण्ड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी ने माली समाज के इस पुनीत आयोजन को मुहिम बना दिया। उन्होंने सीख और सबक देने की बनिस्पत अव्वल खुद पहल की। नतीजा यह रहा कि एक के बाद एक लोग जुड़ते रहे और कारवां बढ़ता गया।
मकसद सिर्फ एक - बकौल उपखण्ड अधिकारी सोनी, इस कार्यक्रम में शरीक होने के पीछे उनका अहम मकसद था कि रक्तदान व मरणोपरांत नेत्रदान को लेकर आज भी लोगों में वहम और भ्रांतियां है। ऐसे में वक्त जरूरत लोग हिचकिचाते है। इस हिचक और मिथक को तोड़ने के लिए ही उन्होंने पहले खुद रक्तदान किया, फिर मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा। ताकि आमजन इसके लिए जागरूक बनें।
हाकिमों के लिए अजीम संदेश - दरअसल एक भीषण सड़क हादसे में अपनों को खोने के बाद माली समाज बालोतरा ने लगातार दूसरे साल बरसी कार्यक्रम का आयोजन कर रक्तदान व मरणोपरांत नेत्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया। किसी समाज - सम्प्रदाय यानि अवाम के बीच लोकसेवक अपना भरोसा कैसे कायम करें, इसके लिए ऐसे कदम की जरूरत रहती है, जो नजीर बने। और वो ही बालोतरा के उपखण्ड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी ने बखूबी किया।
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