Wednesday, 13 July 2022

गुरू अंधकार से रौशनी की ओर ले जाते है - महामण्डलेश्वर 5 हजार से अधिक शिष्यों व भक्तों का हुआ आगमन महामण्डलेश्वर के जन्मोत्सव पर शिष्यों ने पाद प्रक्षालन कर 2100 थालियों में दीप से की महाआरती

गुरू अंधकार से रौशनी की ओर ले जाते है - महामण्डलेश्वर 5 हजार से अधिक शिष्यों व भक्तों का हुआ आगमन महामण्डलेश्वर के जन्मोत्सव पर शिष्यों ने पाद प्रक्षालन कर 2100 थालियों में दीप से की महाआरती
धोरीमन्ना विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय, नागौर में गुरू पूर्णिमा महोत्सव व महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज का 48 वां जन्मोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। गो चिकित्सालय के व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि महाण्डलेश्वर ने सर्वप्रथम अपने गुरू महाराज के चित्रपट्ट के समक्ष विधिवत् मत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित कर पुष्पमाला पहनाकर व आरती कर पूजन किया। पश्चात् महामण्डलेश्वर सिंघासन पर बैठने से पूर्व शिष्यों ने ‘वारी जाऊ रे बलिहारी जाऊ रे’ भजन के साथ भव्य तरीके से स्वागत सम्मान किया और साष्टांग प्रणाम किया दूर-दराज से पधारे शिष्य-शिष्याओं ने वेद ध्वनि के उच्चारण द्वारा आचार्य पुष्पेन्द्र पाठक ने विधिवत् मंत्रोच्चारण द्वारा गुरू पूजन व पाद प्रक्षालन करवाया, साथ ही 2100 अलग-अलग थालियों में दीप प्रज्वलित करा महाण्डलेश्वर की महाआरती की। सैंकड़ों भक्तों ने महामण्डलेश्वर को गुरु धारण किया उनको विधिवत् मंत्रोंचारण कर गुरु धारण करवाया गया। सभी शिष्यों ने 48 वें अवतरण दिवस की बधाई देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। महामण्डलेश्वर ने आध्यात्मिक प्रवचन में जटील आध्यात्मिक विषयों को प्रसंगों के माध्यम से आसान कर बताया ताकि शिष्यों का आसानी से आत्मा और परमात्मा के साक्षातकार शीघ्र सम्भव हो, साथ हि गुरु धारण का महत्व, गुरू पूर्णिमा का महत्व, नशामुक्ति, आदर्श घर, भक्ति की आठ अवस्थाएँ व नवधा भक्ति इत्यादि विभिन्न बिन्दुओं पर बारीकी से अध्यात्मिक प्रवचन दिया। साथ ही बताया कि गु का अर्थ अंधकार और रू का अर्थ रौशनी अंधकार से रौशनी की और ले जाने वाले व्यक्ति गुरू ही होता है, यह हमारे अंधकार से भरे जीवन को प्रकाश से भर उसे उजागर करते है। गुरू के बिना किसी भी व्यक्ति के जीवन का मोल नहीं होता।वृंदावन की सुप्रसिद्ध संगीत मंडली व चुरू के प्रसिद्ध गायक फुलचन्द नायक एण्ड पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां भी दिन भर चलती रही, सभी भक्तों ने नृत्य कर आनन्द लिया। इस दौरान गुरु व शिष्य की विभिन्न झांकियां सजाई गयी जिसमें गुरु दत्तात्रेय, गुरु विश्वामित्र, वेद व्यास, जमदाग्नि ऋषि और मतंग मुनि की झांकिया आकर्षक की केन्द्र बनी। सभी भक्तों व शिष्यों हेतु गोलोक महातीर्थ में ठहरने व भोजन इत्यादि की व्यवस्था निःशुल्क दिनभर चलती रही। इस महोत्सव का लाइव प्रसारण किया गया जिसके माध्यम से देश के अलग-अलग कौने में बैठे हजारों भक्त व शिष्य दिनभर जुड़े रहे और इस कार्यक्रम का आनन्द लिया। नागौर व 40 कि.मी. की परिधी में आस-पास के गावों से भक्तों व शिष्यो को लाने व ले जाने हेतु छोटे वाहनों एवं बसों की निःशुल्क व्यवस्था की गई। इसके अलावा रियांबड़ी, तारपुरा, मुहाणा बीकानेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर से अपनी निजी बसों के द्वारा सैंकड़ो भक्तों का आगमन हुआ। जोधपुर शाखा में महामण्डलेश्वर का जन्मोत्सव व गुरू पूर्णिमा महोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया इस दौरान गोसेवको ने महामण्डलेश्वर के चित्रपट्ट के समक्ष विधिवत् मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित कर पुष्पमाला पहनाकर व आरती कर पूजन किया और आशीर्वाद लिया बिश्नोई ने बताया कि महामण्डलेश्वर ने अपने जन्मोत्सव पर 31 महिला व पुरूषों को रोजगार देकर आशीर्वाद प्रदान किया, जो प्रतिवर्ष करते आये हैं। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर भक्तों ने गोहितार्थ लाखो रुपये का सहयोग किया।

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