बी श्रेणी खनन इकाइयों को राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकंलन प्राधिकरण द्वारा ही दी जाती है पर्यावरण अनुमति
-वन एवं पर्यावरण मंत्री
जयपुर। वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री हेमा राम चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान में बी श्रेणी की खनन इकाइयों को पर्यावरण प्रभाव आकंलन अधिसूचना 2006 के अंतर्गत वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकंलन प्राधिकरण द्वारा ही उक्त प्रावधानों के अंतर्गत ही पर्यावरण स्वीकृति प्रदान की जाती है।
श्री चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि पर्यावरण अनुमति से संबंधित कार्य वर्तमान में संभाग स्तर पर नहीं किए जा रहें। उन्होंने सदस्य को आश्वस्त किया कि इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और यदि संभव हुआ तो संभाग स्तर पर भी यह व्यवस्था लागू किए जाने के प्रयास किए जाएंगे। हालांकि, वर्तमान में पर्यावरण से संबंधित कार्य ऑनलाइन ही हो रहें हैं।
इससे पहले वन एवं पर्यारण मंत्री ने विधायक श्रीमती दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकर से प्राप्त सूचनानुसार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय,भारत सरकार,के राजपत्र दिनांक 14 सितम्बर 2006 में प्रकाशित पर्यावरण प्रभाव आकंलन अधिसूचना 2006 एवं समय समय पर हुए संशोधनों के अन्तर्गत सलंग्न शिड्यूल में वर्णित क्रियाकलापों के लिए पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति की आवश्कता प्रतिपादित की गई है। इसमें खनन कार्य भी शामिल है। उन्होंने बताया कि मार्बल खनन इकाइयों के लिए पृथक से कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने बताया कि गत तीन वर्षों में वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार,द्वारा विशिष्ठत खनन कार्य से सम्बंधित अधिसूचनाएं दिनांक 29 नवम्बर 2019, दिनांक 28 मार्च 2020 एवं दिनांक 13 जुलाई 2021राजपत्र में प्रकाशित की गई है। उन्होंने इससे संबंधित विस्तृत विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण से प्राप्त सूचनानुसार पूर्व में मार्बल खनन की बी-2 श्रेणी की खनन इकाइयों को जिला स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण के द्वारा पर्यावरण अनुमति प्रदान की जाती थी। तत्पश्चात् माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (केन्द्रीय),नई दिल्ली,द्वारा ओ.ए. सं. 186/2016 सत्येन्द्र पाण्डेय बनाम एम.ओ.ई.एफऔर सी.सी. एवं अन्य तथा ओ.ए.नम्बर 520/2016,विक्रांत तोंगड वी/एस.यू.ओ.आई. एवंअन्य में दिनांक 13 सितम्बर 2018और दिनांक11 दिसम्बर 2018के आदेशों के द्वारा जिला स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण की विधि मान्यता पर रोक लगा दी गई है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने बताया कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण से प्राप्त सूचनानुसार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय,भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक14 सितम्बर 2016 के अन्तर्गत पर्यावरण अनुमति उक्त अधिसूचना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा गठित प्राधिकरण द्वारा ही प्रदान की जाती हैं। अतः मार्बल खनन की लघु इकाइयों को पर्यावरण अनुमति लेने में सुगमता प्रदान करने और जिला स्तर पर ही अनुमति प्रक्रिया पूर्ण करने के संबंध में निर्णय भारत सरकार द्वारा ही किया जाना संभव है।
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