राजस्थानी संस्कृति प्रस्तुत कर सबका मन मोहा
बाड़मेर। दिव्य पंचायत.
भारत सरकार के कला और संस्कृति मंत्रालय के अधीन संचालित सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र(सीसीआरटी) हैदराबाद में बाड़मेर जिले माध्यमिक शिक्षा विभाग के तीन शिक्षकों ने 'प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में विद्यालयों की भूमिका' विषय वस्तु पर प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर एवं कला संस्कृति का बुधवार को प्रस्तुतिकरण किया।
सीसीआरटी जिला कोऑर्डिनेटर ओम जोशी ने बताया कि बाड़मेर जिले से उप-प्राचार्य तनवीर सिंह डऊकिया, व्याख्याता मोहनलाल सियोल और लालाराम सेंवर 2 अगस्त से 11 अगस्त तक सीसीआरटी हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं वहां पर 16 राज्यों के 102 प्रशिक्षणार्थियों के समक्ष राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर एवं कला के प्रस्तुतिकरण में उन्होंने राजस्थान का संपूर्ण ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक परिचय पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया तथा राजस्थान की लोक कला ,लोकनृत्य के तहत राजस्थानी गीतों कण कण में गूजें राजस्थान, बालम छोटो सो, जहाजबाई ने जोवण दे तथा तेजल सिणगारे जैसे गीतों पर डांस का प्रस्तुत कर सभी प्रशिक्षणार्थियों का मन मोह लिया।
जोशी ने बताया की प्रशिक्षण ले रहे शिक्षक अपने विद्यालय स्तर पर भी शिक्षण और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है और इस प्रशिक्षण का फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा। सीसीआरटी प्रतिवर्ष अलग-अलग विषयों पर इस प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित करता है जिसमें समय-समय पर बाड़मेर के सक्रिय और समर्पित भाव रखने वाले शिक्षक इसमें हिस्सा लेते हैं।
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