Friday 30 September 2022

ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा: हरीश चौधरी- ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर हजारों युवाओं का जयपुर में प्रदर्शन

ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा: हरीश चौधरी
- ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर हजारों युवाओं का जयपुर में प्रदर्शन
- सीएमओ में हुई आरक्षण विसंगति को लेकर बैठक, मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्मिक विभाग को परिपत्र वापस लेने व रोस्टर अपडेट के दिये निर्देश।
जयपुर। राजस्थान में ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर शुक्रवार को जयपुर में महा रैली का आयोजन किया गया। महारैली में प्रदेशभर से ओबीसी वर्ग के युवाओं व बुर्जुग लोगों ने भाग लिया। जयपुर के शहीद स्मारक पर ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित महासम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा के लिए विसंगति को दूर करने का आह्वान किया। हरीश चौधरी ने  कहा कि हमारा मकसद सिर्फ ओबीसी आरक्षण विसंगति को दूर करने का लक्ष्य है। हमे राजनीति और आरोप प्रत्यारोप में नहीं पड़ना है।उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय एक परिपत्र जारी हुआ जिसमें ओबीसी वर्ग के 21% आरक्षण में से 12.5% पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित कर लिया। चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है. 21 प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का एक भी पद पर चयन नहीं हुआ। चौधरी ने कहा कि विभाग ने भर्तियों को लेकर जो उपनियम बनाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो।
विसंगति के चलते सरकारी भर्तियों में ओबीसी वर्ग के युवाओं के साथ बड़ा कुठाराघात हो रहा है इसी को लेकर युवाओं की मांग के अनुसार हमने उनकी आवाज को बुलंद करते हुए इस महापड़ाव के जरिए राज्य सरकार से आह्वान किया कि जो परिपत्र जारी हुआ है उसको विसंगति को दूर कर ओबीसी वर्ग के साथ  न्याय करने की मांग की गई।  
सरकार ने दो प्रमुख मांगो को मानने का दिया आश्वासन- 

ओबीसी महासम्मेलन को देखते हुए  ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए सीएम ऑफिस बुलाया गया। जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान विधायक हरीश चौधरी, विधायक बलजीत यादव, किसान नेता राजाराम मील, सरकारी अफसरों में डीओपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेमंत गेरा और सीएमओ में कार्यरत आईएएस आरती डोगरा मौजूद रहे। राजाराम मील ने बताया कि सरकार ने 2018 के सर्कुलर में संशोधन के लिए 2 दिन का समय देने की बात कही। इसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने महापड़ाव स्थल पहुंच कर वार्ता की बात बताते हुए महा पड़ाव स्थगित करने का एलान किया। 

इन्होंने भी किया सम्बोधित-
महारैली को राजस्थान जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी बहरोड़ के निर्दलीय विधायक बलजीत यादव, ओसिया विधायक दिव्या मदेरणा, विधायक रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर, राजस्थान विश्वविधालय अध्यक्ष निर्मल चौधरी सहित कई राजनेताओं ने सम्बोधित करते हुए ओबीसी वर्ग की आवाज को बुलंद किया।

सीएम गहलोत बोले- कानूनी राय लेकर जल्द समाधान निकाला जाएगा

सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा- ओबीसी आरक्षण के संबंध में पैदा हुई विसंगतियों का पॉजिटिव सॉल्यूशन निकालने के लिए अधिकारियों को डायरेक्शन दिए हैं। विभागीय और कानूनी राय लेकर इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा, जिससे यह न्यायिक प्रक्रिया में ना अटके।

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