बाड़मेर के पचपदरा में देश का पहला आयोजन जहां 1000 बेटियाँ एक साथ पहुंची बाबुल की गलियों में
बेटियों की तीन से चार पीढियां भी पहुंची पचपदरा
यूके, आस्ट्रेलिया, दुबई, न्यूयार्क से भी बेटियां पहुंची पचपदरा
बंशीलाल चौधरी/दिव्य पंचायत
बालोतरा। पचपदरा में बेटियों की पहल पर देश का पहला एक अनूठा आयोजन हो रहा हैं, जिसमे भारत सहित कई देशों से 1 हजार से अधिक बेटियां इन दिनों अपने पीहर पचपदरा आई हुई। इस अनूठे आयोजन में कई परिवारों की चार-चार पीढियां अपनी पुरानी गलियों को देखने पहुंची हैं। यह सब हुआ दो बहनों ममता तलेसरा और भावना ढेलडिय़ा की पहल से।
ममता मुंबई में रहती हैं और भावना इचलकरंजी में। ममता ने बताया कि पिछले साल अगस्त में वे कर्नाटक के होस्पेट में एक शादी में गई थीं। वहां दोनों बहनों की बातों-बातों में यह आइडिया आया और दोनो बहनो से वाट्सअप ग्रुप बना कर कुछ बहनों को जोड़ा और उसका लिंक शेयर किया। कुछ ही दिनों में ग्रुप में सैकड़ो बहिने देश-विदेश से अलग-अगल हिस्सों से जुड गई और सभी ने हमारी पहल को समर्थन देते हुए ऐसे आयोजन के लिए तैयार हो गये।
पचपदरा की बेटी भावना ढेलडिया ने बताया कि हमारी इस पहल की जानकारी पचपदरा के भाईयों को मिली तो उन्होने हमसे सम्पर्क किया कि आप ऐसा आयोजन करो, यहां की सारी व्यवस्थाएं हम कर देंगे। ऐसे संकल्प के चलते आज हम 1000 बेटियां एक साथ पचपदरा में इस अनूठे आयोजन की हिस्सा बन रही हैं।
इस अनूठे बेटियों केआयोजन में भारत के विभिन्न शहरों के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, दुबई में रह रहीं पचपदरा की एक हजार से ज्यादा बेटियां शामिल हो रही है। इनमें बहुत सी तो ऐसी भी हैं, जो पिछले 20-30 बरसों से यहां नहीं आई थीं, बिजनेस के चलते पूरे परिवार ने ही पचपदरा से पलायन कर दिया वे बेटियां आज पचपदरा पहुंच कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं।
बेटियों की तीन से चार पीढियां भी पहुंची पचपदरा
यूके, आस्ट्रेलिया, दुबई, न्यूयार्क से भी बेटियां पहुंची पचपदरा
बंशीलाल चौधरी/दिव्य पंचायत
बालोतरा। पचपदरा में बेटियों की पहल पर देश का पहला एक अनूठा आयोजन हो रहा हैं, जिसमे भारत सहित कई देशों से 1 हजार से अधिक बेटियां इन दिनों अपने पीहर पचपदरा आई हुई। इस अनूठे आयोजन में कई परिवारों की चार-चार पीढियां अपनी पुरानी गलियों को देखने पहुंची हैं। यह सब हुआ दो बहनों ममता तलेसरा और भावना ढेलडिय़ा की पहल से।
ममता मुंबई में रहती हैं और भावना इचलकरंजी में। ममता ने बताया कि पिछले साल अगस्त में वे कर्नाटक के होस्पेट में एक शादी में गई थीं। वहां दोनों बहनों की बातों-बातों में यह आइडिया आया और दोनो बहनो से वाट्सअप ग्रुप बना कर कुछ बहनों को जोड़ा और उसका लिंक शेयर किया। कुछ ही दिनों में ग्रुप में सैकड़ो बहिने देश-विदेश से अलग-अगल हिस्सों से जुड गई और सभी ने हमारी पहल को समर्थन देते हुए ऐसे आयोजन के लिए तैयार हो गये।
पचपदरा की बेटी भावना ढेलडिया ने बताया कि हमारी इस पहल की जानकारी पचपदरा के भाईयों को मिली तो उन्होने हमसे सम्पर्क किया कि आप ऐसा आयोजन करो, यहां की सारी व्यवस्थाएं हम कर देंगे। ऐसे संकल्प के चलते आज हम 1000 बेटियां एक साथ पचपदरा में इस अनूठे आयोजन की हिस्सा बन रही हैं।
इस अनूठे बेटियों केआयोजन में भारत के विभिन्न शहरों के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, दुबई में रह रहीं पचपदरा की एक हजार से ज्यादा बेटियां शामिल हो रही है। इनमें बहुत सी तो ऐसी भी हैं, जो पिछले 20-30 बरसों से यहां नहीं आई थीं, बिजनेस के चलते पूरे परिवार ने ही पचपदरा से पलायन कर दिया वे बेटियां आज पचपदरा पहुंच कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं।
देश-विदेश आई बेटियों से प्रतिक्रया ली तो बेटियों के चेहरे खिलखिला उठे, बेटियों ने बताया कि ऐसा आयोजन देश में पहली बार होने जा रहा हैं, कई बेटियों बताया कि हमे 30-40 वर्ष बाद हमारी साथ पढने वाली फें्रडस मिली हैं, हमारी पुरानी यादे ताजा हो रही हैं। गांव की गलियों की यादे लेकर हम एक बार फिर से पुराने दिनों में लौटे हैं। कईयों ने तो बताया कि वे लम्बे अर्से तक नही मिलने से शक्ले तक भूल गये लेकिन अब फिर से मिलन हुआ हैं तो हमे बहुत खुशी हो रही हैं।
नाकोडा में निकली शोभा यात्रा, रिफाइनरी को भी देखा
बेटियों के इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा हैं। इस आयोजन में शरीक होने से लिए बेटियों की उम्र भी आड़े नही आ रही हैं, 20 वर्ष से लेकर 80 साल तक की बेटियां यहां पहुंची हैं। अहमदाबाद, केरला, चैनई, मुम्बई, मालेगांव सहित कई शहरों से बुजुर्ग बेटियां भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनी हैं। शुक्रवार को नाकोड़ा में विशाल शोभायात्रा निकाली गई साथ ही निर्माणाधीन रिफाइनरी को भी देखा और माँ सांभरा माता का आशीर्वाद लिया।
बालोतरा से बंशीलाल चौधरी की रिपोर्ट
नाकोडा में निकली शोभा यात्रा, रिफाइनरी को भी देखा
बेटियों के इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा हैं। इस आयोजन में शरीक होने से लिए बेटियों की उम्र भी आड़े नही आ रही हैं, 20 वर्ष से लेकर 80 साल तक की बेटियां यहां पहुंची हैं। अहमदाबाद, केरला, चैनई, मुम्बई, मालेगांव सहित कई शहरों से बुजुर्ग बेटियां भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनी हैं। शुक्रवार को नाकोड़ा में विशाल शोभायात्रा निकाली गई साथ ही निर्माणाधीन रिफाइनरी को भी देखा और माँ सांभरा माता का आशीर्वाद लिया।
बालोतरा से बंशीलाल चौधरी की रिपोर्ट
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