बालोतरा: बजरी की राॅल्यटी दर से 10 गुना अधिक वसूली के खिलाफ जनाक्रोष, बालोतरा में हजारो लागो ने किया महापडाव, सरकार को 15 दिन का दिया अल्टीमेटम
दिव्य पंचायत न्यूज़ नेटवर्क
बालोतरा। लुणी नदी से बजरी खनन में ठेकेदार द्वारा मनमानी राशि वसूलने के खिलाफ बाड़मेर जिले की जनता में जनता में आक्रोश है। रविवार को बालोतरा में सर्व समाज के आव्हान पर हजारों लोगों ने महापड़ाव डाल कर ठेकेदार की रॉयल्टी दर से 10 गुणा अधिक वसूली, गुंडागर्दी को रोकन को मांग की गई। सर्व समाज के आह्वान पर आयोजित हुए महापड़ाव में कांग्रेस, भाजपा, रोलापा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओ ने ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ रोष जाहिर किया। महापड़ाव में पहुंचे हजारों लोगों ने एक सुर में आह्वान किया कि ठेकेदार सरकार द्वारा निर्धारित दर से 10 गुणा अधिक 550 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली कर रहा है उस पर अंकुश लगाना होगा, साथ ही पुलिस की ठेकेदार से मिलिभगत से आमजन पर दर्ज करवाये जा रहे झूठे मुकदमो पर रोक लगाई जावे। हजारों लोगों ने महापड़ाव के बाद उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुँच कर ज्ञापन सौपा।
महापडाव को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख महेन्द्र चौधरी ने कहा कि सर्व समाज के आह्वान पर जो यह आंदोलन शुरू हुआ हैं यह अब रूकने वाला नही हैं, ठेकेदार की मनमानी बाडमेर में नही चलने देंगे जिस तरह से आज एकता दिखाई हैं यह हाथ के पंजे के रूप में बनी रहेगी जिससे हम इसको निपटने में जल्द कामयाब हो जायेंगे। जिला प्रमुख ने कहा कि जिस तरीके से ठेकेदार अपनी रसूखात दिखा रहा हैं जिसको लेकर जिले के सभी प्रधान, सरपंच आमजन के साथ हैं, बजरी की मनमानी दरों की वसूली से सरकारी कार्य जिसमे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना के काम अटक गये हैं। उन्होने कहा कि इस महापडाव के बाद भी यदि मांगे नही मानी जाती हैं तो प्रतिनिधि मंडल जयपुर मंे सरकार के समक्ष भी मांग रखी जायेगी।
महापडाव को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश महामंत्री उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि सरकार की शह पर ठेकेदार मनमानी कर रहा हैं इसके लिए दोषी राज्य सरकार हैं। जो भाजपा में ठेकेदार था वही अभी भी ठेकेदारी कर रहा हैं, सब कुछ मिलीजुली का खेला जा रहा हैं। समय रहते चेते नही तो जनता खुद कानून हाथ में लेकर ठेकेदार को नदी से भगाया जायेगा। बेनीवाल ने एक पुलिस अधिकारी पर ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर ठेकेदारी करने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि पुलिस आमजन के बजाय ठेकेदार के इषारों पर काम कर रही हैं।
इस दौरान भाजपा जिला महामंत्री बालाराम मूढ ने कहा कि बजरी को लेकर जो आंदोलन शुरू किया हैं इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा तभी हमारी जीत होगी, अन्यथा आने वाले वक्त में बाडमेर के लोगों को कोई भी नही पूछेगा, उन्होने कहा कि राजनीति छोड कर इस मुहिम को आगे बढाना होगा।
इन्होंने भी किया संबोधित
महापडाव को बजरी यूनियन से जुडे अनिल शर्मा, उपजिला प्रमुख खेताराम कालमा, जिला परिषद सदस्य खैराजराम हुड्डा, बालोतरा प्रधान भगवतसिंह जसोल, पायला कला प्रधान चुन्नीलाल माचरा, सिवाना प्रधान मुकनसिंह राजपुरोहित, पंचायत समिति सदस्य ठाकराराम गोदारा, भूराराम जाणी, सरपंच ईष्वरसिंह जसोल, रहीशदान चारण, श्याम डांगी, पाटोदी सरपंच संघ अध्यक्ष अयुब खां, पूर्व सरपंच नगराज गोदारा, चैनसिंह तिलवाडा, सरपंच मानाराम, भैरूलाल नामा, थानसिंह डोली, सुरेश सिहाग, जालाराम पलीवाल, तिलोकचंद चौधरी, प्रहलादराम धतरवाल, यासीन कासमी, ओम काकड़, ओम प्रकाश बैरड़ सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।
यह है प्रमुख मांगे
1. सरकार तुरंत प्रभाव से बजरी की दरे जो ठेकेदार द्वारा 550 प्रति टन वसूली जा रही है. उसको 80 रुपये प्रति टन करे.
2. नदी हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और खनन नीति और नियमो को ताक पर रखते हुए सम्बन्धित फर्म द्वारा जो अवैध रूप से बजरी स्टॉक की जा रही है. उस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगवाए.
3. नदी क्षेत्र के स्थानीय टेक्टरों को ऊंट गाड़ी की श्रेणी में लेकर उनको बजरी निशुल्क दी जाए या छूट दी जाए.
4. सम्बंधित फर्म द्वारा रॉयल्टी के नाम पर अपराधी प्रवत्तियों के लोगो को बिना नम्बर की गाड़ियों को देकर क्षेत्र में छोड़ा गया हैं. जो अनैतिक है इन अपराधी प्रवर्ती के लोगो पर कार्यवाही करके रॉयल्टी की मॉनिटरिंग माइनिंग विभाग को सौंपी जाए अन्यथा क्षेत्र में माहौल खराब हुआ तो जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
5. सम्बन्धित फर्म के बाहर से आए हुए लोग जो काम कर रहे हैं उनका पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाए जिससे कल कोई अनहोनी की घटना हो तो प्रशासन के पास लोगो की जानकारी हो सके.
क्या हैं आंकडे
वैध बजरी खनन को लेकर पचपदरा क्षेत्र में लूनी नदी में 3056 हैक्टेयर में सालाना 25.20 लाख टन बजरी खनन की अनुमति जारी की गई है. लूनी नदी में वैध बजरी खनन में सरकार के राजस्व खाते में 50 रुपये प्रति टन जमा होते हैं, जिसमें 45 रु प्रति टन रॉयल्टी, 10ःडीएमएफटी व 2ः आरएसएमईटी मिला कर 50.50 रुपये का राजस्व मिलता है, लेकिन सरकार द्वारा बजरी की दर निर्धारित नहीं होने के चलते ठेकेदार ने मनमानी तरीके से बजरी की 550 टन के हिसाब से वसूली शुरू कर दी है, जो अवैध बजरी खनन से भी कई गुना महंगी है. इतना ही नहीं बजरी ठेकेदार बिना रसीद देकर रोजाना राज्य सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचा रहा है और जीएसटी की भी बजरी ठेकेदार लगातार चोरी कर रहा है. जिसको लेकर आमजन व गहलोत सरकार के विधायक व मंत्री लगातार अपनी ही सरकार को घेर रहें हैं, तो विपक्ष ने भी बजरी के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
बालोतरा से बंशीलाल चौधरी की रिपोर्ट
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