डॉक्टर दंपति का किया ट्रांसफर, हाई कोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक
नागौर जिले के डॉक्टर पति-पत्नी का ट्रांसफर कर दिए जाने के मामलें से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर दोनों के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी है तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव, उप शासन सचिव सहित दो अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामलें की पैरवी कर रहे एडवोकेट संदीप कलवानिया ने बताया कि डॉ महेंद्र चाहर एवं डॉ अनिता जाट दोनों पति पत्नी है। पति डॉ महेंद्र चाहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दयालपुरा डीडवाना में कार्यरत है एवं इसकी पत्नी डॉ अनिता जाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोटन नागौर में कार्यरत है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उप शासन सचिव ने 13 जुलाई को आदेश जारी कर दोनों पति-पत्नि का ट्रांसफर कर दिया। जबकि प्रार्थीगण के स्थान पर किसी को भी नही लगाया है। एडवोकेट कलवानिया ने दलील दी कि विभाग ने बिना प्रशासनिक आवश्यकता के दोनों पति-पत्नी का ट्रांसफर किया है। जो अनुचित एवं राज्य सरकार की पति-पत्नी के सरकारी सेवा में होने की नीति के विपरीत है लिहाजा ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाई जाए। इस पर हाई कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाकर राहत दी है। वहीं झुंझुनूं के जिले के तीन चिकित्सकों के ट्रांसफर से जुड़ी याचिकाओं की हाई कोर्ट ने सुनवाई कर तीनों चिकित्सकों के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी है तथा जिले के सीएमएचओ सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव, निदेशक सहित दो अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तीनों चिकित्सकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं में अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि डॉ.मनोज कुमार सैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुरवाटी में पर कार्यरत है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उप शासन सचिव ने 13 जुलाई को आदेश जारी कर प्रार्थी का तबादला राजगढ़ चुरू में कर दिया। 13 जुलाई के आदेश से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केड में कार्यरत डॉ चंद्र प्रकाश शिवरान का परबतसर नागौर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भौड़की में कार्यरत डॉ. रवीना लांबा का लाडनूं जिला नागौर कर दिया। विभाग ने ट्रांसफर आदेश की पालना में तीनों चिकित्सकों को तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर स्थान पर कार्यग्रहण करने के निर्देश दिए है। अधिवक्ता कलवानिया ने दलील कि विभाग ने प्रार्थीगण के स्थान पर अन्य कार्मिको को एडजस्ट करने के लिए इनका राजनीति हस्तक्षेप के कारण बिना प्रशासनिक आवश्यकता के स्थानांतरण किया है तथा विभाग ने प्रार्थीगण के ट्रांसफर आदेश में नियमों की भी अवहेलना की है। जबकि प्रार्थीगण की सेवाएं संतोषप्रद है। इसके बावजूद बिना प्रशासनिक आवश्यकता ट्रांसफर किया गया है। जो अनुचित एवं विधि विरुद्ध है। लिहाजा प्रार्थीगण के ट्रांसफर आदेश को निरस्त किया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने तीनों चिकित्सकों के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाकर प्रार्थी को राहत दी है।
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