Thursday, 3 March 2022

देखे मैंने सुनहरे सपने मेहनत के बल पूरा करूंगी करके कठोर परिश्रम ऊंचाइयों को छू लूंगी ।

 


देखे मैंने सुनहरे सपने 
मेहनत के बल पूरा करूंगी
 करके कठोर परिश्रम
 ऊंचाइयों को छू लूंगी ।

रख दया भाव

कर लूंगी सपने पूरे
 निद्रा त्याग कर 
भूख-प्यास भूला कर
 बैठ एकांत में ।

छु लूंगी सीढ़ी को

जिसका चढ़न है कठिन

करके लाख जतन
 बंद कमरे में जाग कर ।

करके कठोर त्याग

आज तो जागी सो लूंगी कल

भूली जो सबको, मना लूंगी

आज तो बैठी, कल लहरा लूंगी ।

सीमा रंगा इन्द्रा हरियाणा
कवयित्री व लेखिका

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